National Education Day 2024: हर साल 11 नवंबर को देश राष्ट्रीय शिक्षा दिवस (national education day 2024) मनाता है। देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद (maulana abul kalam azad) की जयंती के मौके पर पूरे देश में आज के दिन राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है।
कब हुई राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाने की शुरुआत
साल 2008 से उस समय की सरकार ने स्वतंत्रता सेनानी, विद्वान और स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री रहें मौलाना अबुल कलाम की याद में इस दिन को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रुप में घोषित किया था। तब से लगातार हर साल 11 नवंबर को इसे मनाया जा रहा है।
इस दिन को मनाने के क्या है उद्देश्य
इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य मौलाना अबुल कलाम आजाद के शिक्षा मंत्री के रूप में रहते हुए शिक्षा के क्षेत्र में किए गए योगदान को सम्मानित करना है। मौलाना अबुल कलाम का भारत की स्वतंत्रता से लेकर राष्ट्र निर्माण में काफी योगदान रहा है। वे देश में IIT और UGC की स्थापना करने वाले एक प्रमुख व्यक्ति रहे हैं।
जानिए कौन थे मौलाना अबुल कलाम आजाद
देश के पहले शिक्षा मंत्री
भारतीय विद्वान, स्वतंत्रता सेनानी और शिक्षाविद रहे मौलाना अबुल कलाम आजाद को स्वतंत्र भारत का एक प्रमुख वास्तुकार कहा जाता है। वे 5 अगस्त 1947 से 2 फरवरी 1958 तक भारत के शिक्षा मंत्री रहे। उनका नाम देश में IIT और UGC की स्थापना करने वाले एक प्रमुख व्यक्ति के रुप में शामिल है।
जामिया मिलिया इस्लामिया की स्थापन में अहम योगदान
उन्होंने साल 1920 में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जामिया मिलिया इस्लामिया की स्थापना के लिए फाउंडेशन कमेटी में चुना गया था। फिर बाद में उन्होंने ही साल 1934 में यूनिवर्सिटी कैंपस को दिल्ली में शिफ्ट करने में अहम भूमिका अदा की। यही वजह है कि आज भी कैंपस के मुख्य द्वार पर उनका नाम अंकित है।
14 साल की उम्र तक सभी बच्चों को मुफ्त शिक्षा पर दिया जोर
भारत के शिक्षा मंत्री रहते हुए मौलाना आजाद ने ग्रामीण गरीबों और लड़कियों को शिक्षित करने पर फोकस किया। उनकी शिक्षा को लेकर कई प्राथमिकताएं थी जिनमें एडल्ट लिटरेली को बढ़ावा देना, 14 साल की उम्र तक के सभी बच्चों को मुफ्त और जरूरी शिक्षा प्रदान कराना और यूनिवर्सल प्राइमरी एजुकेन को बढ़ाना जैसी कई जरूरी चीजें।
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