महाकुंभ 2025 में इस बार कुछ खास होने जा रहा है। न सिर्फ भारत से, बल्कि दुनियाभर से लोग संगम की पवित्रता का अनुभव करने के लिए आ रहे हैं। 73 देशों के राजनयिक महाकुंभ में भाग लेने के लिए आ रहे हैं, और उनका यह सफर न सिर्फ आध्यात्मिक होगा, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर को भी समझने का मौका मिलेगा। इस बार महाकुंभ ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है और यूपी का डंका सात समंदर पार तक गूंज रहा है।
दुनिया के कोने-कोने से आ रहे हैं महाकुंभ में प्रतिनिधि
1 फरवरी को महाकुंभ में 73 देशों के राजनयिक संगम में स्नान करने के लिए पहुंचेगे। विदेश मंत्रालय से यूपी के मुख्य सचिव को पत्र भी भेजा गया है, जिसमें कहा गया है कि इन देशों के राजनयिक बड़े हनुमान जी और अक्षयवट के दर्शन करना चाहते हैं। जिन देशों के राजनयिक महाकुंभ में आ रहे हैं, उनमें जापान, रूस, अमेरिका, बांग्लादेश, यूक्रेन, जर्मनी, मंगोलिया, कजाकिस्तान, फ्रांस, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा, थाईलैंड, इटली, मलेशिया, न्यूजीलैंड, पोलैंड, फिनलैंड, सीरिया, सोमालिया, और कई अन्य देश शामिल हैं।
यह इस आयोजन की अहमियत को और भी बढ़ाता है क्योंकि महाकुंभ में ऐसे देशों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं जो या तो एक-दूसरे के साथ व्यापारिक संबंध रखते हैं या फिर राजनीति में आपसी मतभेद रखते हैं। इसका यह मतलब भी है कि महाकुंभ केवल आध्यात्मिकता का ही प्रतीक नहीं है, बल्कि यह एकता, शांति और सहयोग का भी प्रतीक बनकर उभरा है।
महाकुंभ में स्नान के बाद धार्मिक और सांस्कृतिक भ्रमण
इन विदेशी राजनयिकों को संगम में स्नान करने के बाद कुछ प्रमुख धार्मिक स्थलों का भ्रमण कराया जाएगा। सबसे पहले, वे अक्षयवट और बड़े हनुमान मंदिर के दर्शन करेंगे, जिन्हें पवित्र माना जाता है। इसके बाद, उन्हें डिजिटल महाकुंभ एक्सपीरियंस सेंटर के जरिए इस ऐतिहासिक आयोजन की गहराई को समझने का मौका मिलेगा। इसमें महाकुंभ के महत्व, भारतीय संस्कृति और योग की विशेषताओं को दिखाने के लिए कई प्रदर्शनियां आयोजित की जाएंगी।
इन राजनयिकों को यूपी के प्रमुख स्थानों का भी भ्रमण कराया जाएगा। यूपी स्टेट पवेलियन, अखाड़े, यमुना कॉम्प्लेक्स, अशोक स्तंभ जैसे ऐतिहासिक स्थलों का अवलोकन करके वे भारतीय सभ्यता और संस्कृति से जुड़ी कई नई बातें जानेंगे।
महाकुंभ बना विश्व का आध्यात्मिक केंद्र
महाकुंभ 2025 ने दुनिया भर के लोगों को आकर्षित किया है। यह आयोजन न केवल भारत की समृद्ध परंपराओं को प्रदर्शित करता है, बल्कि इसके जरिए भारत की संस्कृति, आध्यात्मिकता और धर्मनिरपेक्षता का वैश्विक स्तर पर प्रचार भी हो रहा है। महाकुंभ में हिस्सा लेने आने वाले इन राजनयिकों को भारत की संस्कृति और पारंपरिक जीवनशैली को अनुभव करने का शानदार मौका मिलेगा।
महाकुंभ में यह विशेष आयोजन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हो रहा है, जिन्होंने इसे एक वैश्विक मंच के रूप में प्रस्तुत किया है। उनके प्रयासों से यह आयोजन न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी चर्चा का विषय बन चुका है।
सीएम योगी के विजन का दिख रहा वैश्विक प्रभाव
महाकुंभ 2025 को लेकर दुनिया भर में चर्चाएं हो रही हैं और इस आयोजन को वैश्विक महत्व मिल रहा है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे एक ऐसा रूप दिया है जिससे न सिर्फ भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता को दुनिया भर में जाना जा रहा है, बल्कि यह यूपी की शक्ति और समृद्धि का भी प्रतीक बन गया है।
महाकुंभ के इस आयोजन ने दुनियाभर को एकता, शांति और सहयोग का संदेश दिया है। महाकुंभ को एक अंतरराष्ट्रीय धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन के रूप में प्रस्तुत कर, सीएम योगी ने यूपी के धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को पूरी दुनिया में पहचान दिलाई है।