Mahakumbh Third Amrit Snan: कुंभ मेला दुनिया के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजनों में से एक है, जहां करोड़ों हिंदू अपने गहरे आध्यात्मिक महत्व का एहसास करने आते हैं। इस बार के महाकुंभ का शुभारंभ 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के दिन हो गया है। इसी दिन महाकुंभ का पहला अमृत स्नान (First Amrit Snan) भी था। इसके अगले दिन यानी मंगलवार, 14 जनवरी मकर संक्रांति के दिन इस महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान था। अब महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान माघ या मौनी अमावस्या के दिन 29 जनवरी को किया जायेगा।
अमृत स्नान (Mahakumbh Third Amrit Snan) किसी भी कुंभ का मुख्य और सबसे पवित्र स्नान अनुष्ठान होता है। अमृत स्नान, जिसे पहले शाही स्नान कहा जाता था, हिंदू प्रथाओं के भीतर एक बड़े सांस्कृतिक पुनरुत्थान का प्रतिनिधित्व करता है। अमृत स्नान, प्राचीन संस्कृत से लिया गया है और हिंदू दर्शन में पानी से जुड़े दिव्य और शुद्ध करने वाले गुणों पर जोर देता है। “अमृत” शब्द अमरता और पवित्रता का प्रतीक है, जो पारंपरिक हिंदू मान्यताओं के साथ अधिक निकटता से मेल खाता है।
पहले दो अमृत स्नानों में 5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने लगाई डुबकी
ठंड और घने कोहरे के बावजूद, करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु पौष पूर्णिमा (Paush Purnima) और मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के अवसर पर अमृत स्नान करने के लिए प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर पहुंचे। जानकारी एक अनुसार, इस महाकुंभ के पहले दो दिन पांच करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई है। महाकुंभ-2025, जो कि एक पूर्ण कुंभ है, 26 फरवरी तक चलेगा। प्रमुख स्नान तिथियों में 13 जनवरी (पौष पूर्णिमा), 14 जनवरी (मकर संक्रांति), 29 जनवरी (मौनी अमावस्या), 3 फरवरी (बसंत पंचमी), 12 फरवरी (माघी पूर्णिमा), और 26 फरवरी (महा शिवरात्रि) शामिल हैं।
मौनी अमावस्या के दिन होगा तीसरा अमृत स्नान
महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान (Mahakumbh Third Amrit Snan) 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन होगा। मौनी अमावस्या के दिन स्नान को महाकुंभ का सबसे बड़ा अमृत स्नान माना जाता है। इस दिन मान्यता है कि लोग जब तक स्नान नहीं कर लेते तब तक मौन रहते हैं। ऐसा माना जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन हिंदू धर्म की सबसे पवित्र नदी गंगा का जल अमृत में बदल जाता है। इसी मान्यता के कारण मौनी अमावस्या का दिन हिंदू कैलेंडर में गंगा में पवित्र स्नान करने का सबसे महत्वपूर्ण दिन है।
मौनी अमावस्या (Mauni Amawasya) माघ माह के मध्य में आती है और इसे माघी अमावस्या भी कहा जाता है। कई लोग न केवल मौनी अमावस्या के दिन बल्कि पूरे माघ माह में भी गंगा में पवित्र स्नान करने का संकल्प लेते हैं। कुंभ मेले के दौरान, मौनी अमावस्या इलाहाबाद के प्रयाग में सबसे महत्वपूर्ण स्नान का दिन है और इसे अमृत योग के दिन और कुंभ पर्व के दिन के रूप में जाना जाता है।
मौनी अमावस्या तिथि प्रारम्भ – 28 जनवरी 2025 को 22:05 बजे से
मौनी अमावस्या तिथि समाप्त – 29 जनवरी 2025 को 20:35 बजे
मौनी अमावस्या के दिन अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 05:25 से 06:18 बजे तक
प्रातः काल- सुबह 05:51 से 07:11 बजे तक
विजय मुहूर्त- दोपहर 02:22 से 03:05 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त- शाम 05:55 से 06:22 बजे तक
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