आजकल भारत में डेटा सेंटर इंडस्ट्री में तेज़ी से बदलाव हो रहा है। बड़े बिजनेसमैन से लेकर वैश्विक कंपनियां इस सेक्टर में भारी निवेश कर रही हैं। सबसे दिलचस्प खबर ये है कि मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अब इस इंडस्ट्री में बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने हाल ही में ऐलान किया कि उनकी कंपनी गुजरात के जामनगर में दुनिया का सबसे बड़ा डेटा सेंटर बनाने जा रही है। इसमें अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा और यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा। लेकिन सिर्फ मुकेश अंबानी ही नहीं, भारत के और भी बड़े उद्योगपति इस सेक्टर में मोटा पैसा लगा रहे हैं। जानिए इस बढ़ती हुई इंडस्ट्री में और कौन लोग निवेश कर रहे हैं।
मुकेश अंबानी का बड़ा कदम
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने हाल ही में घोषणा की है कि वो अमेरिका की सेमीकंडक्टर निर्माता कंपनी Nvidia से AI तकनीक के लिए जरूरी उपकरण खरीदने जा रही है। इसका मतलब ये है कि अब रिलायंस भारतीय डेटा प्रोसेसिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में और भी बड़ी ताकत बनकर उभरेगी। अंबानी का यह कदम भारत को डिजिटल तकनीक और डेटा सेंटर के क्षेत्र में एक नई पहचान दिलाने के लिए अहम साबित हो सकता है। रिलायंस का यह डेटा सेंटर भारत को एक बड़ा डेटा हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है। इस सेंटर में जहां एक तरफ हाई-एंड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा, वहीं दूसरी तरफ AI के क्षेत्र में भी एक नई शुरुआत देखने को मिलेगी।
भारत में डेटा सेंटर इंडस्ट्री का बढ़ता बाजार
भारत में डेटा सेंटर इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है और इसके और बढ़ने की उम्मीद है। इंडस्ट्री की बात करें तो ये 2025 तक 20 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। 5G तकनीक, बढ़ते इंटरनेट इस्तेमाल और क्लाउड सेवाओं की बढ़ती डिमांड ने इस सेक्टर को काफी आगे बढ़ाया है। मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई जैसे शहर इस सेक्टर में सबसे बड़े हॉटस्पॉट बन चुके हैं। इन शहरों में डेटा सेंटर की संख्या बढ़ रही है, क्योंकि ये जगहें टेक्नोलॉजी और इंटरनेट कंपनियों के लिए प्रमुख hubs बन चुकी हैं। इसके अलावा, भारत में डिजिटल क्रांति से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स के चलते डेटा प्रोसेसिंग की मांग भी बढ़ी है।
ये कंपनियां भी कर रही हैं निवेश
मुकेश अंबानी के अलावा, देश में और भी बड़े उद्योगपति इस सेक्टर में निवेश कर रहे हैं। गौतम अडानी की अडानी एंटरप्राइजेज ने पहले ही इस सेक्टर में कदम रख लिया है। उन्होंने अमेरिका की कंपनी EdgeConneX के साथ जॉइंट वेंचर (JV) बनाकर भारतीय डेटा सेंटर इंडस्ट्री में कदम रखा है। इस JV का नाम अडानीकॉनेक्स रखा गया है, और इसके जरिए भारत में हाइपरस्केल डेटा सेंटर का नेटवर्क स्थापित किया जाएगा। सिर्फ भारतीय कंपनियां ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भी इस सेक्टर में जमकर निवेश कर रही हैं। AWS (Amazon Web Services), Google और Microsoft जैसी कंपनियां भी भारत में डेटा सेंटर बनाने के लिए बड़े निवेश कर रही हैं। हाल ही में AWS ने भारत में अपनी क्लाउड सेवाओं को और बढ़ाने के लिए 8.3 बिलियन डॉलर का निवेश करने का ऐलान किया है। इससे भारत में हजारों नई नौकरियों के अवसर भी पैदा होंगे।
ग्रीन डेटा सेंटर का ट्रेंड
भारत में ग्रीन डेटा सेंटर का ट्रेंड भी तेजी से बढ़ रहा है। इसका मतलब ये है कि कंपनियां अब ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए ग्रीन एनर्जी का इस्तेमाल कर रही हैं। जैसे सोलर और पवन ऊर्जा का इस्तेमाल करना, जिससे प्राकृतिक संसाधनों का भी सही तरीके से इस्तेमाल हो सके। राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में ग्रीन डेटा सेंटर की शुरुआत हो चुकी है। इसके अलावा, कंपनियां लिक्विड कूलिंग और दूसरी नई तकनीकों का भी इस्तेमाल कर रही हैं, जिससे तापमान नियंत्रित किया जा सके और ऊर्जा की खपत कम हो।
भविष्य में क्या हो सकता है?
डेटा सेंटर इंडस्ट्री का भविष्य बेहद उज्जवल नजर आ रहा है। 5G, AI, IoT और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसी नई तकनीकों के कारण इस इंडस्ट्री का विकास और भी तेज़ होगा। भारत में डेटा सेंटर इंडस्ट्री में निवेश के बढ़ने से कई फायदे होंगे। सबसे पहले तो देश में नई नौकरियां पैदा होंगी, और दूसरी बात ये है कि भारत डिजिटल क्रांति में अग्रणी बन जाएगा। भारत जल्द ही दुनिया के सबसे बड़े डेटा सेंटर हब में से एक बन सकता है, जहां कई ग्लोबल कंपनियां अपनी सेवाएं दे रही होंगी। इसके अलावा, भारत की अर्थव्यवस्था को भी इससे बहुत फायदा होगा, क्योंकि डिजिटल सेवाओं और डेटा प्रोसेसिंग के बढ़ते कारोबार से नए रोजगार और निवेश के मौके आएंगे।
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