Bleeding Eye: मारबर्ग वायरस एक बार फिर से दुनिया के लिए चिंता का विषय बन गया है। इस खतरनाक वायरस ने अफ्रीका के कुछ देशों में दस्तक दे दी है, जिससे विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी अलर्ट हो गया है। रवांडा में इस वायरस के कारण 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 64 मामले सामने आए हैं।
मारबर्ग वायरस क्या है और कैसे फैलता है?
मारबर्ग वायरस (Marburg Virus) एक अत्यंत संक्रामक और घातक वायरस है, जो इबोला वायरस का करीबी रिश्तेदार है। यह वायरस मुख्य रूप से फलाहारी चमगादड़ों से मनुष्यों में फैलता है। एक बार मनुष्य में आने के बाद, यह व्यक्ति-से-व्यक्ति संपर्क के माध्यम से फैलता है।
इस वायरस का संक्रमण निम्नलिखित तरीकों से हो सकता है:
– संक्रमित व्यक्ति के शारीरिक तरल पदार्थों के संपर्क में आने से
– संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से
– संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई वस्तुओं के संपर्क में आने से
Bleeding Eye वायरस के लक्षण और खतरा
मारबर्ग वायरस के संक्रमण के लक्षण आमतौर पर 2 से 21 दिनों के भीतर दिखाई देते हैं। प्रारंभिक लक्षणों में शामिल हैं:
– तेज बुखार
– सिरदर्द
– मांसपेशियों में दर्द
– ठंड लगना
– गले में खराश
– त्वचा पर चकत्ते
गंभीर मामलों में, रोगी की आंखों से खून बहने लगता है, जिस कारण इसे ‘ब्लीडिंग आई वायरस’ (Bleeding Eye Virus) भी कहा जाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, मारबर्ग वायरस (Marburg Virus) बीमारी (MVD) का मृत्यु दर 88% तक हो सकता है। हालांकि, शीघ्र निदान और उचित देखभाल से इस दर को कम किया जा सकता है।
कौन से देश प्रभावित
एनडीटीवी में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, ट्रेवल हेल्थ प्रो की तरफ से रवांडा, बुरुंडी, सेंट्रल अफ्रिकन रिपब्लिक, कॉन्गो, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ द कॉन्गो, गाबों, कीन्या, युगांडा, बोलिविया, ब्राजील, कोलंबिया, क्यूबा, डोमिनिकन रिपब्लिक, इक्वाडोर, गुयाना, पनामा और पेरु जाने वाले यात्रियों को चेतावनी जारी की गई है।
रवांडा में मारबर्ग वायरस के कुल 64 मामले सामने आए हैं, जिनमें 15 मौतें शामिल हैं। संक्रमित व्यक्तियों में 70% पुरुष हैं, और 48% 30-39 वर्ष की आयु वर्ग के हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन रवांडा सरकार के साथ मिलकर इस प्रकोप से निपटने में मदद कर रहा है। संपर्क ट्रेसिंग जारी है, और 20 अक्टूबर 2024 तक 1146 संपर्कों की निगरानी की जा रही थी।
इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा रहे हैं:
– बढ़ी हुई निगरानी
– संपर्क ट्रेसिंग
– संक्रमण नियंत्रण उपाय
बचाव और सावधानियां
मारबर्ग वायरस के लिए अभी तक कोई टीका या विशिष्ट उपचार उपलब्ध नहीं है। इसलिए, बचाव ही सबसे अच्छा उपाय है। निम्नलिखित सावधानियां बरतें:
– संक्रमित व्यक्तियों या जानवरों के संपर्क से बचें
– नियमित रूप से हाथ धोएं
– संदिग्ध लक्षण दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सा सहायता लें
– स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करें