Mahakumbh 2025 : महाकुंभ के आयोजन से पूरा देश भक्ति-भावना के माहौल में सरोबार है। हिन्द फर्स्ट की टीम लगातार प्रयागराज से महाकुंभ की अपडेट आपके लिए ला रही है। हाल ही में हिन्द फर्स्ट चैनल हेड डॉ. विवेक कुमार भट्ट ने संत श्री बालक योगेश्वर दासजी महाराज के साथ खास बातचीत की।
संत श्री बालक योगेश्वर दास जी महाराज महाकुंभ (mahakumbh 2025) में शहीदों के परिवारों के लिए यज्ञ कर रहे हैं,और उनके आश्रम में शहीदों की तस्वीरें लगाई गई हैं,और शहीदों के परिवार भी उनके साथ यज्ञ में मौजूद हैं। 26 जनवरी यानि गणतंत्र दिवस के दिन महाकुंभ में भगवान की भक्ति के साथ-साथ देशभक्ति का रंग भी देखने को मिला।
हिन्द फर्स्ट (hind first)के चैनल हेड डॉ. विवेक कुमार भट्ट ने योगेश्वर दासजी महाराज से यह जानने की कोशिश की कि देश के शहीदों के लिए यज्ञ करने का विचार उनके मन में कैसे आया। महाराजजी ने बताया कि जब हम जम्मू-कश्मीर में यज्ञ कर रहे थे, तो हमारी मुलाकात शहीदों के परिवारों से हुई। शहीदों से मिलकर हमने उनकी कहानियाँ सुनीं कि कैसे उनके परिवार के सदस्यों ने देश के लिए बलिदान दिया। चूँकि वे शहीद हुए थे, इसलिए हमें लगा कि देश के लिए शहीद होना बहुत बड़ी बात है। उस समय, मुझे यह कहने की प्रेरणा मिली कि अगर मैं होता तो अब मुझे कोई यज्ञ करने की जरूरत है तो मैं इन सैनिकों के नाम पर यज्ञ करूंगा।
अपने देश के लिए अपना प्राण का दान करना बहुत बड़ी बात है
जीवन के सत्य को समझने के लिए घर-संसार छोड़कर संन्यासी बनने वाले साधु-संत और महंतों की भी देश के प्रति अनूठी आस्था होती है। आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर साधु-संत देश के लिए शहीद हुए जवानों को याद कर रहे हैं महाकुंभ में। देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों की आत्मा की शांति के लिए साधु-संत यज्ञ और पूजा-अर्चना कर उन्हें (Martyr) श्रद्धांजलि दे रहे हैं। महाराज जी ने कुंभ मेले को सनातनी मेला बताने हुए, देश के जवानों को दिया धन्यवाद, कहा उनकी वजह से हम सब सभी ये मेला उनकी आज माना पा रहें हैं। हमें उनके त्याग को भूलना नहीं चाहिए। इस दौरान उन्होंने देश के शहीदों के लिए एक कविता कि दो पंक्ति भी बोली “शहीदों कि चिता पर लगेंगे हर वर्ष मेले, वतन पर मरने वालों का बाकी निशां होगा।
शहीदों के परिवारों के लिए प्रार्थना
शहीदों के परिवारों के बारे में बात करते हुए बाबा ने बताया कि, वे कोशिश करते हैं, कि जितना ज्यादा हो पाए उतना शहीदों के परिवारों के संपर्क में रह पाएं। उन्होंने बताया कि इस महाकुंभ में मेले में उनके पास शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के पिताजी भी आये हुए हैं।