Manipur Violence: उग्रवादियों ने पूर्व CM के आवास पर गिराया रॉकेट, 1 की मौत, 5 घायल
Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा की स्थिति अब एक नई दिशा में बढ़ रही है। उग्रवादी अब रॉकेट और ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है। शुक्रवार को बिष्णुपुर जिले में महज 10 घंटे के भीतर दो रॉकेट हमले हुए, जो चुराचांदपुर के पास स्थित है। इसके अलावा, सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, बिष्णुपुर और इंफाल ईस्ट जिलों में शुक्रवार रात कई ड्रोन देखे गए। लगातार हो रहे ड्रोन हमलों से लोगों में डर का माहौल बन गया है और इसी कारण स्थानीय लोगों ने रात भर अपने घरों की लाइटें बंद कर दीं।
मीडिया रिपोर्टर के मुताबिक, उग्रवादियों ने पूर्व मुख्यमंत्री मैरेमबाम कोइरेंग के घर समेत दो स्थानों पर रॉकेट दागे। इस हमले के समय पूर्व मुख्यमंत्री और उनके परिवार के सदस्य घर पर नहीं थे, लेकिन हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए, जिनमें एक 13 साल की लड़की भी शामिल है। इस घटना के बाद मणिपुर सरकार ने शनिवार (7 सितंबर) को स्कूलों को बंद करने का आदेश दे दिया है।
यह हमला मणिपुर में पिछले 17 महीने से चल रहे संघर्ष में रॉकेट का पहली बार इस्तेमाल किया गया मामला है। जानकारी के मुताबिक हमले के तुरंत बाद, पुलिस और अतिरिक्त सुरक्षा बलों ने इलाके के पास स्थित पहाड़ी क्षेत्र में सघन तलाशी अभियान शुरू किया। इस दौरान उग्रवादियों के तीन बंकर नष्ट कर दिए गए। इसके अलावा, हवाई निगरानी के लिए सैन्य हेलीकॉप्टर भी तैनात किए गए हैं। सुरक्षा की स्थिति का जायजा लेने के लिए उच्च स्तरीय बैठकें भी आयोजित की गई हैं।
ड्रोन की दहशत से सहमे लोग
कुकी इलाकों के उग्रवादियों द्वारा किए गए ड्रोन और रॉकेट हमलों ने मणिपुर में चिंता की लहर फैला दी है। लोग अपने घरों में लाइटें बंद करने पर मजबूर हैं क्योंकि उनके इलाकों में ड्रोन और रॉकेट से हमले किए जा रहे हैं। इंफाल वेस्ट जिले के दो क्षेत्रों में ड्रोन और बम हमलों के बाद, नारायणसेना, पुखाओ, दोलाईथाबी और शांतिपुर के निवासियों में घबराहट और असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। इस स्थिति को देखते हुए सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। बिष्णुपुर में रात के समय कई राउंड फायरिंग की घटनाएं भी सामने आईं, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई है।
सुरक्षा बलों की भूमिका पर उठ रहे सवाल
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि फायरिंग सुरक्षा बलों द्वारा की गई थी या उग्रवादियों द्वारा। लगातार ड्रोन हमलों ने राज्य सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। मैतेई समुदाय में भी सरकार के प्रति नाराजगी दिख रही है, लोगों का कहना है कि सुरक्षा का आश्वासन देने के बावजूद हमले हो रहे हैं। 1 सितंबर को हुए हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने बताया था कि इस तरह के हमले युद्ध के समय में होते हैं और इसके पीछे बेहद प्रशिक्षित लोग हो सकते हैं।
कोर्डिनेशन कमेटी ने जाहिर की नाराजगी
कॉर्डिनेशन कमेटी ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी ने भी अपनी नाराजगी जताई है। 1 सितंबर को मणिपुर के कोत्रुक गांव में पहली बार ड्रोन का इस्तेमाल हथियार के रूप में किया गया था, जहां ताबड़तोड़ फायरिंग और बम से हमले किए गए थे। इस हमले में दो लोगों की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हुए। इसके अगले दिन सेनजाम चिरांग में भी ड्रोन हमला हुआ, जिसमें तीन लोग घायल हुए। स्थिति को देखते हुए, कमेटी ने इसे कुकी समुदाय की आक्रमता में इजाफा बताया है।
नागरिकों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील
कमेटी ने राज्य में आपातकाल लागू कर दिया है और नागरिकों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री मरिमबाम कोइरेंग सिंह के आवास पर भी हमला हुआ, जिससे उनकी प्रतिमा और घर को नुकसान पहुंचा है। हालात बिगड़ चुके हैं और नियंत्रण में नहीं दिख रहे हैं। हालांकि केंद्रीय सुरक्षा बल पहाड़ी क्षेत्रों में तैनात हैं, लेकिन वे मौजूदा स्थिति को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं।
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