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Narasimha Dwadashi 2024: नृसिंह द्वादशी के दिन इस विधि से करें भगवान नरसिंह की ​पूजा, जानें क्या है इसका महत्व

Narasimha Dwadashi 2024

Narasimha Dwadashi 2024: भगवान विष्णु को जगत का पालनहार (Narasimha Dwadashi 2024) कहा गया है। भगवान विष्णु ने 12 अवतार धारण किए थे जिसमे से एक नरसिंह अवतार भी था। इस वजह से भगवान विष्णु के इस अवतार को नरसिंह अवतार कहा जाता है। भगवान विष्णु ने अपने परमभक्त प्रहलाद के प्राणों की रक्षा करने के लिए ये अवतार धारण किया था। जिस दिन भगवान विष्णु ने यह अवतार लिया उस दिन फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि थी। जिस वजह से हर साल होली से 3 दिन पहले नृसिंह द्वादशी मनाई जाती है। इस साल नृसिंह द्वादशी तिथि 21 मार्च को पड़ रही है। इस दिन भगवान ​विष्णु की नृसिंह अवतार में विधिवत रूप से पूजा की जाती है। ऐसे में आइए जानते है किस विधि से करें भगवान नृसिंह की पूजा :-

नरसिंह द्वादशी पूजन विधि:-

Narasimha Dwadashi 2024

नरसिंह द्वादशी के दिन प्रात: काल उठे और दैनिक कार्यो से निवृत होकर स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद नरसिंह भगवान के सामने व्रत का संकल्प करें। फिर शुभ मुहूर्त में पूजा स्थान पर भगवान की मूर्ति स्थापित करे और पूजा स्थान पर पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठे। इसके बाद एक लकड़ी की चौकी लगाएं और उस पर पीले रंग का वस्त्र बिछाए। इसके बाद भगवान को फल, फूल, धूप, दीप, अगरबत्ती, कुमकुम,अक्षत, केसर,मेवा, नारियल और पीतांबर अर्पित करें।

इसके बाद भगवान की विधिवत रूप से पूजा करें और पूजा के दौरान ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्। नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्यु मृत्युं नमाम्यहम्॥ मंत्र का जाप करें। इसके बाद भगवान को प्रिय चीजों का भोग ​लगाएं और आरती कर अंत में क्षमा याचना करें। नरसिंह द्वादशी के दिन घर में शंख नाद अवश्य करें और इस बात का ध्यान रखें कि इस दिन सिर्फ फलाहार करें। अगले दिन पारण समय में व्रत खोले।

नरसिंह द्वादशी का महत्व:-

Narasimha Dwadashi 2024:

धार्मिक दृष्टि के अनुसार नरसिंह द्वादशी का खास महत्व बताया गया है। इस दिन जो व्यक्ति नरसिंह द्वादशी का व्रत करता है उसे 7 जन्मों के पाप से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है साथ ही जीवन में सुख समृद्धि आती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार नरसिंह द्वादशी के दिन भगवान विष्णु नरसिंह अवतार में खंभे को चीर कर प्रकट हुए थे। भगवान नरसिंह के अवतार में उनका आधा शरीर शेर और आधा शरीर मनुष्य का था।

भगवान ने इस अवतार में असुरों के राजा हिरण्यकशिप का संघार किया था। वहीं नरसिंह अवतार में ही प्रहलाद को वरदान दिया था जो भी मनुष्य नरसिंह द्वादशी के दिन शुद्ध व पवित्र मन से व्रत करेगा उसकी सभी मनोकामना पूर्ण होगी। माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से मनुष्य को सांसारिक सुख, मोक्ष और भोग तीनों चीजों की प्राप्ति होती है।

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