महाराष्ट्र में मंगलवार को एक बड़ी राजनीतिक हलचल मच गई, जब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इस मौके पर डिप्टी CM देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी नेता अजित पवार भी मौजूद थे। अब सभी के दिमाग में एक सवाल है – महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा?
शिंदे का इस्तीफा, फडणवीस की उम्मीदें
एकनाथ शिंदे के इस्तीफे के बाद भाजपा ने मुंबई में अपनी बैठक बुलाई है, जिसमें देवेंद्र फडणवीस को पार्टी का नेता चुना जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा हाईकमान ने फडणवीस के नाम पर मुहर लगा दी है और उनकी मुख्यमंत्री बनने की घोषणा आज हो सकती है।
अगर फडणवीस मुख्यमंत्री बनते हैं, तो महाराष्ट्र में फिर से डबल डिप्टी सीएम का फॉर्मूला लागू हो सकता है। एनसीपी से अजित पवार और शिवसेना से एकनाथ शिंदे किसी नए विधायक को उपमुख्यमंत्री के तौर पर नामित कर सकते हैं। इस तरह, पुराने गठबंधन को नए सिरे से आकार दिया जा सकता है।
शिंदे के इस्तीफे से पहले की गई अपील
शिंदे ने इस्तीफा देने से पहले अपने समर्थकों से अपील की थी कि वे उनके समर्थन में कहीं भी इकट्ठा न हों। उन्होंने ट्वीट किया, “आपके प्यार और समर्थन के कारण कुछ लोग मुझे समर्थन देने के लिए एकजुट होने की अपील कर रहे हैं, लेकिन मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि ऐसा न करें। गठबंधन एकजुट रहेगा और सरकार का काम सुचारु रूप से चलेगा।”
महायुतीच्या प्रचंड विजयानंतर राज्यात पुन्हा एकदा आपले सरकार स्थापन होणार आहे. महायुती म्हणून आपण एकत्रित निवडणूक लढवली आणि आजही एकत्रच आहोत. माझ्यावरील प्रेमापोटी काही मंडळींनी सर्वांना एकत्र जमण्याचे, मुंबईत येण्याचे आवाहन केले आहे. तुमच्या या प्रेमासाठी मी अत्यंत मनापासून ऋणी…
— Eknath Shinde – एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) November 25, 2024
शिंदे के इस्तीफे के बाद उनके समर्थकों ने यह दावा किया था कि शिंदे ही सही उम्मीदवार हैं और मुख्यमंत्री पद का हक उन्हीं को है। हालांकि, भाजपा हाईकमान ने फडणवीस के नाम पर मुहर लगाई है और अब शिंदे को अपने समर्थन में खड़ा होने के लिए मजबूर किया जा सकता है।
रामदास अठावले की सलाह: शिंदे को पीछे हटने की जरूरत
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रामदास अठावले ने भी इस पर अपनी राय दी है। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र का राजनीतिक विवाद जल्द खत्म होगा, लेकिन शिंदे को अपनी नाराजगी दूर करनी चाहिए। जैसे पहले फडणवीस ने पीछे हटने का निर्णय लिया था, वैसे ही शिंदे को भी अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।” अठावले ने यह भी कहा कि अगर शिंदे को यह नहीं स्वीकार्य है, तो वे केंद्रीय मंत्री बनने के लिए भी अपनी किस्मत आजमा सकते हैं। इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत हो सकती है।
फडणवीस का आभार, जनता का धन्यवाद
देवेंद्र फडणवीस ने इस पूरे घटनाक्रम पर महाराष्ट्र की जनता का धन्यवाद किया है। उन्होंने एक खुले पत्र में लिखा, “आपके समर्थन से ही महायुति की इस जीत ने हमें एक नई दिशा दी है। यह सफलता मोदी जी के नेतृत्व में महाराष्ट्र को प्रगतिशील और समावेशी राज्य बनाने के हमारे मिशन को और मजबूती देगी।”
फडणवीस ने कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य महाराष्ट्र को एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाना है और इसके लिए सभी गठबंधन दलों के विश्वास का सम्मान किया जाएगा।
क्या शिंदे का भविष्य अब दिल्ली में होगा?
शिंदे के इस्तीफे के बाद यह सवाल उठने लगा है कि उनका अगला कदम क्या होगा? क्या वे मुंबई में डिप्टी सीएम बनकर सरकार के कामकाज में हिस्सा लेंगे, या फिर वे केंद्र सरकार में मंत्री बनने के लिए अपनी किस्मत आजमाएंगे?
भाजपा और शिवसेना के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर समझौता कैसे होगा, यह देखना होगा। कुछ सूत्रों का कहना है कि शिंदे को केंद्र में मंत्री बनाए जाने का विकल्प दिया जा सकता है, ताकि राज्य में भाजपा और शिवसेना के बीच राजनीति का संतुलन बना रहे।
नए मुख्यमंत्री के लिए एकजुटता जरूरी
एकनाथ शिंदे का इस्तीफा भले ही राजनीतिक हलचल का कारण बना हो, लेकिन अब राज्य में एक नई शुरुआत होनी है। भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के बीच सत्ता का समझौता, नई सरकार के गठन की दिशा तय करेगा।
जैसे ही फडणवीस मुख्यमंत्री बनते हैं, महाराष्ट्र में एक नए दौर की शुरुआत हो सकती है, जिसमें राजनीतिक रणनीति, गठबंधन के फॉर्मूले और शिंदे का भविष्य अहम मुद्दे होंगे।
विधानसभा चुनाव के नतीजे
महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं, जिनमें 145 सीटों पर जीत हासिल करने वाली पार्टी या गठबंधन को सरकार बनाने का अधिकार मिलता है। भाजपा ने इस चुनाव में 132 सीटें जीती हैं, जबकि एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 57 और अजित पवार की पार्टी ने 41 सीटें जीती हैं। इसके अलावा, छोटे दलों ने भी कुछ सीटें जीती हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, राज्य में सरकार गठन को लेकर जो जोड़-तोड़ हो रहा है, उससे मुख्यमंत्री पद के लिए कई संभावनाएं बन रही हैं। अब सवाल यह है कि क्या भाजपा शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का मौका देगी, या फिर फडणवीस के नेतृत्व में सरकार बनेगी, यह तो वक्त ही बताएगा।
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