Mewar Rajput Family

Mewar Rajput Family : मेवाड़ राजपरिवार में आज भी चली आ रही है, राजतिलक की ये अनूठी परंपरा

Mewar Rajput Family : मेवाड़ पूर्व राज परिवार (Mewar Royal Family) ,में पिछले कुछ समय संपत्ति को लेकर विवाद (Mewar Royal Family Dispute)चल रहा था। उदयपुर में पिछले कुछ समय से राजतिलक को लेकर विवाद चल रहा हैं। दरअसल ये पूरा विवाद उदयपुर के पूर्व सांसद और पूर्व राजपरिवार के सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़ की मृत्यु के बाद उनके बड़े बेटे विश्वराज के राजतिलक को लेकर है। आपको बता दें, महेंद्र सिंह मेवाड़ के भाई और विश्वराज के चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ ने राजतील की परंपरा रोकने के लिए उदयपुर के सिटी पैलेस के दरवाजे बंद कर दिए थे।

 

आपको बता दें, विश्वराज सिंह का चित्तौड़गढ़ में महाराणा के रूप में राजतिलक हुआ था। जिसके बाद विश्वराज सिंह समर्थकों के साथ उदयपुर सिटी पैलेस पहुंचे। उन्हें परम्परा के अनुसार सिटी पैलेस स्थित धूणी माता के दर्शन करने थे। लेकिन सिटी पैलेस के दरवाजे बंद होने पर विश्वराज के समर्थकों में रोष भर गया, उन्होंने बैरिकेटिंग हटाए, पुलिस और भीड़ में झड़प भी हो गई। फिलहाल सिटी पैलेस के बाहर पुलिस तैनात है। आइये जानते हैं क्या होती है राजतिलक से जुडी परम्पराओं के बारे में

चित्तोड़ में हुआ राजतिलक

विश्वराज सिंह का सोमवार को चित्तौड़गढ़ के किले में राजतिलक किया गया। इस कार्यक्रम में मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के मुखिया की गद्दी पर बैठाने की रस्म निभाई गई। विश्वराज को गद्दी पर बैठाने का ‘दस्तूर’ (रस्म) कार्यक्रम चित्तौड़गढ़ किले के फतहप्रकाश महल में आयोजित किया गया और इस आयोजन में कई राज परिवारों के प्रमुख शामिल हुए।

खून से किया गया राजतिलक

राजतिलक की इस परम्परा में व‍िश्‍वराज सिंह को राजगद्दी पर बैठाया गया। इसके बाद सदियों से चली आ रही पारिवारिक परम्परा के अनुसार तलवार की धार से अंगूठे को काटकर उनका राजतिलक किया गया। इस परंपरा का निर्वहन सलूंबर ठिकानेदार द्वारा किया जाता है। पारम्परिक परम्परा के अनुसार राजतिलक के बाद महाराणा को धूणी पर दर्शन करने और कुलदेवता एकलिंगजी महादेव मंद‍िर में पूजा-अर्चना करनी होती है। मेवाड़ की शासक परंपरा के अनुसार शासक खुद को एकलिंगनाथ जी का दीवान मानते हैं।

 

महेंद्र सिंह का राजनीतिक करियर

उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य और पूर्व सांसद महेंद्र सिंह मेवाड़ का कुछ दिनों पहले निधन हो गया था। आपको बता दें, महेंद्र सिंह मेवाड़ 16वीं शताब्दी के राजपूत राजा महाराणा प्रताप के वंशज थे, जिन्होंने 1597 में अपनी मृत्यु तक मेवाड़ पर शासन किया था। महेंद्र सिंह 1989 में भाजपा के टिकट पर चित्तौड़गढ़ सीट से लोकसभा से चुनाव जीतकर चितोड़ के संसद बने। इतना नहीं नहीं इनके बेटेविश्वराज सिंह मेवाड़ राजसमंद जिले की नाथद्वारा सीट से भाजपा विधायक हैं। उनकी बहू महिमा कुमारी फिलहाल राजसमंद से भाजपा सांसद हैं।

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