महाराष्ट्र चुनाव में महायुति प्रचंड बहुमत के साथ दोबारा सत्ता में वापस आई है। वहीं महाविकास अघाड़ी को इस बार के विधानसभा चुनाव में तगड़ा झटका लगा है। जनता द्वारा नकारा जाना महाविकास अघाड़ी को सही नहीं लग रहा। महाविकास अघाड़ी के घटक दल लगातार अपनी हार के पीछे की वजह EVM और चुनाव आयोग को बता रहे हैं। वे लगातार चुनावी नतीजों को लेकर EVM और चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहे हैं। हालांकि चुनाव आयोग विपक्ष के इन आरोपो को खारिज कर चुका है। इसकी पुष्टी के लिए आयोग ने रैंडम तरीके से EVM और VVPAD पर्ची का मिलना किया है। जिसके नतीजे 100 फीसदी सही निकले हैं।
EVM और VVPAD के आंकड़े 100 फीसदी सही
महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन आयोग अधिकारी किरण कुलकर्णी ने मीडिया को बताया कि महाराष्ट्र चुनावों के दौरान 1440 VVPAD का सत्यापन EVM के आंकड़ों से किया गया, जो 100 फीसदी मेल खाते हैं। उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव में हमने महाराष्ट्र की कुल 288 निर्वाचन क्षेत्रों में 1440 वीवीपैट का सत्यापन किया, जो प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में वीवीपैट का 5 फीसदी है। किरण कुलकर्णी ने बताया कि सभी की काउंटिंग EVM से मेल खाती है। जिससे ये साबित होता है कि विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोप गलत हैं।
EVM की बैटरी को लेकर क्या बोले
कुलकर्णी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि विपक्ष लगातार ये कहता रहता है कि ईवीएम 99 फीसदी बैटरी चार्ज कैसे दिखा सकता है। इसे वे संभावित छेड़छाड़ से जोड़ते हैं, जो की गलत है। उन्होंने कहा कि EVM में लगी बैटरी मोबाइल की बैटरी की तरह नहीं है। इसे समझने के लिए पावर पैक के बारे में जानना जरूरी है। EVM की बैटरी पांच साल है और इसकी क्षमता बहुत अधिक होती है।
बता दें कि कुलकर्णी ने भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिडेट (EVM बनाने वाली कंपनियों में से एक) जैसी कंपनियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, इन तकनीकी बातों को बताया। उन्होंने कहा कि अगर किसी को पावर पैक के बारे में जानकारी चाहिए तो वह ईसीआई की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर इसके बारे में जानकारी ले सकता है।
क्या होता है वीवीपैट
बता दें कि वीवीपैट प्रिंटर पोर्ट के जरिए EVM से जुड़ी होती है। जैसे की कोई अपना वोट कास्ट करता है वैसे ही VVPAT से एक पर्ची निकलती है। इस पर्ची पर जिसने वोट डाला उसका नाम और चुनाव चिन्ह अंकित होता है। ये पर्ची सात सेकंड तक VVPAT की स्क्रीन पर दिखाई भी देती है। ऐसा इसलिए होता है ताकि वोट करने वाला यह देख सकते की उसका वोट सही उम्मीदवार को गया है या नहीं। 7 सकेंड बीतने के बाद ये पर्ची अपने आप VVPAT के ड्रॉप बॉक्स में गिर जाती है।
EVM को हैक करना असंभव
कुलकर्णी ने विपक्ष द्वारा EVM की विश्वसनियता पर सवाल उठाने पर जवाब देते हुए कहा कि यह एक स्टैंडअलोन डिवाइस है, जिसे हैक नहीं किया जा सकता। विपक्ष की चिंताओं को दूर करते हुए जोर देते हुए उन्होंने कहा कि EVM में कोई बाहरी कनेक्टिविटी नहीं है। इस उपकरण को हैक करना असंभव है।