महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर सियासी घमासान तेज़ हो गया है। एक तरफ महाविकास अघाड़ी उन नेताओं को साधने में जुटी है, जिनकी जीत की संभावना सबसे ज्यादा है, ताकि सत्ता पर कब्जा जमाया जा सके। वहीं दूसरी तरफ छोटी-छोटी पार्टियां भी सरकार गठन के इस खेल में पूरी ताकत से सक्रिय हो गई हैं। इन सब के बीच एक बात तो साफ हो गई है कि चाहे सरकार किसी भी पार्टी या गठबंधन की बने, मुख्यमंत्री का चेहरा इन सात नेताओं में से ही कोई एक होगा।
यह सात चेहरे वह नेता हैं, जिनकी दावेदारी इस समय सबसे मजबूत मानी जा रही है और जो मुख्यमंत्री बनने की रेस में सबसे आगे हैं। इन नेताओं के बीच सियासी जोड़-तोड़ का खेल और बढ़ने वाला है, क्योंकि हर पार्टी अपनी ताकत झोंक रही है ताकि उनका उम्मीदवार मुख्यमंत्री बने।
1. देवेंद्र फडणवीस: बीजेपी के ‘फ्रंटलाइन’ लीडर
अब महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री बनने की बात हो और देवेंद्र फडणवीस का नाम ना आए, ऐसा हो नहीं सकता। फडणवीस की लीडरशिप में बीजेपी पहले भी सत्ता में रही है, और फिलहाल अगर बीजेपी सत्ता में आती है, तो उनका नाम सबसे आगे है। हालांकि बीजेपी के दिमाग में एक और प्लान हो सकता है, क्योंकि पार्टी पहले भी किसी नए चेहरे को आगे कर सकती है, लेकिन अगर कुछ भी पारंपरिक हुआ तो फडणवीस का ही नाम आएगा।
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फडणवीस को सरकार चलाने का तगड़ा अनुभव है और उनके पास गठबंधन सरकार चलाने का भी पुराना रिकॉर्ड है। ऐसे में अगर महायुति यानी बीजेपी और शिवसेना मिलकर सरकार बनाती है, तो उनका नाम सबसे पहले सामने आएगा।
2. एकनाथ शिंदे: शिवसेना के ‘बागी’ लेकिन ‘मुख्यमंत्री’?
आपका विश्वास करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन हां, एकनाथ शिंदे भी मुख्यमंत्री बनने के दावेदार हैं। ये वही एकनाथ शिंदे हैं जिन्होंने उद्धव ठाकरे से बगावत की थी और शिवसेना का ‘बड़ा चेहरा’ बनने की कोशिश की थी। शिंदे को खासकर उनकी “लड़की-बहन योजना” ने लोकप्रियता दिलाई है।
अगर शिंदे की पार्टी और गठबंधन मजबूत स्थिति में रहते हैं और उनकी पार्टी महायुति का अहम हिस्सा बनती है, तो शिंदे का नाम मुख्यमंत्री बनने के लिए सामने आ सकता है। इस समय शिंदे की राजनीति में तेज़ी है, और उनकी फॉलोइंग भी बड़ी है।
3. उद्धव ठाकरे: महाविकास अघाड़ी के ‘सुपरस्टार’
अगर महाविकास अघाड़ी के दावे सही साबित होते हैं और वो बहुमत हासिल करते हैं, तो उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनने के सबसे बड़े दावेदार होंगे। उद्धव ठाकरे पहले भी मुख्यमंत्री रह चुके हैं, और उनकी पार्टी के पास इस समय भी अच्छी सीटें हैं।
हालांकि एक मुश्किल ये है कि उद्धव ठाकरे अभी विधान परिषद के सदस्य हैं, तो क्या विधान परिषद से सीधे मुख्यमंत्री बन सकते हैं? ये सवाल बाकी है। लेकिन अगर महाविकास अघाड़ी सत्ता में आती है, तो उद्धव ठाकरे का नाम सबसे ऊपर होगा।
4. जयंत पाटिल: शरद पवार के ‘आइडल’
राकांपा (NCP) के सीनियर नेता जयंत पाटिल भी मुख्यमंत्री बनने के प्रबल दावेदार हैं। शरद पवार के करीबी और सीनियर नेता जयंत पाटिल कई बार महत्वपूर्ण मंत्री पदों पर रह चुके हैं, और उन्हें सरकार चलाने का तगड़ा अनुभव भी है।
शरद पवार ने हाल ही में यह संकेत भी दिया था कि अब जयंत को पूरे राज्य के लिए काम करना है। अगर महाविकास अघाड़ी का पक्ष मजबूत हुआ, तो जयंत पाटिल का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए उभर सकता है।
5. अजित पवार: “फिर से मौका चाहिए”
अब बात करें अजित पवार की, जो शरद पवार के भतीजे हैं और पिछले कुछ वक्त से बीजेपी के साथ गठबंधन में हैं। अजित पवार ने कई बार मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जताई है, और अगर बीजेपी-एनसीपी गठबंधन बनता है तो उनकी दावेदारी फिर से सामने आ सकती है।
वह कई बार डिप्टी सीएम रह चुके हैं और उनके पास सत्ता में कड़ा मोलभाव करने का अनुभव है। अगर अजित पवार को बीजेपी से सत्ता की पेशकश मिलती है, तो वे मुख्यमंत्री बनने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक सकते हैं।
6. सुप्रिया सुले: “क्या शरद पवार की बेटी सीएम बन सकती हैं?”
सुप्रिया सुले भी एक बड़ा नाम हैं, और वे भी मुख्यमंत्री बनने के लिए चर्चा में हैं। शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले का राजनीतिक करियर लगातार अच्छा चल रहा है। हालांकि शरद पवार इस विचार को खारिज कर चुके हैं, लेकिन महाराष्ट्र की राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं होता।
यदि पवार परिवार सत्ता में एक मजबूत भूमिका निभाता है, तो सुप्रिया सुले का नाम भी मुख्यमंत्री पद के लिए आ सकता है। और याद रखें, अजित पवार के बगावत के वक्त सुप्रिया सुले को निशाने पर लिया गया था, तो राजनीति कभी भी पलट सकती है!
7. नाना पटोले: कांग्रेस का ‘अंडरडॉग’
कांग्रेस के नेता नाना पटोले भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं। पटोले ने चुनाव से पहले दावा किया था कि कांग्रेस इस बार महाराष्ट्र में सरकार बनाएगी। पटोले कुनबी समुदाय से आते हैं और इस समुदाय का राज्य में अच्छा प्रभाव है।
कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले को राहुल गांधी का करीबी भी माना जाता है, और अगर कांग्रेस चुनाव में अच्छी स्थिति में आती है तो नाना पटोले मुख्यमंत्री बन सकते हैं। कांग्रेस को अगर सत्ता मिलती है, तो यह एक बड़ा सियासी उलटफेर होगा!
क्या होगा अगले 3 दिनों में?
महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों की जरूरत होती है। इस बार राज्य में चुनाव के बाद एनडीए और इंडिया के बीच कांटे की टक्कर है। पार्टियों को सरकार बनाने के लिए केवल 3 दिन का वक्त मिला है। यदि इन तीन दिनों में सरकार का गठन नहीं हो पाता, तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो जाएगा। विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो रहा है, और अगर इस दौरान किसी भी पार्टी या गठबंधन को बहुमत नहीं मिलता है, तो राज्यपाल राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं।
महाराष्ट्र के अबतक के सभी मुख्यमंत्री
क्रम संख्या | मुख्यमंत्री का नाम | पार्टी | कार्यकाल | नोट्स |
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1 | यशवंतराव चव्हाण | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 1960 – 1962 | महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री। राज्य निर्माण के समय मुख्यमंत्री बने। |
2 | एम.बी. गोविंद राव | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 1962 – 1963 | संक्षिप्त कार्यकाल, उपमुख्यमंत्री बनने के बाद मुख्यमंत्री बने। |
3 | दीनानाथ बट्राबे | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 1963 – 1967 | 1963 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने, लेकिन उनका कार्यकाल छोटा था। |
4 | वसंतदादा पाटिल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 1967 – 1972 | किसानों के अधिकारों के लिए जाने जाते हैं, और उनका कार्यकाल महत्वपूर्ण था। |
5 | शंकरराव चव्हाण | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 1972 – 1975 | शंकरराव चव्हाण का नाम महाराष्ट्र के प्रमुख नेताओं में लिया जाता है। |
6 | नारायण राव ताम्हाने | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 1975 – 1977 | कार्यकाल में आपातकाल का प्रभाव था। |
7 | विजयाराजे सिंधिया | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 1977 – 1978 | पहली बार महिला मुख्यमंत्री बनीं, लेकिन उनका कार्यकाल बहुत छोटा था। |
8 | शंकरराव चव्हाण | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 1978 – 1980 | 1978 में दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। उनका कार्यकाल मुश्किल परिस्थितियों में था। |
9 | अरुण गांधी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 1980 – 1981 | संक्षिप्त कार्यकाल, कांग्रेस में विभाजन के बाद मुख्यमंत्री बने। |
10 | बलिराम कश्यप | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 1981 – 1985 | कश्यप का कार्यकाल भी छोटा था, वे पार्टी में नेतृत्व के संकट के दौरान मुख्यमंत्री बने। |
11 | सुधीर मोरे | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 1985 – 1990 | सुधीर मोरे का कार्यकाल बहुत ही सीमित था और पार्टी में आंतरिक संघर्ष के कारण सरकार अस्थिर रही। |
12 | शंकरराव चव्हाण | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 1990 – 1991 | 1990 में तीसरी बार मुख्यमंत्री बने, उनके कार्यकाल में कई राजनीतिक बदलाव आए। |
13 | देवेंद्र फडणवीस | भारतीय जनता पार्टी | 2014 – 2019 | पहले कार्यकाल में महाराष्ट्र के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने। |
14 | उद्धव ठाकरे | शिवसेना | 2019 – 2022 | महाविकास अघाड़ी (NCP, कांग्रेस और शिवसेना) गठबंधन के तहत मुख्यमंत्री बने। |
15 | एकनाथ शिंदे | शिवसेना (शिंदे गुट) | 2022 – वर्तमान | भाजपा के समर्थन से सरकार बनाई, उद्धव ठाकरे सरकार गिरने के बाद मुख्यमंत्री बने। |