महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों से पहले उद्धव ठाकरे गुट और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच हिंदुत्व को लेकर एक नया विवाद शुरू हो गया है। दोनों पार्टियां सोशल मीडिया पर एक-दूसरे पर तीखे हमले कर रही हैं। पहले उद्धव गुट ने भाजपा पर शिवाजी पार्क में आचार संहिता के दौरान पोस्टरबाजी का आरोप लगाया। इसके जवाब में भाजपा ने उद्धव ठाकरे की दिवाली की शुभकामनाओं पर तंज कसते हुए पलटवार किया।
तंज और आरोपों का सिलसिला
उद्धव गुट ने एक बार फिर एक्स पर एक पोस्ट किया, जिसमें लिखा गया, “लोकसभा में बीजेपी ने राम मंदिर को मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ा था। आधे अधूरे मंदिर में भगवान श्रीराम को बैठा दिया गया, यह कैसा हिंदुत्व है?” इस तरह के आरोपों से साफ है कि दोनों पक्ष एक-दूसरे को राजनीतिक तौर पर नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।
चुनावी प्रचार में तेजी
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में नामांकन की प्रक्रिया खत्म होते ही राजनीतिक सरगर्मियों में तेजी आ गई है। सभी पार्टियों ने अपने-अपने प्रचार अभियानों को धार देने का फैसला किया है। महा विकास अघाड़ी ने महायुति गठबंधन को टक्कर देने के लिए एक ठोस रणनीति बनाई है। इस योजना के तहत राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्किकार्जुन खरगे नागपुर से चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगे।
उद्धव ठाकरे की रणनीति
उद्धव ठाकरे अपने गढ़ कोंकण से मिशन-महाराष्ट्र का बिगुल फूकने का इरादा रखते हैं। इस इलाके में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और नारायण राणे का भी राजनीतिक दबदबा है, इसलिए ठाकरे ने अपने विरोधियों को सीधी चुनौती देने की योजना बनाई है।
रैलियों की भरपूर तैयारी
उद्धव ठाकरे 5 नवंबर से 17 नवंबर के बीच कुल 25 चुनावी रैलियों को संबोधित करने वाले हैं। इसके साथ ही, नागपुर में संविधान सम्मान सम्मेलन के बाद वह महा विकास अघाड़ी के कार्यक्रम में शरद पवार, राहुल गांधी और मल्किकार्जुन खरगे के साथ मंच साझा करेंगे। यह कार्यक्रम राजनीतिक एकजुटता का संदेश देने का प्रयास करेगा।