Mahakumbh Last Snan: इस दिन है महाकुंभ का आखिरी महा स्नान, जानें तिथि और मुहूर्त

Mahakumbh Last Snan: इस दिन है महाकुंभ का आखिरी महा स्नान, जानें तिथि और मुहूर्त

Mahakumbh Last Snan: 13 फरवरी को पौष पूर्णिमा के दिन शुरू हुआ भव्य और दिव्य महाकुंभ अब अपनी परिणति की ओर बढ़ रहा है। महाकुंभ को शुरू हुए अब तक 31 दिन हो चुके हैं। अब तक 46 करोड़ से ज्यादा लोग पवित्र त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। महाकुंभ (Mahakumbh Last Snan) में अब तक दो पर्व स्नान और तीन अमृत स्नान का आयोजन हो चुका है। अमृत स्नान में सामान्य जनों के अलावा सभी अखाड़ों साधु-संत भी भाग लेते हैं। जबकि पर्व स्नान में अखाड़े भाग नहीं लेते हैं।

महाकुंभ में हो चुके हैं दो पर्व और तीन अमृत स्नान

महाकुंभ (Mahakumbh Last Snan) के पहले ही दिन पौष पूर्णिमा का पर्व स्नान था। इसके अगले दिन 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर महाकुंभ का पहला अमृत स्नान (Mahakumbh Amrit Snan) आयोजित किया गया था। महाकुंभ के पहले अमृत स्नान में लगभग 3.5 लोगों ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई थी। इसके बाद 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन दूसरा अमृत अमृत स्नान हुआ था। इस दिन 8 करोड़ से ज्यादा लोगों ने स्नान किया था। महाकुंभ का तीसरा और अंतिम अमृत स्नान बसंत पंचमी के दिन 3 फरवरी को हुआ था। इस दिन भी 2.5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने स्नान किया था।

इस महाकुंभ का दूसरा पर्व स्नान माघ पूर्णिमा (Magh Purnima 2025) के दिन आयोजित हुआ। 12 फरवरी को हुए इस महा स्नान लगभग तीन करोड़ से ज्यादा लोगों ने त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई।

Mahakumbh Last Snan: इस दिन है महाकुंभ का आखिरी महा स्नान, जानें तिथि और मुहूर्त

कब होगा महाकुंभ का आखिरी पर्व स्नान?

महाकुंभ का आखिर महा स्नान या पर्व स्नान 26 फरवरी को महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2025) के दिन होगा। इस पर्व स्नान के साथ महाकुंभ 2025 का समापन भी हो जाएगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस दिन भी स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ेगी। आखिरी स्नान में न केवल कुंभ, बल्कि भगवान शिव के मंदिरों में भी लोगों की भारी भीड़ उमड़ेगी। इस दिन लोग पवित्र नदी में सुबह-सुबह स्नान करते हैं और शिव मंदिरों में जल चढ़ाते हैं।

महाशिवरात्रि पर स्नान का शुभ मुहूर्त

इस वर्ष महाशिवरात्रि 26 फरवरी को मनाई जाएगी। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन महाशिवरात्रि मनाई जाती है। चतुर्दशी तिथि का आरंभ 26 फरवरी, सुबह 11:08 बजे से होगा और 27 फरवरी 2025, प्रातः 08:54 बजे तक रहेगा। चतुर्दशी तिथि का प्रदोष और निशिता काल 26 फरवरी को है, इसलिए, महाशिवरात्रि का व्रत 26 फरवरी 2025 को रखा जाएगा। महाशिवरात्रि पर महाकुंभ में स्नान (Mahashivratri Snan Shubh Muhurat) का ब्रह्म मुहूर्त 5 बजकर 9 मिनट पर शुरू होगा और 5 बजकर 59 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। इस दिन लोग स्नान करने के साथ-साथ महादेव की पूजा और दान भी करते हैं।

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महाशिवरात्रि पर महाकुंभ में स्नान का महत्व

महाकुंभ के दौरान महाशिवरात्रि (Mahashivratri Snan Significance) पर पवित्र स्नान का अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व है। भक्तों का मानना ​​है कि पवित्र नदियों में स्नान करने से, विशेषकर त्रिवेणी संगम (गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम) पर स्नान करने से पाप धुल जाते हैं और मोक्ष मिलता है। भगवान शिव की पावन रात्रि, महाशिवरात्रि पर, यह अनुष्ठान और भी अधिक शक्तिशाली हो जाता है, क्योंकि भक्त दिव्य आशीर्वाद, आध्यात्मिक शुद्धि और आंतरिक परिवर्तन चाहते हैं। माना जाता है कि इस दिन पवित्र जल ब्रह्मांडीय ऊर्जा से भरपूर होता है, जो ध्यान और भक्ति को बढ़ाता है। इस दिन डुबकी लगाना शिव के प्रति समर्पण करने, कर्म को शुद्ध करने और शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने का एक तरीका है।

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