दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतदान जारी है। अभी चुनाव से कुछ दिनों पहले ही बजट 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी है। इस बजट में सरकार ने 12 लाख तक की सालाना आय को टैक्स फ्री कर दिया है, जिससे आम आदमी को टैक्स में राहत मिलने की उम्मीद है। वहीं दिल्ली में चुनावों की तैयारियां चल रही हैं, और ऐसे में आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस टैक्स छूट को खुद के पक्ष में एक बड़ा कदम बताया है। AAP का कहना है कि यह कदम दिल्ली चुनाव के दबाव के चलते लिया गया है। वहीं बीजेपी नेताओं ने इसे सरकार का एक सही और जनहित में लिया गया फैसला बताया है।
केंद्र सरकार ने किया टैक्स सिस्टम में बड़ा सुधार
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस बजट में न केवल टैक्स स्लैब में सुधार किया गया, बल्कि डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स दोनों ही क्षेत्रों में राहत दी गई है। उन्होंने कहा, “हमने पहले कभी इतना बड़ा सुधार नहीं देखा। इस बजट में लोगों को अधिक बचत करने का मौका मिलेगा और टैक्स कम होगा।” मालवीय ने यह भी कहा कि सरकार हर योजना पर सूझबूझ से खर्च कर रही है, ताकि अर्थव्यवस्था पर कोई भारी बोझ न पड़े। मालवीय ने यह भी जोड़ा कि टैक्स छूट के अलावा भी सरकार ने कई महत्वपूर्ण ऐलान किए हैं, जिनसे लोगों को लाभ मिलेगा। उन्होंने यह भी बताया कि इस बजट में हर पहलू का ध्यान रखा गया है, जिससे आर्थिक मजबूती मिलेगी।
दिल्ली चुनाव पर क्या असर पड़ेगा?
वहीं, आम आदमी पार्टी के नेता जैस्मीन शाह ने इस फैसले पर अपना विरोध जताया। उनका कहना था कि मिडिल क्लास बीजेपी के झांसे में आने वाला नहीं है। उन्होंने कहा, “देश के सिर्फ दो फीसदी लोग ही इनकम टैक्स भरते हैं, जबकि सभी लोग जीएसटी और वैट जैसे अप्रत्यक्ष करों का भुगतान करते हैं। ऐसे में सरकार की टैक्स छूट से मिडिल क्लास को कोई बड़ा फायदा नहीं होने वाला है।” जैस्मीन ने यह भी कहा कि जीएसटी की दरें लगातार बढ़ रही हैं, और अब जरूरी सामानों पर भी जीएसटी लगाई जा रही है। इसके अलावा पेट्रोल और डीजल पर टैक्स भी बढ़ा है, जिससे आम आदमी की जेब पर और बोझ पड़ा है।
कैसी है देश की अर्थव्यवस्था की हालत?
जैस्मीन शाह ने यह भी आरोप लगाया कि इस बजट में अर्थव्यवस्था की कमजोर स्थिति पर कोई खास ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, “विकास दर 6 प्रतिशत से नीचे अटक गई है, और इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। निवेश में लगातार गिरावट हो रही है, और देश में प्राइवेट निवेश के साथ-साथ FDI भी 16 साल के निचले स्तर पर पहुंच चुका है।” उनका कहना था कि इस निवेश के गिरने से साफ संकेत मिलता है कि देश में कानून का राज नहीं है, बल्कि बीजेपी की तानाशाही चल रही है।
कांग्रेस का क्या कहना है?
कांग्रेस प्रोफेशनल विंग और डेटा एनालिटिक्स के प्रमुख प्रवीण चक्रवर्ती ने भी इस बजट पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि टैक्स में दी गई छूट से केवल 15 लाख परिवारों को ही फायदा होगा। प्रवीण ने पिछले साल के बजट का जिक्र करते हुए कहा कि एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप देने का ऐलान किया गया था, लेकिन इस बार उस पर कोई चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा, “हमारे देश में सबसे ज्यादा युवा हैं, लेकिन उनका भविष्य कैसे बेहतर होगा, इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।”
इनडायरेक्ट टैक्स की दरों पर भी सवाल
प्रवीण चक्रवर्ती ने यह भी कहा कि केवल इनकम टैक्स में राहत देने से कुछ नहीं होगा, जब तक सरकार जीएसटी की दरें नहीं घटाती। उनका कहना था कि “देश में प्रत्यक्ष कर सिर्फ 35 प्रतिशत है, जबकि अप्रत्यक्ष कर 65 प्रतिशत है। दुनियाभर की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में इसका उल्टा है।” प्रवीण ने कहा कि हमें अब 1991 जैसे आर्थिक सुधारों की जरूरत है, क्योंकि बिना इन सुधारों के देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती नहीं मिल सकती।
क्या बीजेपी को चुनाव में फायदा होगा?
दिल्ली विधानसभा चुनावों के नजदीक आते ही यह सवाल उठने लगा है कि क्या बजट के ये ऐलान बीजेपी को फायदा पहुंचाएंगे। अमित मालवीय ने इसे मिडिल क्लास के बीच बीजेपी की अपील को मजबूत करने का तरीका बताया, जबकि AAP और कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह बजट सिर्फ राजनीतिक फायदा लेने के लिए पेश किया गया है। AAP ने कहा कि टैक्स में दी गई छूट का कोई असर दिल्ली चुनाव पर नहीं पड़ेगा, जबकि बीजेपी नेताओं का मानना है कि यह बजट लोगों को राहत देने वाला है और इससे मिडिल क्लास को फायदा होगा।
ये भी पढ़ें:Delhi Election 2025: वोटिंग से पहले आतिशी के लिए आई बुरी खबर, इस मामले में मिला हाईकोर्ट का नोटिस