मोहम्मद शमी फाइनल में भी नहीं रखेंगे रोजा, कोच ने कहा- ‘देश की ड्यूटी सबसे ऊपर’”

भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी इन दिनों अपनी गेंदबाजी के लिए चर्चा में हैं, लेकिन अब वह एक और वजह से सुर्खियों में हैं। रमजान के पवित्र महीने में शमी के रोजा न रखने को लेकर सोशल मीडिया पर एक विवाद छिड़ गया है। हालांकि, शमी के कोच बदरुद्दीन ने इस मामले पर साफ कहा है कि शमी के लिए देश की ड्यूटी सबसे ऊपर है और वह चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मैच में भी रोजा नहीं रखेंगे।

क्या है पूरा मामला?

4 मार्च को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए मैच के दौरान शमी की एक तस्वीर सामने आई, जिसमें वह मैच के दौरान कुछ खाते हुए दिख रहे थे। इस तस्वीर को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने शमी को ट्रोल करना शुरू कर दिया और उन पर आरोप लगाया कि वह रमजान के पवित्र महीने में रोजा नहीं रख रहे हैं। हालांकि, शमी के कोच बदरुद्दीन ने इस मामले पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि शमी के लिए देश की सेवा सबसे महत्वपूर्ण है।

कोच बदरुद्दीन का बड़ा बयान

शमी के कोच बदरुद्दीन ने कहा, “शमी के लिए देश सबसे ऊपर है। वह फाइनल मैच में भी रोजा नहीं रखेंगे क्योंकि उनकी पहली प्राथमिकता टीम इंडिया और देश की जीत है।” उन्होंने यह भी बताया कि शमी मैच के अलावा हर दिन रोजा रख रहे हैं और जो रोजा छूट रहा है, वह देश की ड्यूटी करने में छूट रहा है।

दुबई की गर्मी में रोजा रखना मुश्किल

क्रिकेट एक्सपर्ट्स ने भी शमी के इस फैसले की सराहना की है। उनका कहना है कि दुबई की भीषण गर्मी में रोजा रखना खिलाड़ियों के लिए बेहद मुश्किल होता है और यह उनकी सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। एक्सपर्ट्स ने यह भी बताया कि इस्लाम में रोजा छूटने पर उसे बाद में रखने का प्रावधान है और शमी ईद के बाद अपने छुटे हुए रोजे रख सकते हैं।

शमी का शानदार प्रदर्शन

चोट से वापसी के बाद शमी शानदार फॉर्म में हैं। चैंपियंस ट्रॉफी में खेले गए 4 मैचों में उन्होंने 19.88 की औसत और 4.97 की इकॉनमी रेट से 8 विकेट लिए हैं। उनका यह प्रदर्शन भारत के लिए बेहद अहम रहा है। बांग्लादेश के खिलाफ टूर्नामेंट से पहले हुए मैच में शमी ने 5 विकेट लेकर यह संकेत दे दिया था कि वह इस टूर्नामेंट में भारत के लिए कितने महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अहम भूमिका

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुए मैच में शमी ने ट्रेविस हेड के खिलाफ शानदार गेंदबाजी की और उन्हें आउट करके भारत को मैच में बढ़त दिलाई। हालांकि, दुबई की पिच तेज गेंदबाजों के लिए ज्यादा मददगार नहीं है, लेकिन शमी ने अपने अनुभव से यह साबित कर दिया है कि वह किसी भी पिच पर निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।

फाइनल में शमी की अहमियत

9 मार्च को होने वाले चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मैच में भारत को शमी की गेंदबाजी की सख्त जरूरत होगी। टीम इंडिया अगर इस टूर्नामेंट को जीतना चाहती है, तो शमी का शानदार प्रदर्शन बेहद जरूरी है। शमी के कोच ने भी इस बात पर जोर दिया कि देश की जीत के लिए शमी का फोकस पूरी तरह से क्रिकेट पर है और वह फाइनल में भी रोजा नहीं रखेंगे।

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