Mahakumbh Magh Purnima: महाकुंभ में माघ पूर्णिमा का पर्व स्नान आज है। महाकुंभ के पांचवे बड़े स्नान के अवसर पर आज सुबह ब्रह्म मुहूर्त से ही लोग डुबकी लगा रहे हैं। अनुमान है कि आज माघ पूर्णिमा (Mahakumbh Magh Purnima) के इस पावन अवसर पर करोड़ों लोग गंगा, यमुना और सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर आस्था की पवित्र डुबकी लगाएंगे।
इससे पहले लाखों श्रद्धालु ‘माघी पूर्णिमा स्नान’ के लिए प्रयागराज में दो दिन पहले से ही एकत्रित होने शुरू हो गए थे। 13 जनवरी से शुरू हुई महाकुंभ की एक महत्वपूर्ण परंपरा कल्पवास, भी आज माघ पूर्णिमा (Mahakumbh Magh Purnima) के स्नान के साथ समाप्त होगी। आज बड़ी संख्या में कल्पवासी संगम में पवित्र डुबकी लगाएंगे, पूजा करेंगे और घर लौटने से पहले दान करेंगे। आज माघ पूर्णिमा के अलावा महाशिवरात्रि (Mahashivratri) का प्रमुख स्नान कार्यक्रम अभी भी शेष हैं।
माघ पूर्णिमा पर स्नान का सबसे शुभ समय
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, माघी पूर्णिमा 11 फरवरी को शाम 6:55 बजे शुरू होगी और 12 फरवरी को शाम 7:22 बजे तक जारी रहेगी। चूंकि हिन्दू धर्म में उदया तिथि का महत्व है, इसलिए माघी पूर्णिमा आज 12 फरवरी को मनाई जा रही है।
माघ पूर्णिमा (Magh Purnima) को को बेहद पवित्र त्योहार माना जाता है। इस दिन रात को छोड़कर किसी भी समय पवित्र स्नान किया जा सकता है, लेकिन शुभ समय का विशेष महत्व होता है। जानकारी के मुताबिक आज शुभ समय 5 बजकर 19 मिनट से शुरू होकर 6 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। वहीं अमृत काल सुबह 5:55 बजे से शाम 7:35 बजे तक रहेगा, इसके बाद विजय मुहूर्त दोपहर 2:27 बजे से 3:11 बजे तक रहेगा। वैसे तो इन अवधियों के दौरान स्नान किया जा सकता है, लेकिन हिंदू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त को सबसे शुभ माना जाता है। इसलिए, इस दौरान पवित्र स्नान करने और दान करने की सलाह दी जाती है।
माघी पूर्णिमा स्नान के लिए कुंभ मेला क्षेत्र बना नो-व्हीकल जोन
बुधवार को श्रद्धालुओं की भारी आमद की आशंका को देखते हुए, प्रयागराज प्रशासन ने महाकुंभ मेला क्षेत्र में सख्त यातायात प्रतिबंध लागू कर दिया है। तीर्थयात्रियों की सुचारू आवाजाही और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, महाकुंभ मेला मैदान के भीतर एक नो-व्हीकल जोन घोषित किया गया है।
संपूर्ण महाकुंभ मेला क्षेत्र 11 फरवरी को सुबह 4:00 बजे से नो-व्हीकल ज़ोन होगा, जिसमें केवल आवश्यक और आपातकालीन सेवाओं को प्रवेश की अनुमति होगी। यह उपाय भीड़भाड़ को रोकने और तीर्थयात्रियों के लिए निर्बाध पहुंच सुनिश्चित करने के लिए है।
महाकुंभ स्नान (Mahakumbh Magh Purnima Snan) के लिए प्रयागराज जाने वाले श्रद्धालुओं को 11 फरवरी को सुबह 4:00 बजे के बाद अपने वाहन मेला क्षेत्र के बाहर निर्दिष्ट पार्किंग स्थल पर पार्क करने होंगे। इस बिंदु से आगे किसी भी निजी वाहन को अनुमति नहीं दी जाएगी। ये यातायात व्यवस्थाएं 12 फरवरी तक प्रभावी रहेंगी, जिससे स्नान अनुष्ठान समाप्त होने के बाद भक्तों की व्यवस्थित निकासी सुनिश्चित होगी।
श्रद्धालुओं पर हेलीकाप्टर से होगी पुष्पवर्षा
सभी प्रमुख स्नान दिनों की तरह आज माघ पूर्णिमा के दिन भी प्रशासन श्रद्धालुओं पर हेलीकाप्टर से पुष्पवर्षा करेगा। जानकारी के अनुसार, सुबह 8 बजे हेलीकॉप्टरों से फूलों की वर्षा की जाएगी क्योंकि लाखों तीर्थयात्री इस समय गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम में पवित्र स्नान कर रहे होंगे। बता दें कि सभी तीनों अमृत स्नान के दिनों पर प्रशासन ने स्नान करने वाले साधु-संतों और सामन्य लोगों पर हेलीकाप्टर से पुष्पवर्षा की थी।
माघ पूर्णिमा पर पवित्र स्नान के साथ कल्पवास का होगा समापन
13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ की अभिन्न परंपरा कल्पवास (Kalpvas 2025) का समापन बुधवार को माघी पूर्णिमा के अवसर पर होगा जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम में पवित्र डुबकी लगाएंगे, घर लौटने से पहले ‘पूजा’ और ‘दान’ करेंगे। कल्पवास का तात्पर्य आत्म-अनुशासन, आत्मनिरीक्षण और आध्यात्मिक शुद्धि का पालन करते हुए एक निश्चित अवधि के लिए एक पवित्र नदी के पास रहने की प्रथा से है। महाकुंभ के दौरान कल्पवास करना शुभ माना जाता है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बयान में कहा कि इस साल, 10 लाख से अधिक भक्तों ने प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर कल्पवास किया है। परंपरा के अनुसार, कल्पवास में पौष पूर्णिमा से माघ पूर्णिमा तक संगम के तट पर एक महीने तक उपवास, आत्म-संयम और सत्संग शामिल होता है।
अब तक 45 करोड़ लोग कर चुके हैं स्नान
उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को कहा कि महाकुंभ (Mahakumbh 2025) खत्म होने में सिर्फ 15 दिन बचे हैं और 13 जनवरी को भव्य आयोजन शुरू होने के बाद से 45 करोड़ से अधिक लोग संगम में डुबकी लगा चुके हैं। राज्य सरकार ने एक बयान में कहा कि महाकुंभ मेले के अंत तक लगभग 55 करोड़ लोगों के प्रयागराज आने की उम्मीद है। इसमें कहा गया है कि मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी पर तीन महत्वपूर्ण ‘अमृत स्नान’ के बाद भी, पवित्र शहर में आने वाले तीर्थयात्रियों का उत्साह अटूट बना हुआ है।
मंगलवार को सुबह 10 बजे तक 74.96 लाख लोगों ने संगम में डुबकी लगाई। बयान के अनुसार, मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं की सबसे अधिक भीड़ देखी गई। उस दिन 8 करोड़ लोगों ने डुबकी लगाई। मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़ लोग और बसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ श्रद्धालु अमृत स्नान में शामिल हुए।
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