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Mahashivratri 2024: उत्तराखंड के इस मंदिर में रूकी थी भगवान शिव की बारात, आज भी इस ए​क रहस्य से हर कोई है हैरान

Mahashivratri 2024

राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Mahashivratri 2024: उत्तराखंड को देवों की भूमि (Mahashivratri 2024) कहा जाता है जहां कण कण में देवताओं का वास है। उत्तराखंड देखने में जितना सुंदर और खूबसूरत है उतने ही सुंदर यहां के मंदिर भी है। हर मंदिर की अपनी एक अलग कहानी है अपनी एक अलग ही मान्यता है। ऐसा ही एक मंदिर है उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित है। यह मंदिर देवों के देव महादेव को समर्पित है।

Mahashivratri 2024

कहा जाता है कि जब भगवान शिव सती माता से विवाह करने के लिए आए थे सती के पिता राजा दक्ष ने भगवान शिव की बारात इसी मंदिर में रूकवाया था। इस मंदिर को लेकर लोगों में अलग ही धारणाएं और मान्यताएं जुड़ी है। कुछ लोग इस मंदिर को गुप्त मंदिर तो कुछ इसे भूतनाथ मंदिर कहते है। कहा जाता है कि इस मंदिर में दर्शन भर से भूत प्रेत से जुड़ी परेशानी दूर हो जाती है। तो आइए जानते है इस मंदिर से जुड़े रहस्यों और मान्यताओं के बारे में :-

मंदिर से जुड़ी प्रचलित कथा:-

उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित भूतनाथ मंदिर को लेकिन एक कथा काफी प्रचलित है।मान्यता के अनुसार जब भगवान शिव सती माता से विवाह करने के लिए बारात लेकर निकले थे। तब सती के पिता राजा दक्ष ने इसी भूतनाथ मंदिर में भगवान शिव और उनकी बारात को ठहराया था और बारात में शामिल हुए देवगण, भूत और सभी बारातियों ने यही पर पूरी रात बिताई थी।

Mahashivratri 2024

कैसे हुई इस मंदिर की स्थापना?

महादेव की इस मंदिर की स्थापना 1952 में स्वामी कैलाशानंद मिशन ट्रस्ट द्वारा कराया गया था। यह मंदिर स्वर्गाश्रम क्षेत्र में पड़ता है और यह मंदिर तीन तरफ से राजाजी नेशनल पार्क से घिरा हुआ है। इस 7 मंजिले मंदिर में पहली मंजिल में भगवान शिव से जुड़ी कथाओं का वर्णन चित्रों के माध्यम से किया गया है। साथ ही हर एक मंजिल पर आपको हनुमान और नंदी व समस्त देवी देवताओं के चित्र देखने को मिलेंगे। वहीं सातवीं मंजिल पर छोटा सा शिव मंदिर बना हुआ है जिसमें सती विवाह में आए हुए बारातियों का वर्णन किया गया है।

Mahashivratri 2024

मंदिर से जुड़ी कुछ रोचक बातें:-

भूतना​थ मंदिर में शिवलिंग के चारों ओर दस घंटियां लगी हुई है और आश्चर्य की बात यह है कि इन सभी घंटियों में अलग-अलग ध्वनियां निकलती है। माना जाता है इस मंदिर में आने से भूत-प्रेत की बाधाएं दूर हो जातीहै। वहीं अगर कोई व्यक्ति असाध्य रोग से पीड़ित होता है उसे एक बार इस मंदिर में भगवान शिव के दर्शन अवश्य करना चाहिए। मान्यता है कि सच्चे मन से की गई पूजा और भक्तों को ही भगवान शिव के दर्शन हो पाते है। इस मंदिर की मिट्टी में भी शक्ति मानी जाती है। जो भी व्यक्ति इस मंदिर में आता है वह यहां की मिट्टी अवश्य अपने साथ लेकर जाता है।

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