ममता के नए एंटी-रेप कानून पर BJP का हमला, कहा-‘ प्रेस की स्वतंत्रता को सीमित करने का प्रयास’

Mamata Banerjee New Anti-Rape Law: पश्चिम बंगाल विधान सभा में आज अपराजिता महिला और बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून और संशोधन)  2024 पेश हुआ। नए एंटी-रेप कानून के पेश होने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला है।

‘नया कानून प्रेस की स्वतंत्रता को सीमित करने का प्रयास’

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमित मालवीय ने कहा कि यह नया कानून प्रेस की स्वतंत्रता को सीमित करने का प्रयास’करता है। जबकि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक युवा डॉक्टर के हालिया बलात्कार और हत्या से ध्यान हटाने की कोशिश है।

मालवीय ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट में ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि वह नए कानून के पीछे अपनी अपराधी मंशा को छिपाने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने यह दावा किया कि यह एक निराशाजनक प्रयास है, जिसका उद्देश्य दुखद घटना के बाद शुरू हुए व्यापक विरोधों से ध्यान हटाना है।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह कानून महिलाओं की सुरक्षा का बहाना बनाते हुए रेप मामलों में न्यायिक कार्यवाही की रिपोर्टिंग को सीमित करेंगे। जिससे मीडिया को प्रभावी ढंग से चुप करा दिया जाएगा।ममता बनर्जी मीडिया को चुप कराने की कोशिश क्यों कर रही हैं? स्वतंत्र भाषण और प्रेस की स्वतंत्रता का क्या हुआ!

मालवीय ने आगे लिखते हुए मुख्यमंत्री की महिलाओं के खिलाफ अपराधों को लेकर ईमानदारी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यदि बनर्जी वास्तव में इन मुद्दों को संबोधित करने की कोशिश कर रही हैं, तो उन्हें ठोस कदम उठाने चाहिए।

ममता ने विधानसभा में क्या बोला था…

बता दें कि अमित मालवीय के ये टिप्पणी ममता बनर्जी के पश्चिम बंगाल विधानसभा में दिए बयान को लेकर सामने आई है। दरअसल, ममता ने विधानसभा में बोलते हुए उत्तर प्रदेश के उन्नाव और हाथरस जैसे बीजेपी-शासित राज्यों में हाई-प्रोफाइल बलात्कार मामलों का जिक्र किया था। इस दौरान ममता ने इन मामलों को लेकर बीजेपी पर हमला बोला था। बनर्जी ने केंद्रीय सरकार के उस निर्णय की भी निंदा की, जिसमें बिना राज्य से परामर्श किए भारतीय न्याय संहिता (BNS) पारित कर दी गई। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की आलोचना की कि वे महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रभावी कानून लागू करने में विफल रहे हैं।

शिवराज सिंह चौहान ने भी बोला हमला

पूर्व मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी बनर्जी की आलोचना की है। उन्होंने मीडिया बात करते हुए कहा, ‘ममता बनर्जी संवेदनहीन हो गई हैं। मध्य प्रदेश 2017 में ऐसा कानून लागू करने वाला पहला राज्य था। अब तक इस कानून के बदौलत 42 लोगों को फांसी की सजा दी जा चुकी है।

यह विधेयक RG कर मेडिकल कॉलेज में हुए घृणित अपराध से ध्यान हटाने के लिए लाया गया है। ममता सरकार ने यह विधेयक पहले क्यों नहीं पेश किया? RG कर घटना के जिम्मेदार लोगों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। क्या इस विधेयक के तहत शेख शहजाहान जैसे लोग भी फांसी की सजा पाएंगे?’

‘ममता बनर्जी ‘ड्रामेबाज़ी’ कर रही हैं’

इस बीच, केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता सुकांत मजूमदार ने कहा, ‘ममता बनर्जी ‘ड्रामेबाज़ी’ कर रही हैं। आज पेश किया गया कानून असंवैधानिक है। पहले से ही एक केंद्रीय कानून है जिसमें फांसी की सजा का प्रावधान है। इसलिए ममता बनर्जी द्वारा आज लाया गया विधेयक केवल ‘ड्रामेबाज़ी’ है। यह विधेयक सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी और इसे रद्द कर दिया जाएगा।’

बिल में क्या है प्रावधान?

ममता बनर्जी द्वारा पेश किए गए नए एंटी-रेप बिल का उद्देश्य जांच को तेज करना, त्वरित न्याय सुनिश्चित करना और कड़ी सजा दिलाना है। जिसमें बलात्कार के दोषियों के लिए मौत की सजा शामिल है। इस विधेयक में बलात्कार और सामूहिक बलात्कार के दोषियों के लिए आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान भी है। साथ ही अदालत से संबंधित मामलों के अनधिकृत प्रकाशन ( गलत मीडिया रिपोर्टिंग) पर दंड देने का भी प्रावधान है।

बीजेपी ने इसके संभावित प्रभावों को लेकर प्रेस की स्वतंत्रता और न्यायिक प्रक्रियाओं की पारदर्शिता पर चिंता जताई है। मालवीय ने बनर्जी से आग्रह किया कि वह उन धाराओं को हटाएं जो मीडिया रिपोर्टिंग को सीमित करती हैं। उन्होंने फास्ट-ट्रैक अदालतों की स्थापना की मांग की है।

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