नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। एनपीपी ने सरकार पर राज्य में चल रहे संकट को हल करने में विफल रहने का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा भड़की है और माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।
एनपीपी ने समर्थन लिया वापस
एनपीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने मणिपुर में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति पर चिंता जताई है। बीजेपी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को लिखी चिट्ठी में उन्होंने कहा है कि स्थिति और भी खराब हो गई है। जिसके परिणामस्वरूप और अधिक निर्दोष लोगों की जान चली गई है और राज्य के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मणिपुर में हालात बिगड़े
जेपी नड्डा को लिखी चिट्ठी में सीएम कोनराड ने कहा कि हमें दृढ़ता से लगता है कि बीरेन सिंह के नेतृत्व में मणिपुर राज्य सरकार संकट को हल करने और सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह विफल रही है। उन्होंने मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए नेशनल पीपुल्स पार्टी ने मणिपुर राज्य में बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन तत्काल प्रभाव से वापस लेने का फैसला किया है।
मणिपुर में सीआरपीएफ की 15 और कंपनी रवाना
जानकारी के मुताबिक दूसरी तरफ हालात संभालने के लिए सीआरपीएफ के डीजी अनीश दयाल सिंह को भी मणिपुर जाना पड़ा है। खबरों के मुताबिक वह रविवार को मणिपुर पहुंच गए हैं। इसके अलावा कुछ दिन पहले ही मणिपुर में हालात संभालने के लिए सीआरपीएफ की 15 और कंपनियों को भेजा गया था। जानकारी के मुताबिक हालात और बिगड़े तो मणिपुर में और केंद्रीय सशस्त्र बलों को भेजा जा सकता है।
मणिपुर को लेकर उच्च स्तरीय बैठक
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति को लेकर रविवार को समीक्षा बैठक की है। वहीं शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों को राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया है। अमित शाह ने महाराष्ट्र में अपनी चुनावी रैलियां रद्द करके लौटने के तुरंत बाद यह बैठक की है। सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्री ने शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और उन्हें शांति सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश दिया है।