गोल्डी बराड़, लखा और मोंटी…लॉरेंस बिश्नोई का कौन सा गुर्गा किस ‘बिल’ में छिपा है?
चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी में एक लड़का रोज़ शाम को दौड़ने का अभ्यास करता था, उसका सपना एक सफल धावक बनने का था। इंटर में पढ़ाई के दौरान, स्पोर्ट्स में उसकी रुचि ने उसे दो दोस्तों—लेखप्रीत और रोमी से मिलवाया। वीकेंड पर, जब ये दोनों दोस्त यूनिवर्सिटी में आयोजित कार्यक्रमों का आनंद लेने जाते, तो वह लड़का भी उनके साथ हो जाता। उनकी दोस्ती गहरी होती गई।
समय बीतता गया, इंटर की पढ़ाई समाप्त हुई और अब वह लड़का कानून की पढ़ाई कर रहा था। यह साल था 2007। कॉलेज के दोस्तों के साथ मिलकर उसने एसओपीयू (स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी) नाम का एक ग्रुप बनाया, जिससे उसने स्टूडेंट पॉलिटिक्स में कदम रखा। चुनाव हुए, और हाथ आई हार।
कॉलेज का ‘हीरो’ कैसे बन गया अपराध की दुनिया का ‘शहंशाह’? दर्दनाक है लॉरेंस बिश्नोई की लव स्टोरी
हार के बाद होने लगी गुटबाजी और अपने वर्चस्व को बढ़ाने की तैयारी। फिर एक दिन, विरोधी गुट के साथ एक झगड़ा हुआ, और उस लड़के ने अचानक गोली चला दी। इस घटना ने उसकी जिंदगी में एक नया मोड़ ला दिया। पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज किया, और उसका नाम पहली बार पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज हुआ। नाम था बालकरन उर्फ लॉरेंस, लॉरेंस बिश्नोई। इसी के साथ शुरू हुआ उसका आपराधिक सफर, और साथ मिला सतिंदर सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ का।
गोल्डी बरार से लॉरेंस से गहरा याराना है। लॉरेंस जेल में है तो सारा काम गोल्डी देखता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सतविंदर सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ को आतंकवादी घोषित किया है। उसके खिलाफ पंजाब और हरियाणा में कुल 54 मामले दर्ज हैं, जिनमें से 24 मामले जबरन वसूली से जुड़े हैं।
लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ की कहानी
लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ की पहली मुलाकात चंडीगढ़ में कॉलेज के दिनों में हुई थी। लॉरेंस, पंजाब विश्वविद्यालय में दाखिला लेने से पहले ही आपराधिक गतिविधियों में हाथ आजमाना शुरू कर दिया था लेकिन ऐसा कोई अपराध नहीं किया था जिससे उसके ऊपर कोई मुकदमा हुआ हो।
दूसरी ओर, सतिंदर सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ फरीदकोट, पंजाब का निवासी है। उसके पिता की वजह से उसके स्थानीय कांग्रेस नेता से राजनीतिक संबंध बने थे। चंडीगढ़ में पढ़ाई के दौरान, गोल्डी और लॉरेंस की दोस्ती गहरी हो गई। समय के साथ, लॉरेंस और गोल्डी का रिश्ता और भी मज़बूत हो गया।
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लॉरेंस पिछले 8 साल से जेल में बंद है, लेकिन इस दौरान उसके जुर्म का रिकॉर्ड और गैंग दोनों ही तेजी से बढ़ते गए हैं। 29 मई, 2022 को जब पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या हुई, तो इस वारदात में लॉरेंस बिश्नोई के गैंग का नाम सामने आया। लॉरेंस जेल के अंदर से सभी ऑपरेशनों को संचालित करता था, जबकि गोल्डी देश से बाहर बैठ कर जबरन वसूली, धमकियों और हिंसा से जुड़े मामलों को अंजाम देता है।
इंग्लैंड, कनाडा से लेकर पुर्तगाल तक फैला लॉरेंस का सम्राज्य
बिश्नोई का नेटवर्क इंग्लैंड और कनाडा से लेकर पुर्तगाल तक फैला हुआ है।लॉरेंस बिश्नोई के करीबी सहयोगियों में गोल्डी बराड़, लखा, और राजा उर्फ मोंटी शामिल हैं। ये लोग विदेशों में गैंग की जिम्मेदारी संभालते हैं।