दिल्ली में आज यानी गुरुवार की शाम को महायुति के शीर्ष तीन नेताओं की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ एक अहम बैठक होनी है। इस बैठक में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री समेत सभी प्रमुख मंत्रालयों को लेकर बातचीत हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक आज की बैठक के बाद महायुति की बैठक में ही सरकार के गठन का फॉर्मूला तय हो जाएगा।
कौन बनेगा मुख्यमंत्री
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन की जीत के बाद से ही सरकार गठन और सीएम पद को लेकर सस्पेंस बना हुआ था। लेकिन बीते बुधवार को कार्यवाहक सीएम और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के मीडिया से बातचीत करने के मामला काफी साफ हो गया है। माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में बीजेपी का सीएम होगा और मौजूदा व्यवस्था बनी रहेगी यानि एक सीएम और दो डिप्टी सीएम वाला फॉर्मूला लागू होगा।
किसके पास कौन सा मंत्रालय?
सूत्रों के मुताबिक एकनाथ शिंदे शहरी विकास और एमएसआरडीसी मंत्रालय अपने पास रखेंगे। इसके अलावा शिंदे राजस्व, कृषि, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, उद्योग और सामाजिक न्याय जैसे जैसे महत्वपूर्ण विभागों की मांग करेंगे। इसके अलावा शिंदे केंद्र सरकार में एक कैबिनेट और एक राज्य मंत्री पद की मांग कर सकते हैं।
कैबिनेट का हिस्सा
सूत्रों के मुताबिक एकनाथ शिंदे को कुछ भारी-भरकम विभागों के साथ कैबिनेट का हिस्सा बनाया जाना जा सकता है। जो महाराष्ट्र में पार्टी को और मजबूत करने के लिए फायदेमंद होगा। वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि सरकार में एकनाथ शिंदे की अनुपस्थिति से पार्टी विधायकों को सरकार में पर्याप्त हिस्सेदारी और फंड पाने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है।
अजित पवार के पास कौन से मंत्रालय
सूत्रों के मुताबित अजित पवार की नजरें भी उपमुख्यमंत्री पद के साथ वित्त विभाग पर है। भाजपा नेतृत्व वित्त और योजना विभाग अपने पास रखना चाह रहा है। अजित पवार कृषि, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, महिला एवं बाल कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, खेल, ग्रामीण विकास, सहकारिता और विपणन जैसे मंत्रालयों को अपने पास रखने पर जोर देंगे। इस बीच, भाजपा गृह विभाग, आवास एवं शहरी विकास, वित्त, सिंचाई, ऊर्जा, पीडब्ल्यूडी, पर्यावरण एवं पर्यटन, संसदीय मामले, कौशल विकास और सामान्य प्रशासन (जीएडी) जैसे मंत्रालयों को अपने कोटे में रखना चाहती है।
इस फॉर्मूला पर होगा बंटवारा
सूत्रों के अनुसार सरकार में विभागों के बंटवारे में प्रत्येक सहयोगी दल की हिस्सेदारी तय करने के लिए छह विधायकों पर एक मंत्री पद के फॉर्मूले पर विचार पर विचार किया जाएगा। इसके मुताबिक भाजपा के पास करीब 21 से 22 मंत्री पद, शिवसेना शिंदे गुट को 10 से 12 मंत्रालय और अजित पवार एनसीपी गुट को करीब 8 से 9 मंत्रालय मिलेंगे। महाराष्ट्र में मंत्री पद का कुल कोटा मुख्यमंत्री पद समेत 43 से अधिक नहीं होना चाहिए।