MP Lok Sabha Election Phase-1: एमपी की छह सीटों पर 6 बजे तक 63 फीसदी से ज्यादा वोटिंग, छिंदवाड़ा और बालाघाट में 70 फीसदी से ज्यादा मतदान
एमपी में छह सीटों पर वोटिंग सुबह सात बजे से शुरू हो गई थी । वोट देने के लिए कडी सुरक्षा व्यवस्था के बीच लोग पोलिंग बूथ पहुंचे। दोपहर 3 बजे तक मतदान ने 50 फीसदी का आंकडा पार कर लिया था। लेकिन इस बार का मत प्रतिशत पिछले बार यानि 2019 के मुकाबले कम ही रहा।
दोपहर तीन बजे तक 53.40 प्रतिशत मतदान
दोपहर तीन बजे तक प्रदेश में 53.40 प्रतिशत मतदान हुआ। बालाघाट सीट पर सबसे ज्यादा 63.69 फीसदी तो सीधी में सबसे कम 40.60 प्रतिशत वोट पड़े। मतदान केंद्रों पर लम्बी लम्बी कतारें नजर आ रही थीं।
6 लोकसभा सीटों पर 63.25% मतदान
लोकसभा 2024 – प्रथम चरण में प्रदेश की 6 लोकसभा सीटों पर मतदान हुआ है। कुल मतदान 63.25% हुआ है। सीधी में 51.24%, शहडोल 59.91%, जबलपुर 56.74% , मंडला 68.31% , बालाघाट 71.08% व छिंदवाड़ा में 73.85% मतदान की जानकारी मिली है।
मत प्रतिशत 2019 के मुकाबले कम
हालांकि इस बार का मत प्रतिशत पिछले 2019 के मुकाबले कम है , लेकिन जानकारों का कहना है कि अब वोटिंग प्रतिशत से ये अनुमान नहीं लग पाता कि सरकार के खिलाफ वोटिंग हुई है या फिर सरकार के पक्ष में । पहले ये अनुमान लगाया जाता था की ज्यादा वोटिंग हुई तो सरकार के खिलाफ माहौल है या यूं कहे कि जनता को बदलाव चाहिए ।
गर्मी के कारण वोटिंग में थोडी कमी
इस महापर्व में महिलाओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। सुबह से ही महिलाएं भारी संख्या में मतदान केंद्रों पर नजर आ रही थी। लेकिन गर्मी के कारण लोग दिन में थोडा कम ही बाहर निकले। शायद जिसका प्रभाव इस बार कम मत प्रतिशत के रुप में दिखा जो 2019 के मुकाबले थोडा कम रहा।
बीजेपी ने छिंदवाड़ा में पूरी ताकत झोंक दी
पिछले चुनाव में छिंदवाड़ा में 82 फीसदी वोटिंग हुई , इस वोटिंग में कमलनाथ के बेटे नकुल चुनाव तो जीते । लेकिन जीत का मार्जिन हजारों में आ गया। लेकिन इस बार बीजेपी ने छिंदवाड़ा में जीत के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी । हर बूथ में 10 प्रतिशत ज्यादा वोटिंग का लक्ष्य रखा । लेकिन फिर भी कम मत प्रतिशत देखने को मिला।
मंडला सीट में फग्गन सिंह कुलस्ते पर नजर
पिछले लोकसभा में यहां पर 78 प्रतिशत मतदान हुआ लेकिन इस बार अभी 69 प्रतिशत मतदान हुआ । पिछली बार फग्गन सिंह यहां से जीते ,हालांकि इस बार कांग्रेस विधायक ओमकार मरकाम सामने हैं जिनकी आदिवासियों के बीच अच्छी छवि है ।