National highways

इस साल सड़क निर्माण की रफ्तार पड़ी धीमी!, जानें इसके पीछे के प्रमुख कारण

National highways: मोदी सरकार के पहले दो कार्यकाल के दौरान देश में सड़कों जाल काफी तेज़ी से फैला था। इस साल भी बजट में देश के शहरों से लेकर गांवों तक सड़क बिछाने की योजनाओं का एलान किया गया था। लेकिन मौजूदा वित्तीय वर्ष में सरकार (National highways) ने 10,421 किलोमीटर हाईवे बनाने का एक टारगेट रखा था। फिलहाल ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा वित्तीय वर्ष में 10 महीनों में 7000 किलोमीटर का टारगेट ही पूरा हो पाया हैं।

अंतिम चार महीनों में होता हैं तेज़ी से काम

पिछले चार सालों के कामकाज को देखा जाए तो पता चलता हैं कि हर वित्तीय वर्ष में सड़कों के कामकाज में शुरू के आठ महीने धीमी गति से कार्य होता हैं, जबकि बाद के चार महीनों में काम में काफी तेज़ी देखने को मिलती हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले फाइनेंशियल ईयर में अंतिम चार महीनों में कुल टारगेट का 58 प्रतिशत पूरा हुआ था।

जनता को मिली बड़ी राहत

बता दें मोदी सरकार के कार्यकाल में देश की सड़कों की स्थिति में काफी सुधार हो चुका हैं। देशभर में कई वर्ल्ड क्लास सड़कें बनाई जा चुकी हैं। देश में सड़कों के जाल की स्थिति में सुधार से जनता के कई घंटे सफर में बचने लगे हैं। मौजूदा वित्तीय वर्ष के शुरुआती दस महीनों में हाईवे के कॉन्सट्र्क्शन में 8.5 प्रतिशत की गिरकर 7000 किलोमीटर हो गई है।

सड़क निर्माण की रफ्तार होने का कारण

देश में पिछले कुछ महीनों से सड़क निर्माण की रफ्तार में काफी गिरावट देखने को मिली हैं। इसके पीछे कई मुख्य कारण रहे हैं, लेकिन जो प्रमुख कारण सामने आ रहा हैं वो कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होना माना जा रहा हैं। क्योंकि चुनाव की वजह से क्लियरेंस मिलना मुश्किल था। ऐसे में अब चुनाव संपन्न हो चुके हैं और उम्मीद की जा रही हैं कि अगले कुछ महीनों में सड़क निर्माण में तेज़ी देखने को मिलेगी।