Mahashivratri Snan: महाशिवरात्रि पर महाकुंभ का आखिरी स्नान आज, लोग लगा रहे हैं आस्था डुबकी

Mahashivratri Snan: महाशिवरात्रि पर महाकुंभ का आखिरी स्नान आज, लोग लगा रहे हैं आस्था डुबकी

Mahashivratri Snan: आज महाशिवरात्रि के दिन प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में बड़ी संख्या में लोग भोर से ही त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। महाशिवरात्रि (Mahashivratri Snan) के पावन अवसर पर महाकुंभ का अंतिम स्नान विशेष महत्व रखता है। आज ही के दिन 13 जनवरी से शुरु हुए महाकुंभ का समापन भी हो जाएगा।

महाकुंभ मेला (Mahashivratri Snan) हिंदू धर्म का सबसे बड़ा और पवित्र धार्मिक आयोजन है, जिसमें अब तक करोड़ों श्रद्धालु संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। आज भोर से ही संगम पर लाखों लोग आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। आज का स्नान आध्यात्मिक शुद्धि, आत्मकल्याण और मोक्ष प्राप्ति का प्रतीक माना जाता है।

महाशिवरात्रि के पावन दिन कुंभ में आखिरी स्नान करने से भक्तों को विशेष आध्यात्मिक लाभ मिलता है। यह दिन शिव तत्त्व से जुड़कर आत्मा की शुद्धि और मानसिक शांति प्राप्त करने का होता है। माना जाता है कि इस दिन किया गया स्नान, दान और शिव पूजन अक्षय फल देने वाला होता है।

महाकुंभ और महाशिवरात्रि का विशेष संयोग

महाकुंभ का आयोजन हर 12 वर्षों में प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में किया जाता है, लेकिन जब महाशिवरात्रि के दिन आखिरी स्नान का संयोग बनता है, तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। महाशिवरात्रि को भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का पावन दिन माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान करने से शिव कृपा प्राप्त होती है और सभी पापों से मुक्ति मिलती है।

प्रशासन ने किया है महाशिवरात्रि स्नान के लिए विशेष व्यवस्था

आज महाशिवरात्रि के दिन जिला प्रशासन ने पवित्र स्नान में भाग लेने वाले भक्तों के लिए एक दिव्य और निर्बाध अनुभव सुनिश्चित करने के लिए व्यापक तैयारी की है। आज के दिन पवित्र घाटों पर हजारों तीर्थयात्रियों के इकट्ठा होने की उम्मीद है, भीड़ को प्रबंधित करने और व्यवस्था बनाए रखने के लिए विशेष उपाय किए गए हैं।

प्रशासन का प्राथमिक लक्ष्य भक्तों के लिए सुगम यात्रा की सुविधा प्रदान करना और यह सुनिश्चित करना है कि उनकी आध्यात्मिक यात्रा दिव्य और अविस्मरणीय दोनों हो। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आज के दिन विशेष निर्देश दिए हैं और वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की।

श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए किये गए हैं व्यापक उपाय

श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए व्यापक सुरक्षा उपाय किये गये हैं। कुशल भीड़ प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए पुलिस कर्मियों, होम गार्ड, एनडीआरएफ की टीमों और प्रशासनिक अधिकारियों को प्रमुख स्थानों पर तैनात किया गया है। किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए निगरानी प्रणालियाँ और आपातकालीन प्रतिक्रिया इकाइयाँ भी तैयार हैं।

स्वच्छता बनाए रखने के लिए स्नान घाटों, मंदिर परिसरों और सार्वजनिक स्थानों की नियमित निगरानी के साथ स्वच्छता और स्वच्छता को प्राथमिकता दी गई है। लेटे हनुमान मंदिर, अक्षयवट और सरस्वती कूप की सफाई सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया गया है, जहां महाशिवरात्रि के दौरान बड़ी भीड़ होने की उम्मीद है। पूरे आयोजन के दौरान कचरे के प्रबंधन और स्वच्छता बनाए रखने के लिए अतिरिक्त स्वच्छता कर्मचारी तैनात किए गए हैं।

 

तीर्थयात्रियों की सहायता के लिए, जानकारी और सहायता प्रदान करने के लिए विभिन्न स्थानों पर मार्गदर्शन केंद्र और सहायता डेस्क स्थापित किए गए हैं। ये केंद्र भक्तों को शहर में घूमने, चिकित्सा सुविधाओं तक पहुंचने और खोए हुए सामान को ढूंढने में मदद करेंगे। इसके अलावा, समर्पित स्वयंसेवक बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों की सहायता के लिए उपलब्ध होंगे, जिससे उनकी सुरक्षा और आराम सुनिश्चित होगा।

महाशिवरात्रि पर संगम स्नान का महत्व

मोक्ष प्राप्ति: मान्यता है कि इस दिन संगम में डुबकी लगाने से जन्म-जन्मांतर के पाप कट जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
शिव कृपा: महाशिवरात्रि को गंगा स्नान करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
पापों का नाश: गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान करने से जीवन में किए गए पापों का प्रायश्चित होता है।
सकारात्मक ऊर्जा: महाकुंभ के दौरान साधु-संतों के बीच रहकर स्नान करने से व्यक्ति के भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

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