भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और मशहूर अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया। उनका निधन 26 दिसंबर 2024 को हुआ। डॉ. मनमोहन सिंह ने अपनी जिंदगी में जो योगदान दिया, वह भारत को पूरी दुनिया में एक नया मुकाम दिलाने के लिए हमेशा याद किया जाएगा। वह एक ऐसे नेता थे जिन्होंने भारतीय राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज में कई बदलाव किए, जो आज भी असरदार हैं। आइए जानते हैं कि डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत के लिए क्या खास किया।
1. आर्थिक उदारीकरण: भारत को मिली एक नई दिशा
डॉ. मनमोहन सिंह का सबसे बड़ा योगदान आर्थिक उदारीकरण था। 1991 में जब भारत गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा था, तब उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में कई अहम फैसले लिए। इन फैसलों के चलते भारत ने अपनी आर्थिक नीतियों में बदलाव किया, सरकारी नियंत्रण कम किया और विदेशी निवेश को बढ़ावा दिया। इन कदमों से भारतीय बाजार खुल गए और भारत ने वैश्विक आर्थिक समुदाय में एक मजबूत स्थान बना लिया।
2. मनरेगा: गरीबों के लिए रोजगार की गारंटी
2005 में डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) लागू किया। इस योजना का मुख्य उद्देश्य था कि हर ग्रामीण परिवार को साल में 100 दिन का रोजगार मिले। इसके तहत लाखों लोगों को रोजगार मिला, जिससे उनकी आय बढ़ी और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास हुआ। मनरेगा ने ग्रामीण भारत में एक नई उम्मीद और ताकत दी।
3. आरटीआई: सूचना के अधिकार ने किया सरकारी कामकाज पारदर्शी
2005 में डॉ. मनमोहन सिंह ने सूचना का अधिकार (RTI) कानून पारित किया। इस कानून के तहत नागरिकों को यह अधिकार मिला कि वे सरकारी संस्थाओं से जानकारी मांग सकते हैं। इससे सरकारी कामकाज में पारदर्शिता आई और लोगों को जवाबदेही महसूस हुई। आरटीआई ने भ्रष्टाचार को कम करने में भी मदद की और सरकार को जवाबदेह बनाया।
4. आधार: एक पहचान से बदल गई जिंदगी
आधार एक और ऐसी योजना थी जिसने भारत के लोगों की जिंदगी को आसान बना दिया। डॉ. मनमोहन सिंह ने आधार परियोजना की शुरुआत की, जिसके तहत प्रत्येक भारतीय नागरिक को एक यूनिक आईडी नंबर दिया गया। इससे लोगों को सरकारी सेवाओं तक आसान पहुंच मिली और कई योजनाओं का फायदा सीधे जनता तक पहुंचने लगा। आधार ने भ्रष्टाचार को रोकने और सरकारी सहायता को सही जगह पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।
5. प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण: सब्सिडी का फायदा सीधे जेब में
डॉ. मनमोहन सिंह ने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) योजना भी शुरू की। इसके तहत सरकार ने लोगों को सब्सिडी और सहायता सीधे उनके बैंक खातों में भेजना शुरू किया। इस योजना से ना केवल बिचौलियों की भूमिका खत्म हुई, बल्कि सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे जरूरतमंदों तक पहुंचा। DBT ने भ्रष्टाचार को रोकने और योजनाओं को पारदर्शी बनाने में बहुत मदद की।
6. कृषि ऋण माफी: किसानों को मिली राहत
2008 में जब देश में कृषि संकट था, तो डॉ. मनमोहन सिंह ने कृषि ऋण माफी योजना शुरू की। इस योजना के तहत 60,000 करोड़ रुपये का कृषि ऋण माफ किया गया। इससे लाखों किसानों को राहत मिली और उनके कर्ज का बोझ कम हुआ। इस कदम ने किसानों को संकट से बाहर निकालने और कृषि क्षेत्र को एक नई दिशा देने में मदद की।
7. भारत-अमेरिका परमाणु समझौता: भारत को मिला बड़ा फायदा
मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत ने भारत-अमेरिका परमाणु समझौता किया, जो एक ऐतिहासिक कदम था। इसके तहत भारत को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) से छूट मिली, जिससे उसे यूरेनियम खरीदने का अधिकार मिला। इससे भारत को अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद मिली और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति मजबूत हुई।
8. भारत की विदेश नीति में बदलाव
मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत की विदेश नीति में भी बदलाव आया। उन्होंने भारत-अमेरिका संबंधों को बेहतर किया और भारत को दुनिया में एक अहम ताकत के रूप में स्थापित किया। उनके नेतृत्व में भारत ने अपनी विदेश नीति को और मजबूत किया और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी स्थिति को और बेहतर किया।
बता दें डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। उनके द्वारा शुरू की गई नीतियों और योजनाओं ने भारत के आर्थिक और सामाजिक ढांचे को बदल दिया। उन्होंने जो कदम उठाए, वे न केवल उनके समय में बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी फायदेमंद साबित हुए। उनका जीवन और कार्य एक प्रेरणा है, जिसने भारत को एक नया मुकाम दिलाया। उनके योगदान के कारण आज भारत दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण देशों में से एक है, और उनका प्रभाव आने वाले वर्षों तक महसूस किया जाएगा।