Mauni Amavasya 2025: प्रयागराज जाने के रास्ते बंद, 20 किलोमीटर लंबा जाम, 2.5 लाख वाहन फंसे

महाकुंभ के मौनी अमावस्या के दिन हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ ने प्रशासन की नाक में दम कर दिया है। मंगलवार और बुधवार की रात को भगदड़ की वजह से करीब 20 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद प्रशासन ने तगड़े कदम उठाते हुए प्रयागराज की तरफ जाने वाली सभी सड़कों को बंद कर दिया है। अब तक, इन बैरियरों के कारण 20 किलोमीटर लंबा जाम लग चुका है और ढाई लाख से ज्यादा वाहन फंसे हुए हैं। लोग घबराए हुए हैं, प्रशासन से किसी भी सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा और राहत की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही।

प्रयागराज जाने के सभी रास्ते बंद, 20 किलोमीटर का लंबा जाम

प्रयागराज की ओर जाने वाली सभी प्रमुख सड़कों पर बैरियर लगाए गए हैं। लखनऊ-प्रयागराज नेशनल हाईवे समेत कई रास्तों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं को जगह-जगह होल्डिंग एरिया में रोक दिया है। इन जगहों पर 15 से 20 किलोमीटर तक लंबा जाम लग गया है और लाखों लोग फंसे हुए हैं। इन सभी वाहनों में कम से कम ढाई लाख से ज्यादा लोग शामिल हैं। सबसे बड़ी समस्या यह है कि लोग यह नहीं जान पा रहे कि जाम कब खुलेगा और उन्हें आगे जाने दिया जाएगा।

होल्डिंग एरिया में फंसे श्रद्धालु

रायबरेली, हरदोई, शाहजहांपुर, बरेली, सीतापुर और लखीमपुर जैसे जिलों से करीब एक लाख से ज्यादा लोग अपने वाहनों से महाकुंभ जाने के लिए निकल चुके थे। अब इन सभी श्रद्धालुओं को होल्डिंग एरिया में रोक दिया गया है। इन स्थानों में बछरावां, हरचंदपुर, मिल एरिया, कोतवाली नगर, जगतपुर और ऊंचाहार जैसी जगहों पर श्रद्धालु फंसे हुए हैं। वहीं, प्रतापगढ़ से सलोन जाने वाले श्रद्धालुओं को सलोन में ही रोक दिया गया है।

बरगढ़ बॉर्डर से भरतकूप तक जाम की स्थिति

कानपुर से आने वाले श्रद्धालुओं को डलमऊ में रोक लिया गया है, जिससे यहां पर करीब एक लाख लोग फंसे हुए हैं। इसी तरह चित्रकूट की तरफ से आने वाले वाहनों को भी रोका गया है। इस कारण बरगढ़ बॉर्डर से लेकर भरतकूप तक करीब 30 हजार वाहन जाम में फंसे हुए हैं। यह जाम स्थिति और भी खराब कर रहा है। झांसी-मीरजापुर हाईवे और कर्वी-राजापुर हाईवे पर भी वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है।

भूख, प्यास और प्रशासन से लापरवाही

होल्डिंग एरिया में फंसे श्रद्धालुओं को न तो पीने का पानी मिल रहा है और न ही शौचालय की कोई व्यवस्था है। ऐसे में लोग भूख और प्यास से परेशान हो रहे हैं। कई जगहों पर गांववालों ने अपनी तरफ से भंडारा शुरू कर दिया है और कुछ लोग खुद आलू और उपले लेकर लिट्टी चोखा बना रहे हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि उन्होंने कई बार प्रशासन से पूछा कि कब वे आगे बढ़ सकेंगे, लेकिन कोई भी सटीक जानकारी देने को तैयार नहीं है।

ट्रेनों की रुकावट और ट्रेन यात्रियों की परेशानी

प्रयागराज में बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने कई ट्रेनों को भी रोक दिया है। झांसी-मानिकपुर रूट पर दो मेला स्पेशल और एक अन्य ट्रेन को रोक दिया गया है। इसमें ग्वालियर से वाराणसी जाने वाली बुंदेलखंड एक्सप्रेस भी शामिल है। इसके अलावा, मुंबई-प्रयागराज और वाराणसी-प्रयागराज रूट पर भी कई ट्रेनों को अलग-अलग स्टेशनों पर रोक दिया गया है। इससे ट्रेन यात्रियों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

छोटी सड़कों पर भी नाकाबंदी, गांवों में भी जाम

प्रयागराज पहुंचने से पहले प्रशासन ने न केवल हाईवे और प्रमुख सड़कों पर बैरियर लगाए हैं, बल्कि छोटी सड़कों पर भी नाकाबंदी की गई है। इसका नतीजा यह हुआ है कि गांवों की सड़कों पर भी जाम लगने लगा है। कई लोग गांवों में घुसने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन नाकाबंदी के कारण उनकी भी राहें बंद हो गई हैं। लोग कहते हैं कि उन्हें बुधवार की सुबह ही रोक लिया गया था, और अब तक किसी प्रकार का कोई हल नहीं निकला है।

प्रयागराज में भीड़ को नियंत्रित करने के उपाय

प्रयागराज शहर में भी प्रशासन ने जगह-जगह बैरियर लगाए हैं। फाफामऊ गंगापुल पर बैरियर लगाकर श्रद्धालुओं को वहीं स्नान करने के लिए कहा जा रहा है। प्रयागराज जंक्शन पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जंक्शन जाने वाले रास्तों को बंद कर दिया गया है। श्रद्धालुओं को वापस लौटने की अपील की जा रही है। इसी तरह, बांदा और चित्रकूट की तरफ जाने वाले रास्तों पर भी गाड़ियों को रोका जा रहा है या श्रद्धालुओं को वापस भेजा जा रहा है।

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