NIT Calicut विवाद: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) कालीकट में प्रोफेसर डॉ. शैजा की डीन नियुक्ति को लेकर विवाद छिड़ गया है। यह विवाद उनके द्वारा नाथूराम गोडसे की प्रशंसा करने के आरोपों को लेकर है। इस मामले में वामपंथी छात्र संगठन और युवा कांग्रेस ने प्रोफेसर शैजा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और उनकी नियुक्ति को रद्द करने की मांग की है।
क्या है पूरा मामला?
NIT Calicut के निदेशक ने प्रोफेसर डॉ. शैजा को योजना एवं विकास विभाग का डीन नियुक्त किया है। उनका कार्यकाल दो साल का होगा और वे 7 मार्च से अपना पदभार संभालेंगी। हालांकि, उनकी यह नियुक्ति विवादों में घिर गई है। दरअसल, डॉ. शैजा पर महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर नाथूराम गोडसे की प्रशंसा करने का आरोप है। इसी आरोप के चलते पिछले साल फरवरी में उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था, हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई।
गोडसे की प्रशंसा को लेकर क्या कहा था डॉ. शैजा ने?
डॉ. शैजा ने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा था कि, “हिंदू महासभा कार्यकर्ता नाथूराम गोडसे भारत में कई लोगों के नायक हैं।” उन्होंने यह भी कहा था कि गोडसे की वजह से ही भारत बच पाया। हालांकि, बाद में उन्होंने इस कमेंट को डिलीट कर दिया, लेकिन तब तक यह वायरल हो चुका था। इसके बाद डीवाईएफआई और युवा कांग्रेस जैसे संगठनों ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
राजनीतिक दलों ने उठाए सवाल
प्रोफेसर शैजा की डीन नियुक्ति का विरोध करते हुए कांग्रेस और वामपंथी संगठनों ने NIT Calicut के निदेशक के फैसले को गलत बताया है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया पर लिखा कि, “बार-बार भाजपा अपना असली रंग दिखाती है। यह निर्णय उनके गांधी-विरोधी विचारों का स्पष्ट समर्थन है। महात्मा गांधी के हत्यारों की सराहना करने वाले ऐसे लोगों को सार्वजनिक जीवन में कोई जगह नहीं मिलनी चाहिए।”
डॉ. शैजा ने दी थी सफाई
आरोपों के बाद डॉ. शैजा ने अपनी सफाई देते हुए कहा था कि उनके कमेंट का अर्थ गांधी जी की हत्या की सराहना करना नहीं था। उन्होंने कहा कि उन्होंने गोडसे की किताब पढ़ी थी, जिसमें कई ऐसे खुलासे और जानकारियां थीं, जिनके बारे में लोग नहीं जानते। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।
विरोध प्रदर्शन और मांगें
इस मामले में वामपंथी और कांग्रेस संगठनों ने NIT Calicut के निदेशक के फैसले को वापस लेने की मांग की है। उनका कहना है कि डॉ. शैजा को न केवल डीन के पद से हटाया जाए, बल्कि संस्थान से भी बर्खास्त किया जाए। इसके अलावा, DVFI और युवा कांग्रेस ने संस्थान के बाहर विरोध प्रदर्शन करने का भी ऐलान किया है।
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