बांग्लादेश

नोबेल प्राइज के लायक नहीं मोहम्मद यूनुस, बीजेपी नेता ने नोबेल कमेटी से समीक्षा की मांग

बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ टारगेट हमला लगातार जारी है। इसको लेकर भारत समेत दुनियाभर के लोग आक्रोशित हैं। वहीं भाजपा सांसद ज्योतिर्मय महतो ने बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस को दिए गए नोबेल पुरस्कार को वापस लेने के संबंध में नोबेल कमेटी को चिट्ठी लिखी है। भाजपा सांसद की ओर से नोबेल कमेटी को लिखी गई इस चिट्ठी पर लोजपा (रामविलास) के सांसद अरुण भारती ने भी बीते रोज शनिवार (8 दिसंबर, 2024) को प्रतिक्रिया दी और कहा कि पुरस्कार की समीक्षा होनी चाहिए।

यूनुस से नोबेल शांति पुरस्कार वापस लेने के अपील

आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक अरुण भारती ने बीते रोज कहा कि मोहम्मद यूनुस को नोबेल शांति पुरस्कार दिए जाने के बाद उनके कार्यों में जो बदलाव देखने को मिले हैं, उस पर विचार करना आवश्यक है। अरुण भारती ने कहा कि मोहम्मद यूनुस को जब नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था, तो उनके योगदान को देखकर दिया गया था। लेकिन वर्तमान में जो बांग्लादेश में उनके कार्यकलाप हैं,उन पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए। वहीं इस विषय पर नोबेल कमेटी को समीक्षा करनी चाहिए।

पुरस्कार वापस लेने पर करना होगा विचार

अरुण भारती ने कहा कि भाजपा सांसद ज्योतिर्मय महतो ने जो पत्र लिखा है, वह सही है और अब इस मुद्दे पर सटीक जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नोबेल पुरस्कार मिलने के बाद यूनुस के कार्यों का क्या प्रभाव पड़ा है। अरुण भारती ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को नोबेल पुरस्कार दिया गया है और वह व्यक्ति बाद में अपने कार्यों से उस पुरस्कार के लायक नहीं रहता, तो उसकी समीक्षा होनी चाहिए। उनका मानना है कि यदि किसी के कार्य उन सिद्धांतों के खिलाफ जाते हैं, जिनके लिए उसे सम्मानित किया गया था तो उस पर पुनः विचार किया जाना चाहिए।

बांग्लादेशी दूतावास तक निकलेगा विरोध मार्च

इसके अलावा राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के एक पदाधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों के खिलाफ 200 से अधिक सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले नागरिक संस्था के सदस्य अगले सप्ताह बांग्लादेशी दूतावास तक विरोध मार्च निकालेंगे। वहीं आरएसएस की दिल्ली इकाई के मीडिया एवं संचार विभाग के सह-प्रभारी रजनीश जिंदल ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि ‘सिविल सोसाइटी ऑफ दिल्ली’ के बैनर तले बांग्लादेश दूतावास तक मार्च 10 दिसंबर को निकाला जाएगा। बता दें कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस 10 दिसंबर को मनाया जाता है।