Mauni Amavasya 2024: जानिए क्यों है मौनी अमावस्या पर मौन, स्नान और दान का विशेष महत्व
राजस्थान (डिजिटल डेस्क)। Mauni Amavasya 2024: सनातन धर्म में माघ महीने की अमावस्या तिथि (Mauni Amavasya 2024) मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस साल मौनी अमावस्या 9 फरवरी के दिन मनाई जाएगी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन ऋषि मनु का जन्म हुआ था इसलिए इसे मौनी अमावस्या कहा जाता है। इस दिन मौन के साथ ही स्नान और दान का विशेष महत्व माना जाता है। यह दिन पितरों को समर्पित होता है। माना जाता है कि इस दिन किया गया स्नान और दान पुण्य पितरों को मोक्ष दिलाता है। साथ ही व्यक्ति को भी जीवन में पुण्यों फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन साधकों द्वारा मौन रहकर भगवान की साधना की जाती है। तो आइए जानते है मौनी अमावस्या के दिन मौन , स्नान और दान का विशेष महत्व:-
मौन व्रत रखने का महत्व:-
मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत करने से मोक्ष और स्वर्ग की प्राप्ति होती है। मौन रहने से ज्ञानेन्द्रियाँ व कामेन्द्रियां एकाग्रता बढ़ती है और साथ ही मानसिक ऊर्जा में वृद्धि होती है।
1. मन को नियंत्रण करता है मौन व्रत
मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत धारण कर भगवान की पूजा की जाती है। इस दिन मौन व्रत का खास महत्व माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है और मौनी अमावस्या के दिन चंद्र देव उदय नहीं होते। ऐसे में मन की एकाग्रता ओर नियंत्रित रखने के लिए मौन व्रत धारण किया जाता है। जिससे मन को नियंत्रण किया जा सके।
2. मौन व्रत से वाणी में आती है शुद्धता
माना जाता है कि जो लोग मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत करते है और कुछ नहीं बोलते। ऐसे लोगों की वाणी शुद्ध होती है और साथ ही समाज में मान,सम्मान व प्रतिष्ठा बड़ती है।
3. मौन व्रत मोक्ष प्राप्ति का मार्ग
माना जाता है कि मौन रहने से व्यक्ति का मन शांत रहता है और भक्ति भाव व आध्यात्मिक कार्यो में ज्यादा मन लगता है। शास्त्रों के अनुसार बताया गया है कि जो लोग मौनी अमावस्या के दिन व्रत करते है और मौन व्रत धारण करते है ऐसे लोग आत्म अवलोकन कर आसानी से अपने लक्ष्यों की प्राप्ति करते है और उनके लिए मोक्ष का मार्ग भी खुल जाता है।
दान और स्नान का महत्व:-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्यक्ति मौन रहते हुए पवित्र नदियों जैसे गंगा, यमुना या अन्य पवित्र नदी में स्नान अवश्य करना चाहिए। माना जाता है कि इस दिन सभी पवित्र नदियों का पानी अमृत समान होता है और मौनी अमावस्या के दिन स्नान करने से अश्वमेघ यज्ञ करने के समान फलों की प्राप्ति होती है। पौराणिक मान्यता है कि इस अमावस्या के दिन स्वयं देवता और पितृ प्रयागराज के संगम में स्नान के लिए आते है। ऐसे में जो व्यक्ति ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने से लंबी आयु और आरोग्य की प्राप्ति होती है।
स्नान के साथ साथ इस दिन दान का भी विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन काले तिल, सूखी लकड़ी, गरम वस्त्र,कंबल,तेल और जूते दान करना चाहिए। साथ ही ज्योतिष के अनुसार जिन जातकों की कुंडली में चंद्रमा नीचे है उन लोगों को दूध,चावल,खीर और मिश्री का दान करना चाहिए। इस दिन दान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है साथ ही उनका आशीर्वाद हमेशा उस जातक के साथ बना रहता है।
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