क्रिएटिविटी या गलती? गणेश पंडाल में बप्पा के मुस्लिम लुक ने मचाया बवाल!
Telangana: तेलंगाना के सिंकदराबाद में गणेश उत्सव के दौरान एक गणेश पंडाल में बप्पा को मुस्लिम वेषभूषा में दिखाए जाने से बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। यह मामला तब उठकर सामने आया जब आयोजकों ने बॉलीवुड फिल्म ‘बाजीराव मस्तानी’ की थीम पर आधारित गणेश प्रतिमा के लिए ऐसा कपड़ा चुना। दरअसल, बप्पा को एक मुसलमान व्यक्ति के कपड़े पहनाए गए थे, जिससे लोगों में नाराजगी फैल गई है। सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि पूजा की थीम में खिलजी जैसे पात्रों की वेशभूषा दिखाना न सिर्फ गलत है, बल्कि एक महा पाप है। ऐसे लोगों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए।
आयोजकों की सतही सफाई
विवाद बढ़ते ही आयोजकों ने अपनी सफाई में कहा कि उनका इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था। उनका कहना है कि वे ‘बाजीराव मस्तानी’ फिल्म की थीम से प्रेरित थे और इस वजह से इस तरह की वेशभूषा का चयन किया गया। लेकिन इस सफाई ने मामला और भी गर्म कर दिया है, और लोग अब भी इसे एक गलती मानते हुए आयोजकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
This is the height of Secularism.Why is Ganpati (The deity who has the honour of being invoked first in every Puja or Shubh Karya) presented as a Muslim in Hyderabad?
Hindus are walking towards their own doom#GaneshFestival2024 #Secularism #GaneshPuja #Hindu #HindusUnderAttack pic.twitter.com/6MgCneari5
— Raising Hindu Voice (@RaiseHinduVoice) September 15, 2024
सोशल मीडिया पर हो रही तीखी आलोचना
ऑनलाइन समुदाय ने इस मामले को लेकर आयोजकों की तीखी आलोचना की है। कई लोग इसे ‘धर्मनिरपेक्षता’ या ‘उदारवादिता’ के नाम पर एक गलतफहमी का परिणाम मानते हैं, जो हिंदुत्व को टारगेट करने के इरादे से की गई है। कुछ यूजर्स ने भगवान गणेश जी से आयोजकों को सद्बुद्धि देने की प्रार्थना की, जबकि कई अन्य ने इसे ‘महापाप’ करार दिया और आयोजकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
बप्पा को ‘मियां भाई’ के रूप में दिखाना उनके आस्थाओं के खिलाफ
आयोजकों ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने ‘बाजीराव मस्तानी’ फिल्म की थीम से प्रेरित होकर ऐसा किया था, और उनका मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। लेकिन इस सफाई से लोगों का गुस्सा और भी बढ़ गया है। लोग कह रहे हैं कि इस ‘गलतफहमी’ का बहाना बनाकर अपनी गलती को छिपाया नहीं जा सकता।
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लेकिन पंडाल के आयोजकों की यह सफाई अब भी लोगों के गुस्से को शांत करने में विफल रही है। गणपति भक्तों का कहना है कि बप्पा को ‘मियां भाई’ के रूप में दिखाना उनके आस्थाओं के खिलाफ है और इससे पूरे शिव परिवार का अपमान हुआ है। ऐसे में, सोशल मीडिया पर मामले को लेकर आक्रोश और गहरा हो गया है और यह देखना बाकी है कि प्रशासन इस विवाद पर किस प्रकार की कार्रवाई करता है।