मोदी-ट्रंप मुलाकात: भारत को मिलेंगे MQ-9B ड्रोन और स्ट्राइकर टैंक, चीन में मची खलबली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आगामी मुलाकात को लेकर दुनिया भर की नजरें टिकी हुई हैं। यह मुलाकात सिर्फ दो देशों के बीच रिश्ते मजबूत करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे भारत को कई बड़े रक्षा सौदे मिलने की उम्मीद है। इन सौदों में MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन, स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल और F-35 फाइटर जेट जैसे घातक हथियार शामिल हैं। इन सौदों की वजह से चीन और पाकिस्तान में खलबली मची हुई है।

क्या है पूरा मामला?

मोदी और ट्रंप की मुलाकात में व्यापार, निवेश और रक्षा समझौतों पर चर्चा होगी। अमेरिका भारत को अपने सबसे एडवांस्ड हथियार देने को तैयार है। इनमें MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन और स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल शामिल हैं। ये सौदे भारत की सुरक्षा को मजबूत करेंगे और चीन-पाकिस्तान के लिए बड़ी चुनौती बनेंगे।

MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन: गेमचेंजर हथियार

MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन भारत के लिए गेमचेंजर साबित होगा। यह ड्रोन अमेरिकी कंपनी जनरल एटॉमिक्स ने बनाया है और यह 40 घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है। यह 40,000 फीट की ऊंचाई तक जाकर दुश्मन की नजरों से ओझल हो जाता है। इस ड्रोन ने अलकायदा सरगना अल जवाहिरी को उसके घर में घुसकर मार गिराया था। भारत को 31 MQ-9B ड्रोन मिलने की उम्मीद है, जो समुद्री सुरक्षा और सीमा पर नजर रखने में मददगार होंगे।

 

स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल बढ़ाएगा चीन की चिंता

स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल एक 8 पहियों वाला टैंक है, जो हल्का और शक्तिशाली होने के साथ-साथ पहाड़ी इलाकों में भी आसानी से चल सकता है। भारत चीन की सीमा पर इस टैंक का इस्तेमाल कर सकता है। अमेरिका ने अब तक यह टैंक किसी देश को नहीं बेचा है, लेकिन भारत को यह टेक्नोलॉजी ट्रांसफर करने को तैयार है।

F-35 फाइटर जेट और F-404 इंजन डील

अमेरिका ने भारत को पांचवीं पीढ़ी के F-35 फाइटर जेट देने की पेशकश की है। इसके अलावा, तेजस मार्क-1A के लिए F-404 टर्बोफैन इंजन की डिलीवरी पर भी बात होगी। ये सौदे भारतीय वायुसेना की ताकत को कई गुना बढ़ा देंगे।

चीन और पाकिस्तान में मची खलबली

मोदी-ट्रंप की मुलाकात से चीन और पाकिस्तान परेशान हैं। चीन को डर है कि भारत और अमेरिका मिलकर उसकी विस्तारवादी नीतियों को रोकेंगे। पाकिस्तान को लगता है कि ये सौदे उसकी सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं।

भारत को क्या मिलेगा?

MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन: 31 ड्रोन की डील।
स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल: 150 टैंक की डील।
F-35 फाइटर जेट: पांचवीं पीढ़ी के जेट पर बातचीत।
F-404 इंजन: तेजस मार्क-1A के लिए इंजन डिलीवरी।
इलेक्ट्रिक GE-414 इंजन: लाइसेंस डील।
आप्रवासन नीति: भारतीय छात्रों और पेशेवरों के लिए राहत।
व्यापार और निवेश: बड़े समझौते।

चीन को कैसे होगा नुकसान?

चीन की विस्तारवादी नीतियों को रोकने के लिए भारत और अमेरिका मिलकर कदम उठा रहे हैं। क्वाड समूह को मजबूत करना इसी का हिस्सा है। इस साल भारत में क्वाड सम्मेलन होना है, जिसमें अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल होंगे। इसके अलावा, चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) को कमजोर करने की भी कोशिश की जा रही है।

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