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महाकुंभ 2025: अमृत स्नान के लिए पूरी तैयारी, प्रशासन ने जारी किए सख्त निर्देश

महाकुंभ 2025 का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। 3 फरवरी यानी बसंत पंचमी के दिन महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान होने जा रहा है। लाखों श्रद्धालु इस दिन पवित्र स्नान के लिए कुंभ के घाटों पर पहुंचेंगे। लेकिन, इस बार प्रशासन ने पहले से ही सुरक्षा को लेकर कड़ी तैयारियां की हैं, ताकि मेला क्षेत्र में किसी भी तरह की अव्यवस्था न हो। खासकर पिछले दिनों 29 जनवरी को कुंभ मेला परिसर में मची भगदड़ के बाद प्रशासन ने और ज्यादा सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।

29 जनवरी की भगदड़ से प्रशासन सतर्क 

29 जनवरी को कुंभ मेला परिसर में रात के समय एक बड़ी भगदड़ मच गई थी। इस भगदड़ में 30 से ज्यादा श्रद्धालुओं की मौत हो गई और लगभग 60 लोग घायल हो गए। घटना के बाद मेला प्रशासन और उत्तर प्रदेश सरकार दोनों ही सकते में आ गए थे। इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को कड़ी हिदायत दी है कि अमृत स्नान के समय किसी भी तरह की चूक नहीं होनी चाहिए।

3 फरवरी को है अमृत स्नान

बसंत पंचमी के दिन अमृत स्नान का विशेष महत्व है। यह दिन पवित्र माना जाता है क्योंकि इस दिन माता सरस्वती की पूजा होती है। धार्मिक दृष्टि से इस दिन स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। कुंभ में अमृत स्नान को लेकर खास उत्साह देखा जाता है, क्योंकि यह स्नान न केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि लाखों श्रद्धालु इसे अपनी जीवन की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा मानते हैं।

इस दिन प्रयागराज में लाखों की संख्या में लोग जमा होते हैं, और प्रशासन के लिए यह सबसे चुनौतीपूर्ण दिन होता है। प्रशासन का मकसद यह है कि इस दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को सही दिशा में मार्गदर्शन दिया जाए और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएं ताकि कोई अनहोनी न हो।

 भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन की तैयारियां सख्त

महाकुंभ में इस बार प्रशासन ने कई नई पहलें की हैं, ताकि अमृत स्नान के दौरान भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। मेला क्षेत्र में भीड़-भाड़ को देखते हुए मेला प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को और भी कड़ा कर दिया है।

साथ ही, इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का गठन किया गया है, जहां से पूरे मेला क्षेत्र की लाइव निगरानी की जाएगी। इस सेंटर में बड़ी-बड़ी स्क्रीन पर मेला क्षेत्र और प्रमुख चौराहों की पल-पल की जानकारी ली जाएगी। इसके माध्यम से पुलिस को किसी भी तरह की अव्यवस्था का तुरंत पता चल सकेगा और सही समय पर कार्रवाई की जा सकेगी।

इसके अलावा, श्रद्धालुओं से यह अपील की जा रही है कि वे स्नान के बाद घाटों पर न रुकें और जल्दी से वहां से हट जाएं। इस कदम से भीड़ को नियंत्रित किया जा सकेगा और घाटों पर ज्यादा समय न रुकने से अव्यवस्था नहीं होगी।

यूपी सरकार ने नियुक्त किए दो सीनियर अधिकारी

उत्तर प्रदेश सरकार ने महाकुंभ 2025 के दौरान सुचारू व्यवस्था बनाए रखने के लिए दो सीनियर आईएएस अफसरों को जिम्मेदारी सौंपी है। आशीष गोयल और भानु चंद्र गोस्वामी, जो 2019 के अर्धकुंभ में भी अहम भूमिका निभा चुके हैं, इस बार भी मेला प्रशासन की कमान संभालेंगे। इन अफसरों के अनुभव और भीड़ प्रबंधन की विशेषज्ञता के चलते मेला प्रशासन को उम्मीद है कि इस बार कोई बड़ी घटना नहीं होगी।

भानु चंद्र गोस्वामी और आशीष गोयल, दोनों ही अफसर भीड़ प्रबंधन के मामलों में माहिर माने जाते हैं। खासकर 2019 के अर्धकुंभ के दौरान इन्होंने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर काफी सकारात्मक कदम उठाए थे। अब 2025 के महाकुंभ में भी इनकी भूमिका अहम रहेगी।

UP पुलिस का अहम रोल

महाकुंभ में पुलिस की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। खासकर भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा के लिहाज से पुलिस को कई जिम्मेदारियां सौपी जाती हैं। मेला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस को घाटों पर और मेला क्षेत्र में भीड़ जमा होने से रोकने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं। एडीजी भानु भास्कर खुद मेला प्राधिकरण भवन में जाकर निगरानी केंद्र का दौरा कर रहे हैं।पुलिस के अलावा, मेला प्रशासन ने अतिरिक्त मेडिकल सुविधाएं भी सुनिश्चित की हैं ताकि किसी भी स्थिति में श्रद्धालुओं को मदद मिल सके।

श्रद्धालुओं से अपील

मेला प्रशासन का कहना है कि अमृत स्नान के दौरान हर श्रद्धालु को संयम और समझदारी से काम लेना चाहिए। घाटों पर ज्यादा समय न रुकें और जल्दी से जगह खाली करें ताकि अन्य श्रद्धालुओं को भी स्नान का अवसर मिल सके। इसके अलावा, घाटों पर खाने-पीने की वस्तुएं लाने से बचें, क्योंकि इससे भीड़ बढ़ सकती है।

33.61 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे कुंभ

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। 13 जनवरी से लेकर अब तक, लगभग 33.61 करोड़ श्रद्धालु पवित्र स्नान कर चुके हैं। इस आंकड़े से साफ है कि कुंभ मेला एक बार फिर अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है। अमृत स्नान के दिन यह संख्या और बढ़ सकती है, और इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने पहले से ही तैयारियों को अंतिम रूप दिया है।

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