Mid Day Meal Scheme : जयपुर। सरकारी विद्यालयों में मिड डे मील योजना के तहत परोसे जाने वाले पोषाहार की मात्रा पर सरकार की सीधी नजर रहेगी। शिक्षा विभाग के माध्यम से सरकार एक एप के जरिए सीधे स्कूलों से जुड़ेगी। इस माध्यम से किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को पकड़ना सरकार के लिए आसान हो जाएगा।
राज सिम्स एप बड़े काम का
राज्य सरकार और शिक्षा विभाग ने राज सिम्स नाम का एप तैयार किया है। इस एप में पोषाहार प्रभारी को प्रतिदिन उपयोग में आई और बची हुई पोषाहार सामग्री की जानकारी अपलोड करनी होगी। इस एप से पता लगाया जा सकेगा कि किस स्कूल में पहली से आठवीं तक के कितने विद्यार्थी स्कूल आए और पोषाहार ग्रहण किया। ऐसा नहीं करने पर संबंधित संस्था प्रधान और मिड डे मील प्रभारियों को नोटिस भी मिलेगा।
यह भी पढ़ें : MPBSE Board 12th &10th Result 2024: मध्य प्रदेश में आज जारी होगा 10वीं और 12वीं का रिजल्ट
मिड डे मील में क्या मिलता है? जानिए
जानकारी के अनुसार मिड-डे मील आयुक्तालय की ओर
मिड डे मील में कक्षा एक से पांचवी तक 100 ग्राम गेहूं व चावल तथा कक्षा छह से आठवीं तक विद्यार्थियों को 150 ग्राम गेहूं या चावल खाने के लिए परोसा जाता है। इस मात्रा के आधार पर रोजाना स्कूल आने वाले विद्यार्थियों की उपस्थिति के अनुसार ही नाप-तोल कर पोषाहार पकाया जाएगा।
बाल गोपाल योजना भी रहेगी ऑनलाइन
विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार अब मिड-डे मील के साथ-साथ बाल गोपाल योजना के तहत विद्यार्थियों को दिए जाने वाले पाउडर मिल्क की जानकारी भी सिम्स एप पर दर्ज की जाएगी। जिले में मिड-डे मील व बाल गोपाल योजना के तहत एक से आठ तक के विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं। इनका रिकॉर्ड भी सरकारी नजर में रहेगा।