Shinde vs Fadnavis

शिंदे ने विवाद की ख़बरों को बताया गलत, बोले ‘सब कुछ एकदम ठंडा-ठंडा, कूल-कूल है’

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे से किसी भी तरह के विवाद की खबरों को खारिज किया है। उन्होंने साफ कहा कि शिंदे ने गृहमंत्री अमित शाह से उनकी कोई शिकायत नहीं की है। फडणवीस ने मजाकिया अंदाज में कहा कि शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत तो अब बॉलीवुड के मशहूर लेखक सलीम-जावेद की तरह कहानियां गढ़ने लगे हैं।

वह विधानसभा के बजट सत्र से पहले डिप्टी सीएम शिंदे और अजित पवार के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। उन्होंने कहा, “हमारे बीच कोई लड़ाई नहीं है। जो लोग हमें जानते हैं, वे समझ सकते हैं कि जब हम साथ होते हैं तो किस तरह काम करते हैं। हम पूरी एकजुटता के साथ आगे बढ़ रहे हैं।”

शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, “बस इतना ही हुआ है कि फडणवीस और मैंने अपनी कुर्सियां बदल ली हैं। बाकी सब पहले जैसा ही है, सिर्फ अजित पवार की कुर्सी अभी भी वही है।”

इस पर अजित पवार ने मजाक करते हुए कहा, “अगर आप अपनी कुर्सी नहीं बचा पाए, तो इसमें मैं क्या कर सकता हूं?” यह सुनकर तीनों नेता जोर-जोर से हंसने लगे।

इसके बाद शिंदे ने मीडिया से कहा, “आप चाहे जितनी कोशिश कर लें, हमारे गठबंधन में कोई दरार नहीं आने वाली। इतनी गर्मी में कोल्ड वार कैसे हो सकता है? सब कुछ एकदम ठंडा-ठंडा, कूल-कूल है।”  शिंदे की यह बात सुनकर उनके बगल में बैठे देवेंद्र फडणवीस मुस्कुराने लगे।

संजय राउत के दावे को किया खारिज  

Shinde vs Fadnavis

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके सहयोगियों ने शिवसेना नेता संजय राउत के दावे को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि शिंदे ने सुबह 4 बजे पुणे में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ शिकायत की थी।

शिंदे ने सफाई देते हुए कहा कि अमित शाह NDA के नेता हैं और उनसे उनकी मुलाकात सुबह 10 बजे सिर्फ एक शिष्टाचार भेंट थी। इस पर शरद पवार ने भी सहमति जताई। वहीं, फडणवीस ने कहा कि वह भी उस बैठक में मौजूद थे।

संजय राउत ने रविवार को ‘सामना’ में लिखा था कि 22 फरवरी को पुणे के कोरेगांव पार्क स्थित एक होटल में यह बैठक हुई थी और शिंदे को शाह से मिलने के लिए सुबह 4 बजे तक जागना पड़ा था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शिंदे ने कहा कि राउत के दिमाग में ‘केमिकल लोचा’ है।

शिंदे के मेडिकल सेल बनाने से शुरू हुई अनबन की खबरें 

महाराष्ट्र की महायुति सरकार में दरार की खबरें तब चर्चा में आईं, जब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री राहत कोष की तरह एक नया मेडिकल सेल बना दिया। इस फैसले पर विपक्ष ने सवाल उठाए थे।

मंगलवार को शिंदे ने साफ किया कि यह नया सेल किसी मुकाबले के लिए नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री के वॉर रूम के साथ मिलकर काम करेगा, ताकि मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके।

21 फरवरी को शिंदे ने एक मजबूत बयान दिया – “मुझे हल्के में मत लीजिए।” उन्होंने याद दिलाया कि 2022 में जब लोगों ने उन्हें हल्के में लिया था, तो उन्होंने पूरी सरकार बदल दी और डबल इंजन की सरकार बनाई।

उन्होंने यह भी कहा कि विधानसभा में अपने पहले भाषण में उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि महायुति को 200 से ज्यादा सीटें मिलेंगी, और उन्हें 232 सीटें मिलीं। इसलिए, उन्होंने दोबारा चेतावनी दी  “मुझे हल्के में मत लें।”

Shinde vs Fadnavis

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मतभेद की खबरों को किया खारिज 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मतभेद की खबरों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों की मदद के लिए ऐसे सेल बनाना गलत नहीं है। जब वे उपमुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने भी ऐसा ही एक सेल बनाया था।

इसके अलावा, उन्होंने उन रिपोर्टों को भी गलत बताया, जिनमें कहा गया था कि उन्होंने शिंदे सरकार के फैसलों पर रोक लगा दी है। फडणवीस ने साफ किया कि उन्होंने शिंदे के किसी भी निर्णय को नहीं रोका है। महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है, और 10 मार्च को 2025-26 का बजट पेश किया जाएगा। इसी दिन फडणवीस सरकार के 100 दिन भी पूरे हो रहे हैं।

राज्य में चल रही दोहरी सरकार? 

शिंदे ने यह बयान विपक्ष के आरोपों के बाद दिया है। शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत का कहना है कि महाराष्ट्र में “समानांतर सरकार” चलाई जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार इसी तरह चलती रही, तो राज्य में राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ सकती है।

क्या हैं अनबन की 3 बड़ी वजह 

• महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने 17 फरवरी को उद्योग विभाग की समीक्षा बैठक की। यह मंत्रालय उन्हीं के पास है। इससे पहले, जनवरी में सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी इसी विभाग की बैठक की थी, लेकिन उस समय शिंदे मौजूद नहीं थे।

• इसी तरह, 12 फरवरी को मुख्यमंत्री ने 2027 में होने वाले नासिक कुंभ की तैयारियों पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई, जिसमें शिंदे शामिल नहीं हुए। इसके बजाय, उन्होंने 14 फरवरी को खुद अलग से कुंभ की तैयारियों पर बैठक कर ली।

• सीनियर सरकारी अधिकारियों का कहना है कि सीएम और डिप्टी सीएम के अलग-अलग बैठकें करने से कामकाज दोहराया जा रहा है। इससे न केवल समय बर्बाद हो रहा है, बल्कि विभागों का काम भी प्रभावित हो रहा है।

 

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