Rajiv Modi : अहमदाबाद की प्रतिष्ठित फार्मा कंपनी कैडिला के सीएमडी राजीव इंद्रवदन मोदी के खिलाफ गुजरात हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है। उनके ऊपर बल्गेरियाई लड़की ने दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। इसके बाद बिजनेस जगत में यह खबर तेजी से फैल गई और हड़कंप मच गया है। उनके निजी सहायक के रूप में काम करने वाली एक बुल्गारियाई मूल निवासी ने फार्मा कंपनी कैडिला के सीएमडी राजीव मोदी (Rajiv Modi) के खिलाफ यौन उत्पीड़न सहित गंभीर धाराओं के तहत शिकायत दर्ज करने के लिए गुजरात उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की है। न्यायमूर्ति जे.सी. दोशी ने निचली अदालत से मामले के रिकॉर्ड और कार्यवाही को तलब करने का निर्देश दिया और लड़की की याचिका पर 4 से दिसंबर तक आगे की सुनवाई निर्धारित की है।
काम करना है तो समझौते तो करने ही पड़ेंगे
मिली जानकारी के मुताबिक 27 साल की बुल्गारियाई लड़की ने गुजरात हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। प्रतिष्ठित फार्मा कंपनी कैडिला के सीएमडी राजीव इंद्रवदन मोदी (Rajiv Modi) के खिलाफ लड़की ने रेप का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है। याचिकाकर्ता लड़की द्वारा दायर रिट याचिका में फार्मा कंपनी के सीएमडी के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 354, 323, 504 और 506 के तहत पुलिस शिकायत दर्ज की गई थी।
याचिकाकर्ता लड़की द्वारा दायर रिट याचिका में इस आशय के आरोप लगाए गए थे कि याचिकाकर्ता के पास मूल रूप से बल्गेरियाई नागरिकता है और वह 2022 में राजीव मोदी, सीएमडी के निजी सहायक के रूप में कैडिला फार्मा कंपनी में शामिल हुई थी।
सीएमडी के साथ उन्हें कंपनी के काम से उदयपुर, जम्मू समेत अलग-अलग जगहों पर जाना पड़ता था। सीएमडी ने उनसे कहा था कि नौकरी करनी है तो समझौता करना होगा। सीएमडी अक्सर अन्य लोगों की मौजूदगी में भी उनके साथ दुर्व्यवहार करते थे।
सबूत होने के बाद भी नहीं दर्ज की शिकायत
लड़की ने पहले सोला पुलिस स्टेशन और महिला पुलिस स्टेशन में भी शिकायत दर्ज कराई थी। 5 अक्टूबर, 2023 को, जब अहमदाबाद ग्राम न्यायालय में शिकायत दर्ज की गई, तो शिकायत रद्द कर दी गई क्योंकि शिकायतकर्ता को कोई आपत्ति नहीं थी और पीड़ित लड़की से उसका सामान वापस करने के लिए याचिका पर हस्ताक्षर करवाए गए।
आवेदक ने इसके खिलाफ पुलिस शिकायत दर्ज की फार्मा कंपनी के सीएमडी (Rajiv Modi) और इस अधिकारी ने वस्त्रापुर महिला पुलिस स्टेशन में भी आवेदन दिया, लेकिन बार-बार आवेदन करने और लिखित सबूत के बावजूद उनकी शिकायत दर्ज नहीं की गई। याचिकाकर्ता ने संबंधित अधिकारियों से भी अपील की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकलने पर उसने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
पूरे मामले में करीब 50 लड़कियां पीड़ित थीं
गुजरात हाई कोर्ट में दायर अर्जी में यह भी कहा गया है कि एक महिला अधिकारी द्वारा फर्जी तरीके से हस्ताक्षर लिए गए थे। आरोप है कि पूरे मामले में करीब 50 लड़कियों को शिकार बनाया गया है। पूरे मामले की आगे की सुनवाई 4 दिसंबर को होगी और कोर्ट तय करेगा कि आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए या नहीं।
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