Nisha Bangre Resign From Congress

Nisha Bangre Resign From Congress: निशा बांगरे का कांग्रेस से इस्तीफा, बोलीं- स्वार्थ और परिवारवाद कांग्रेस में हावी

Nisha Bangre Resign From Congress: छिंदवाड़ा। सत्ता का मोह किससे, क्या करा दे कुछ कह नहीं सकते? कुर्सी के चक्कर में कई लोग अपना जीवन दांव पर लगा देते हैं। बीजेपी हो या कांग्रेस, इन सभी में कई ऐसे सूरमा हैं, जो दिन-रात सत्ता के सुख के लिए दौड़े जा रहे हैं। कुछ लोगों को राजनीति का सिंहासन कड़ी मेहनत के बाद मिलता है तो वहीं कुछ लोगों को यह विरासत में मिल जाता है। ब्यूरोक्रेसी से भी कई लोगों ने पॉलिटिक्स में एंट्री की है। लेकिन, यह जरूरी नहीं कि सभी नौकरशाह को वैसा रिजल्ट मिले जैसा वो चाहते हैं। ऐसा ही मामला देखने को मिला छिंदवाड़ा से कांग्रेस नेत्री निशा बांगरे के साथ।

निशा बांगरे छतरपुर जिले में एसडीएम के पद पर कार्यरत थीं। कांग्रेस ने उन्हें विधानसभा चुनाव के दौरान नौकरी छोड़कर पार्टी में शामिल होने को कहा। पूर्व डिप्टी कलेक्टर ने भी कुर्सी के हसीन सपने को देखकर डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया। उनका त्यागपत्र स्वीकार नहीं किया तो उन्होंने बैतूल से भोपाल तक पैदल यात्रा भी की थी।

इसके बाद कोर्ट के हस्तक्षेप से उनका रिजाइन स्वीकार कर लिया गया। इस्तीफा स्वीकार होने के पहले ही कांग्रेस ने अपना उस क्षेत्र से उम्मीदवार घोषित कर दिया, जहां से निशा चुनाव लड़ना चाहती थीं। निशा बांगरे के मुताबिक कमलनाथ और कांग्रेस ने उनसे लोकसभा प्रत्याशी बनाने की बात कही और उन्हें प्रदेश प्रवक्ता बना दिया।

निराशा लगी हाथ

निशा बांगरे को कांग्रेस ने लोकसभा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने का सपना दिखाया गया। आरोप लगाते हुए निशा बांगरे ने कहा कि कांग्रेस महिला सम्मान और संविधान की बात करते हैं, बाबा साहब अंबेडकर को मानने की बात करती है लेकिन ये सब झूठी बातें हैं। कांग्रेस में स्वार्थ और परिवारवाद साफ नजर आता है। उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा से हुई इस राजनीति की शुरूआत अब यहीं पर खत्म करने आयी हूं। निशा का कहना है कि मोहन सरकार से उनकी बात चल रही है और उन्हें भरोसा है कि उनके साथ न्याया होगा।

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सरकारी नौकरी में वापस आने का दिया आवेदन

निशा बांगरे ने पूर्व डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने दोबारा नौकरी ज्वाइन करने के लिए सरकार को पत्र लिखा है। अब उनका राजनीति से मोह भंग हो गया है। हालांकि, निशा का कहना है कि अगर बीजेपी से कोई मौका उन्हें मिलता है, तो वे उस पर विचार करेंगी।

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