Mahakumbh Amrit Snan : महाकुंभ में बसंत पंचमी का अमृत स्नान सोमवार को होगा। यह महाकुंभ का आखिर अमृत स्नान है। बसंत पंचमी के इस स्नान को लेकर सभी अखाड़ों ने जोरशोर से तैयारी शुरू कर दी है। सभी अखाड़े पालकी सजाने में जुट गए हैं, बता दें, इस अंतिम अमृत स्नान में सभी अखाड़ों के महामंडलेश्वर स्नान में शामिल होंगे। मौनी अमावस्या पर हुए हादसे को देखते हुए अखाड़ों ने स्नान ठीक से नहीं किया किया था। लेकिन इस बार बसंत पंचमी पर स्नान का पूरा उल्लास दीहै देगा। निरंजनी अखाड़े में श्रीमहंत रविंद्रपुरी, सचिव राम रतन गिरि ने मिलकर स्नान की तैयारी की।
बसंत पंचमी का होगा बड़ा स्नान
मौनी अमावस्या के बाद बसंत पंचमी (bansant panchami) के मौके पर होने वाला यह महाकुंभ (mahakumbh 2025) का बड़ा स्नान है। यह अमृत स्नान अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नागा साधुओं के लिए विशेष महत्व रखता है, जिसे वे स्नान अपने निर्धारित समय पर और तरीके से आयोजित करना चाहते हैं।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने जानकारी देते हुए बताया, कि उन्होंने पहले ही मेला प्रशासन को अपनी योजना पहले ही बता दी है। प्रशासन सोमवार को अमृत स्नान से दो दिन पहले यानी शनिवार से शहर में तीर्थयात्रियों के आगमन की उम्मीद कर रहा था। बता दें, अमृत स्नान में नागा साधुओं की दीक्षा प्रक्रिया पूरी की जाती है। इसलिए अमृत स्नान नागा साधुओं के लिए विशेष महत्व रखता है। इस महाकुंभ में, लगभग 12,000 नागा साधुओं को दीक्षा दी जानी थी और उन्हें विभिन्न शैव अखाड़ों में शामिल किया जाना था।
मकर संक्रांति अमृत स्नान के साथ शुरू होती दीक्षा
मकर संक्रांति के साथ साथ दीक्षा की प्रक्रिया शुरू होती है, इसका दूसरा चरण में मौनी अमावस्या का अमृत स्नान के दौरान होना था। लेकिन भगदड़ के कारण अखाड़ों को यह रद्द करना पड़ा। बताया जा रहा है, नागा साधुओं की दीक्षा प्रक्रिया को पूरा करने के लिए, सभी 12,000 साधकों को बसंत पंचमी पर संगम के पवित्र जल में स्नान करना जरुरी माना जाता है।
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