Mahashivratri Snan: महाशिवरात्रि के दिन होगा महाकुंभ का अंतिम स्नान, जानें शुभ मुहूर्त

Mahashivratri Snan: महाशिवरात्रि के दिन होगा महाकुंभ का अंतिम स्नान, जानें शुभ मुहूर्त

Mahashivratri Snan: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ का आज 41वां दिन है। अब इस दिव्य आयोजन के मात्र चार दिन बचे हैं। अब तक 58 करोड़ से ज्यादा लोग त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा से शुरू हुआ महाकुंभ 26 फरवरी को महाशिवरात्रि को समाप्त हो जाएगा। महाशिवरात्रि (Mahashivratri Snan) को ही इस कुंभ का आखिरी पर्व स्नान का आयोजन होगा।

महाकुंभ का अमृत स्नान और पर्व स्नान कुंभ मेले का सबसे पवित्र और प्रतीक्षित आयोजन है, जो भक्तों को आध्यात्मिक ज्ञान और मुक्ति प्राप्त करने का मौका प्रदान करता है। कुंभ मेले का आखिरी बड़ा स्नान महाशिवरात्रि (Mahashivratri Snan) पर होने वाला है।

महाशिवरात्रि पर स्नान का मुहूर्त

महाशिवरात्री (Mahashivratri 2025 Date) पर आखिरी स्नान 26 फरवरी, दिन बुधवार को है।

ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 05:00 बजे से प्रातः 05:48 बजे तक
प्रातः संध्या: प्रातः 05:24 बजे से प्रातः 06:37 बजे तक
अमृत काल: सुबह 07:28 से सुबह तक

महाकुंभ के अंतिम स्नान का महत्व

महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पर होने वाला आगामी महाकुंभ स्नान हिंदू धर्म में अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व रखता है। यह पवित्र स्नान अनुष्ठान प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर होगा। दुनिया भर से श्रद्धालु पवित्र जल में डुबकी लगाने के लिए इकट्ठा होंगे, उनका मानना ​​है कि इससे उनकी आत्माएं शुद्ध होंगी और आध्यात्मिक ज्ञान मिलेगा।

हिंदू किंवदंतियों के अनुसार, महाशिवरात्रि भगवान शिव और देवी शक्ति के मिलन का प्रतीक है। इस दिन महाकुंभ स्नान आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाता है, जिससे भक्तों को परमात्मा से जुड़ने का एक अनूठा अवसर मिलता है। इस पवित्र अनुष्ठान में भाग लेकर, भक्त आशीर्वाद, क्षमा और आध्यात्मिक विकास प्राप्त कर सकते हैं।

पांच बड़े स्नानों पर इतने लोगों ने लगाई आस्था की डुबकी

महाकुंभ (Mahakumbh 2025) में अब तक पांच बड़े स्नान हो चुके हैं। इन पांच बड़े स्नानों में तीन अमृत स्नान और दो पर्व स्नानों का आयोजन हो चुका है। अब महाकुंभ का अंतिम स्नान (Mahakumbh Antim Snan) महाशिवरात्रि के दिन 26 फरवरी को होगा और उसी दिन इस भव्य आयोजन का समापन भी हो जाएगा। महाकुंभ में पहला पर्व स्नान पौष पूर्णिमा के दिन 13 जनवरी को हुआ था। उसके अगले दिन 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन पहले अमृत स्नान का आयोजन हुआ था।

29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन और 3 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन दो अमृत स्नानों का आयोजन हुआ था। इसके बाद 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा के दिन इस महाकुंभ के दूसरे पर्व स्नान का आयोजन हुआ था।

पौष पूर्णिमा- 1.70 करोड़ लोगों ने किया स्नान
मकर संक्रांति- 3.50 करोड़ लोगों ने किया स्नान
मौनी अमावस्या- 7.64 करोड़ लोगों ने किया स्नान
बसंत पंचमी- 2.57 करोड़ लोगों ने किया स्नान
माघ पूर्णिमा- 2 करोड़ लोगों ने किया स्नान

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