दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 का मतदान समाप्त हो चुका है, और अब सभी की नजरें एग्जिट पोल के नतीजों पर हैं। टुडेज़ चाणक्य द्वारा किए गए एग्जिट पोल के अनुसार, दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को 51 सीटें मिलती दिख रही हैं, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) 19 सीटों पर सिमट सकती है। ये आंकड़े दिल्ली की राजनीति में बड़ा उलटफेर दिखा रहे हैं, क्योंकि अगर एग्जिट पोल के नतीजे सही साबित होते हैं तो आम आदमी पार्टी को 2020 के मुकाबले भारी नुकसान हो सकता है।
एग्जिट पोल के मुताबिक सीटों का अनुमान
टुडेज़ चाणक्य के एग्जिट पोल के अनुसार, दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी (BJP+) को 51 सीटों के आसपास मिलने का अनुमान है, जिसमें ±6 सीटों का अंतर हो सकता है। वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) को 19 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है, जो पिछले चुनावों के मुकाबले बहुत बड़ी गिरावट होगी। अन्य पार्टियों को 0 से 3 सीटें मिलने का अनुमान है।
बीजेपी का 49% वोट शेयर, AAP को 41% का अनुमान
एग्जिट पोल के अनुसार, बीजेपी को 49% वोट शेयर मिलने का अनुमान है, जो पार्टी की मजबूत स्थिति को दर्शाता है। अगर यह अनुमान सही साबित होता है, तो दिल्ली में बीजेपी 26 साल बाद सत्ता में वापसी कर सकती है। वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) को 41% वोट मिलने का अनुमान है। इसका मतलब यह है कि AAP को पिछले चुनावों के मुकाबले नुकसान हो सकता है, और बीजेपी की बढ़त से यह साफ हो जाता है कि दिल्ली की राजनीति में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
📍Today’s Chanakya EXIT POLL predicts landslide victory for BJP in Delhi🔥🔥
BJP : 51 ± 6 | 49% Vote Share
AAP : 19 ± 6 | 41%
OTH : 0 ± 3 | 10%Both Axis My India and Today’s Chanakya are predicting HUGE win for BJP 🎯🔥
— Political Views (@PoliticalViewsO) February 6, 2025
अन्य दलों की स्थिति
इस चुनाव में अन्य दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों को कुल 10% वोट मिलने का अनुमान है। हालांकि, यह कहना मुश्किल है कि यह वोट किस पार्टी को नुकसान पहुंचाएंगे, क्योंकि चुनाव परिणामों में कई बदलाव हो सकते हैं। हालांकि, ये वोट चुनावी गणित में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
बीजेपी की बढ़त का कारण क्या हो सकता है?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि बीजेपी की बढ़त के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता, राष्ट्रीय मुद्दे और पार्टी की संगठनात्मक मजबूती हो सकती है। बीजेपी ने राष्ट्रीय और स्थानीय मुद्दों को लेकर अपनी चुनावी रणनीति तैयार की है, जो इसे वोटों में बढ़त दिला सकती है। वहीं, आम आदमी पार्टी ने चुनावी अभियान में अपनी पारंपरिक नीतियों के तहत शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दों को प्राथमिकता दी है।
पिछले चुनाव परिणामों से तुलना
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2015 में आम आदमी पार्टी ने 67 सीटों पर शानदार जीत दर्ज की थी, जो एक ऐतिहासिक जीत मानी जाती है। इसके बाद, 2020 के चुनाव में AAP ने फिर से 62 सीटों के साथ सत्ता पर कब्जा किया, जबकि बीजेपी को केवल 8 सीटें मिली थीं। अगर एग्जिट पोल के नतीजे सही साबित होते हैं, तो दिल्ली में बीजेपी की वापसी और AAP के लिए एक बड़ा झटका हो सकता है।
8 फरवरी पर सभी की नजरें
अब सभी की निगाहें 8 फरवरी को होने वाली मतगणना पर हैं। एग्जिट पोल के आंकड़े बीजेपी की बढ़त दिखा रहे हैं, लेकिन यह तय करना अभी बाकी है कि वास्तविक परिणाम क्या होंगे। क्या वाकई दिल्ली की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो सकता है? या फिर AAP अपनी स्थिति बचाने में सफल होगी? यह सवाल सबके मन में है और इसका जवाब 8 फरवरी को मिलेगा।
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