चाय की टपरी से पान के ठेला तक, गडकरी ने गिनाए मुस्लिमों के काम, बोले- “100 बार नमाज पढ़ें, लेकिन आगे के भविष्य का क्या?”

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मुस्लिम समुदाय के सामाजिक-आर्थिक विकास पर चर्चा करते हुए शिक्षा और तकनीकी ज्ञान के महत्व पर जोर दिया है। नागपुर में एक संस्था के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि मुस्लिम समुदाय को चाय की टपरी, पान का ठेला, कबाड़ी की दुकान, ट्रक ड्राइवर और क्लीनर जैसे पारंपरिक व्यवसायों से आगे बढ़कर इंजीनियरिंग, डॉक्टरी और प्रशासनिक सेवाओं जैसे क्षेत्रों में आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा, “100 बार नमाज पढ़ें, लेकिन अगर हम विज्ञान और तकनीक को नहीं अपनाएंगे, तो हमारा भविष्य क्या होगा?” आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।

गडकरी ने मुस्लिम समुदाय को दी बड़ी सलाह

नितिन गडकरी ने नागपुर में एक संस्था के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मुस्लिम समुदाय के लोगों को शिक्षा और तकनीकी ज्ञान के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को पारंपरिक व्यवसायों से आगे बढ़कर इंजीनियरिंग, डॉक्टरी और प्रशासनिक सेवाओं जैसे क्षेत्रों में आगे आना चाहिए। गडकरी ने कहा, “हम मस्जिद में एक बार नहीं, सौ बार नमाज पढ़ें, लेकिन अगर हम विज्ञान और तकनीक को नहीं अपनाएंगे, तो हमारा भविष्य क्या होगा?”

पारंपरिक व्यवसायों से आगे बढ़ने की जरूरत

गडकरी ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को चाय की टपरी, पान का ठेला, कबाड़ी की दुकान, ट्रक ड्राइवर और क्लीनर जैसे पारंपरिक व्यवसायों से आगे बढ़कर इंजीनियरिंग, डॉक्टरी और प्रशासनिक सेवाओं जैसे क्षेत्रों में आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर मुस्लिम समुदाय के लोग इंजीनियर, डॉक्टर, IAS और IPS बनेंगे, तो समाज का विकास होगा।

‘जो करेगा जाति की बात, उसको मारूंगा कसकर लात’

गडकरी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपनी जाति, भाषा या पंथ से बड़ा नहीं होता है, बल्कि वह अपने गुणों से बड़ा माना जाता है। उन्होंने कहा, “मैं जाति, धर्म और पंथ के आधार पर बंटवारा नहीं करता हूं। मैंने हमेशा अपने विचारों को चुना है और हमेशा से सोचा था, जिसको वोट देना होगा देगा।” उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग जाति की बात करेंगे, उन्हें कसकर लात मारूंगा।

शिक्षा को सामाजिक-आर्थिक विकास का बताया आधार

गडकरी ने शिक्षा को सामाजिक-आर्थिक विकास का आधार बताया और कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को शिक्षा के महत्व को समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर मुस्लिम समुदाय के लोग शिक्षा और तकनीकी ज्ञान को अपनाएंगे, तो उनका भविष्य उज्ज्वल होगा। वहीं गडकरी ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने अपने ज्ञान और कौशल से दुनियाभर में अपना नाम रोशन किया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को भी शिक्षा और तकनीकी ज्ञान को अपनाकर अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाना चाहिए।

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