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Maharashtra Elections: चुनाव से पहले महायुति में सीटों को लेकर छिड़ी जंग, अठावले की 10-12 सीटों की मांग

महाराष्ट्र चुनाव 2024 से पहले महायुति में सीट बंटवारे को लेकर स्थिति और भी पेचीदा होती जा रही है। रामदास अठावले, जो कि भारतीय रिपब्लिकन पार्टी (आरपीआई) के नेता हैं, ने अपनी पार्टी के लिए 10 से 12 सीटों की मांग की है। महायुति में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), शिवसेना, और एनसीपी (अजित पवार) शामिल हैं, और अठावले की यह डिमांड सीनियर पार्टनर्स के लिए चुनौती बन सकती है।

अठावले की सीटों की मांग

रामदास अठावले ने स्पष्ट किया है कि महाराष्ट्र चुनाव को ध्यान में रखते हुए उनकी पार्टी ने 18 संभावित सीटों की एक लिस्ट बनाई है। अठावले ने कहा, “हम इस लिस्ट को महायुति के अन्य पार्टनर्स के साथ साझा करने वाले हैं। हमें उम्मीद है कि हम इसमें से 10 से 12 सीटें हासिल कर सकेंगे।” उनके अनुसार, बीजेपी, शिवसेना, और एनसीपी के कोटे से उन्हें 4-4 सीटें मिलने की संभावना है।

महायुति में टकराव

महायुति में तीन बड़े पार्टनर्स के होते हुए अठावले को 12 सीटें मिलना कठिन लगता है। हालांकि, अठावले की पार्टी के नेता अपनी मांग को लेकर अड़े हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि महायुति में अजित पवार के शामिल होने के बाद से उनकी पार्टी को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। अठावले ने नाराजगी जताते हुए कहा, “हमसे किए गए वादे पूरे नहीं हुए हैं।”

वादों की दिलाया याद

अठावले ने कहा कि उन्हें राज्य मंत्रिमंडल में कोई राज्यमंत्री नहीं बनाया गया है, जो उनकी पार्टी के लिए एक गंभीर मुद्दा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब से अजित पवार की पार्टी गठबंधन में शामिल हुई है, तब से उनकी पार्टी को नजरअंदाज किया जा रहा है। अठावले ने उन वादों की याद दिलाई, जिनमें राज्य मंत्रिमंडल में स्थान, दो निगमों की अध्यक्षता, और जिला-स्तरीय समितियों में भूमिकाएं शामिल थीं।

महायुति का कौन-कौन हिस्सा?

महायुति गठबंधन में प्रमुख दलों की सूची में भाजपा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी शामिल हैं। इस गठबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रामदास अठावले की रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया-आठवले (आरपीआई-ए) भी है। अठावले ने हाल ही में यह जानकारी दी कि उनकी पार्टी ने 18 संभावित सीटों की एक सूची तैयार की है, जिसे वे जल्द ही महायुति के अन्य दलों के साथ साझा करेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई है कि उन्हें इस बंटवारे में 10 से 12 सीटें मिल जाएंगी, जिसमें भाजपा, शिवसेना और एनसीपी को अपने कोटे से चार-चार सीटें देने की मांग की गई है।

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इस सप्ताह की शुरुआत में, रामदास अठावले ने यह भी दावा किया कि अजित पवार की एनसीपी के महायुति सरकार में शामिल होने के कारण उनकी पार्टी को कोई मंत्री पद नहीं मिला। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी को मंत्रिमंडल में स्थान, दो निगमों की अध्यक्षता, और जिला स्तरीय समितियों में भूमिका देने का वादा किया गया था, लेकिन अजित पवार की एंट्री के बाद ये वादे पूरे नहीं हो सके।

नवंबर में होने की संभावना

महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव नवंबर में होने की संभावना है। वर्तमान विधानसभा में भाजपा 103 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है। इसके बाद शिवसेना के 40, एनसीपी के 41, कांग्रेस के 40, उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना के 15, एनसीपी (एसपी) के 13 और अन्य दलों के 29 विधायक हैं। कुछ सीटें अभी भी खाली हैं।

इस तरह, महायुति के भीतर चल रहे गतिरोध और सीट बंटवारे की बातचीत के बीच, आने वाले चुनावों में राजनीतिक समीकरण बदलने की पूरी संभावना है।

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