Mamta Kulkarni : हाल ही में एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी खबरों में बनी हुई हैं। एक्टिंग के साथ अपने करियर की शुरुआत करने वाली एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी ने सांसारिक जीवन त्याग, अधयात्म का रास्ता चुन लिए है। ममता के इस कदम ने लोगो को काफी हैरानी में डाल दिया है। अभिनेत्री ने खुद इस बात की घोषणा की, वे अपने सांसारिक जीवन को त्यागने जा रही हैं और साध्वी बनने जा रही हैं। आपको बता दें, अभिनेत्री किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर भी बन गई हैं और उन्हें एक नया नाम मिला है, श्री यमई ममता नंद गिरि। उन्होंने हाल ही में चल रहे महाकुंभ मेला 2025 में उन्होंने अपना ‘पिंडदान’ भी किया।
कब बना किन्नर अखाडा ?
ममता कुलकर्णी को दीक्षा देने के पहले किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण ने कहा, “ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनाया जा रहा है। जब मैं यह बात आपको बता रही हूं, तब सभी अनुष्ठान चल रहे हैं। ममता पिछले डेढ़-दो साल से किन्नर अखाड़े और मेरे संपर्क में थीं.” 2015 में स्थापित किन्नर अखाड़ा एक हिंदू धार्मिक संगठन है, जिसका मुख्य उद्देश्य ट्रांसजेंडर समुदाय को आध्यात्मिक और सामाजिक क्षेत्रों में समानता और मान्यता देना है। उन्होंने आएगी बताया कि अब, ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर के रूप में नियुक्त करके अखाड़ा अपने संदेश और प्रभाव को और अधिक फैलाने कोशिश कर रहा है।
ममता ने अपने फैसले को बताया गुरु का आदेश
ममता कुलकर्णी ने अपने इस फैसले को गुरु का आदेश बताते हुए कहा, “यह महादेव, महाकाली का आदेश था। यह मेरे गुरु का आदेश था। उन्होंने यह दिन चुना, मैंने कुछ नहीं किया.” भगवा वस्त्र और रुद्राक्ष की माला पहने ममता कुलकर्णी ने प्रयागराज के संगम घाट पर ‘पिंडदान’ भी किया। ममता कुलकर्णी ने कहा कि उन्होंने कुपोली आश्रम में जूना अखाड़ा के चैतन्य गगन गिरि महाराज से 23 साल पूर्व दीक्षा ली थी और वह दो साल से लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के संपर्क में हैं।
क्यों जुडी किन्नर अखाड़े से ?
उन्होंने इस बारे में आगे बात करते हुए बताया कि आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने मेरी 23 साल की तपस्या को सम्मान दिया। स्वामी महेंद्रानंद गिरि महाराज ने मेरी परीक्षा ली जिसमें मैं पास हुई। ममता ने बताया कि मुझे नहीं पता था कि पिछले तीन दिनों से मेरी परीक्षा ली जा रही है। उन्होंने कहा उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी, मुझे एक दिन पता चला कि मुझे महामंडलेश्वर बनाने का फैसला लिया गया है, यह मेरे लिए भी हैरान करने वाला क्षण था। ममता ने कहा कि क्योंकि किन्नर अखाड़ा सभी अखाड़ों में मध्य मार्गी है, इसलिए मैंने इसमें शामिल होने का निर्णय लिया।
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