उत्तर प्रदेश विधानसभा में सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था इतनी मजबूत है कि 33 करोड़ महिलाएं महाकुंभ में शामिल हुईं, लेकिन किसी तरह की उत्पीड़न या अपराध की घटना नहीं हुई। कुल मिलाकर 67 करोड़ श्रद्धालु कुंभ में पहुंचे, लेकिन एक भी अपराध की खबर नहीं आई।
महाकुंभ ने हमारी विरासत को पूरी दुनिया ने देखा
सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा, “आप भारत की आस्था से खिलवाड़ करते हैं। आपने हमें सांप्रदायिक कहा, लेकिन बताइए, हम कैसे सांप्रदायिक हो सकते हैं? हम तो सबका साथ, सबका विकास की बात करते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “महाकुंभ का 45 दिनों का आयोजन सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में हमारी विरासत और विकास की एक अनोखी छाप छोड़ गया है।”
इतने बड़े आयोजन में किसी प्रकार का कोई क्राइम नहीं हुआ
प्रयागराज में हुए महाकुंभ पर यूपी विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 45 दिनों में 66 करोड़ से ज्यादा लोग देश और दुनिया से इस मेले में आए। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं, लेकिन पूरे आयोजन के दौरान किसी भी तरह की छेड़खानी, लूट, अपहरण या हत्या जैसी कोई घटना नहीं हुई।
उन्होंने बताया कि उम्मीद से ज्यादा लोग महाकुंभ में पहुंचे और सभी ने आस्था के साथ पवित्र स्नान किया। वहां का माहौल देखकर लोग भावुक हो गए और अच्छी यादें लेकर लौटे। यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भी प्रयागराज महाकुंभ की जमकर तारीफ की।
समाजवादी पार्टी आज डॉ. लोहिया को भूल चुकी है
सीएम योगी ने कहा कि समाजवादी पार्टी आज डॉ. लोहिया का नाम तो लेती है, लेकिन उनके आदर्शों और सिद्धांतों से भटक गई है। उन्होंने कहा कि डॉ. लोहिया जिन मूल्यों को मानते थे, समाजवादी पार्टी उन्हें भूल चुकी है।
योगी आदित्यनाथ ने आगे कहा कि विष्णु, शंकर और राम भारत की एकता के प्रतीक हैं, लेकिन समाजवादी पार्टी इस विचार को स्वीकार नहीं करती। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार “सबका साथ, सबका विकास” की नीति पर काम कर रही है।
महाकुंभ में किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं हुआ
महाकुंभ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस आयोजन में भारत की सांस्कृतिक विरासत और विकास की झलक देखने को मिली। उन्होंने जोर देकर कहा कि महाकुंभ में जाति, धर्म या क्षेत्र के आधार पर कोई भेदभाव नहीं हुआ, बल्कि सभी लोगों ने एक साथ इसमें हिस्सा लिया।
सीएम योगी के मुताबिक, इस बार के महाकुंभ में 66 करोड़ 30 लाख लोगों ने स्नान किया। यह दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन था, जिसकी वैश्विक स्तर पर सराहना हो रही है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भी इसे एक अद्भुत उपलब्धि बताया और कहा कि इतना बड़ा आयोजन किसी चमत्कार से कम नहीं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी थे, जिन्हें इसमें सिर्फ कमियां ही दिखीं।