NITIN GADKARI NAGPUR LokSabha2024: भारतीय जनता पार्टी की तरफ से बुधवार को 72 कैंडिडैट के साथ दूसरी लिस्ट (NITIN GADKARI NAGPUR LokSabha2024) जारी हुई। इसमें वर्तमान केन्द्रीय मंत्रियों को भी उनकी लोकसभा चुनाव के लिए सीट मिल गयी। नितिन गडकरी को लेकर पिछले कुछ दिनों से बहस छिड़ी हुई थी। इसकी वजह है भाजपा के प्रथम पंक्ति के नेता, केंद्र सरकार में भी बहुचर्चित चेहरा और सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री। देश में सड़क निर्माण को लेकर और भारत में ईवी व्हिकल को बढ़ावा देने वाले का नाम पहली लिस्ट में भाजपा ने नहीं दिया।
कौन है नितिन गडकरी?
अगर सादा परिचय दिया जाए तो भाजपा के बड़े नेताओं में नाम शुमार है और केंद्र सरकार में सड़क (NITIN GADKARI NAGPUR LokSabha2024) परिवहन और राजमार्ग, जहाज़रानी, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री हैं। इसके आलवा नितिन गडकरी को व्यक्तिगत जाना जाए तो नागपुर के ही ब्राह्मण परिवार में जन्में और नागपुर से ही एमकॉम और वकालत की पढ़ाई की। नागपुर में ही एबीवीपी से राजनीति में पैर रखा और उसके कुछ ही समय बाद भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद राजनीति के कई पायदान पार कर भाजपा के ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर आसीन हुए।
गडकरी के नाम पर महाराष्ट्र में क्या बवाल हुआ?
लोकसभा चुनाव 2024 में जब सभी पार्टियां अपने प्रत्याशियों की सूची घोषित करने में लगी हुई थी तो सबसे (NITIN GADKARI NAGPUR LokSabha2024) पहले और सबसे बड़ी लिस्ट भाजपा ने निकली। बीजेपी की इस पहली लिस्ट में बीजेपी के दिग्गजों के नाम तो शामिल थे परंतु नितिन गडकरी का नहीं था। इसलिए महाराष्ट्र में शिवसेना के अध्यक्ष और नेता, उद्धव ठाकरे ने नितिन गडकरी को बीजेपी की पहली लिस्ट में नाम शामिल नहीं होने की वजह से अपनी पार्टी शिव सेना की तरफ से चुनाव लड़ने का खुला न्यौरता दे दिया था। हालांकि उद्धव ठाकरे के इस बयान के बाद बीजेपी से अपना पक्ष रखते हुए महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम ने कहा कि दूसरी लिस्ट में गडकरी का नाम होगा। वैसा हुआ भी।
नागपुर सीट पर नितिन गडकरी
भाजपा की दूसरी लिस्ट में नितिन गडकरी (NITIN GADKARI NAGPUR LokSabha2024) को महाराष्ट्र के नागपुर से टिकट मिल गया है। नागपुर में भाजपा का परचम असल में लहराने वाले नितिन गडकरी ही है। इससे पहले काँग्रेस को कड़ी टक्कर देने के बाद भी भाजपा जीत दर्ज नहीं करवा पाई थी। परंतु 2014 से नितिन गडकरी इस सीट पर अपना कब्जा जमाए हुए है। इस बार भी गडकरी जीत का दावा कर रहे हैं। हालांकि नागपुर सीट से भाजपा अब तक के इतिहास में ही 3 बार जीती है। जिसमें से भी गडकरी ने 2 जीत हासिल की है और 1996 में भाजपा की तरफ से जिताऊ उम्मीदवार बनवारी लाल पुरोहित थे। इसके बाद 2014 में भी भाजपा फिर से नागपुर में सत्ता में आई।
संघ का सहयोग या गडकरी का गढ़?
नागपुर में राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ यानि आरएसएस का मुख्यालय है। परंतु इस बात से भाजपा को पहले के चुनावों में बहुत ज्यादा फायदा हुआ नहीं। इसका दूसरा पक्ष ये है कि संघ का इस सीट के लिए भाजपा का सहयोग तो हो सकता है। परंतु पिछले दो लोकसभा चुनाव से नितिन गडकरी ने अपनी पहचान के साथ इस सीट को जीता है। अभी भी ऐसी ही उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि 2014 में मोदी फैक्टर में नितिन गडकरी (NITIN GADKARI NAGPUR LokSabha2024) 2 लाख 50 हज़ार वोटों से जीते थे। इसके बाद 2019 के आम चुनाव में जीत का अंतर थोड़ा कम हुआ, 2019 में 2 लाख 16 हज़ार से अधिक वोटों से जीत हासिल की। हालांकि 2019 की जीत के बाद राजनीति के विद्वान इस बात को कहने लगे कि दोनों ही जीत गडकरी के दम पर ही मिली है।
2019 और 2024 के चुनाव में क्या बदलेगा?
2019 लोकसभा चुनाव में नितिन गडकरी (NITIN GADKARI NAGPUR LokSabha2024) को कुल 6 लाख 60 हज़ार 2 सौ 21 वोट मिले थे। जो कि 55.67 वोट प्रतिशत था। जबकि भारतीय जनता पार्टी का दामन छोड़ कर काँग्रेस में गए नाना पटोले को 4 लाख 44 हज़ार, 2 सौ 12 वोट से ही संतुष्ट होना पड़ा। हालांकि 2014 के वोटों का अंतर 2019 में नहीं लाया जा सका परंतु फिर भी नितिन गडकरी की लोकप्रियता हर बार बढ़ी ही है। 2024 में देश भर में फैलाए सड़कों के जाल और ईवी के मुद्दे को जरूर भुनाया जाएगा। इसके लिए नितिन गडकरी की कई बार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर तारीफ भी हुई है। 2024 लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत की उम्मीद जताई जा रही है।
नागपुर सीट से काँग्रेस का उम्मीदवार कौन?
भाजपा ने नागपुर सीट से दो बार के सांसद नितिन गडकरी हो ही टिकट दिया है। अब गडकरी के सामने काँग्रेस को कोई मजबूत कैंडिडैट ही उतारना होगा। अभी जो संभावनाएं दिखाई दे रही हैं, उसके आधार पर 3 प्रमुख नाम सामने आ रहे हैं। जिसमें पहला नाम है वर्तमान काँग्रेस विधायक और काँग्रेस के ही एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव का पद संभाल चुके अभिजीत वंजारी, दूसरा नाम पूर्व केन्द्रीय मंत्री पुत्र, विशाल मुत्तेमवार का है। विशाल के पिता विलास मुत्तेमवार हैं। विशाल भी पिछले कुछ समय में ही काँग्रेस और प्रदेश में पहचान बनाने में कामयाम हुए हैं। तीसरा नाम ओबीसी से आने वाले परंतु कोरपोरेटर प्रफुल्ल गुडधे का है।
नागपुर में कौन तय करता है हार जीत?
6 विधानसभा क्षेत्रों वाली नागपुर संसदीय सीट पर कुल 22 लाख मतदाता हैं। इसमें भी 1 लाख ब्राह्मण है और करीब 3 लाख 50 हज़ार मतदाता मराठी है। इसके अलावा यहाँ की सीट पर हार – जीत तय करने वाली जातियाँ एससी – एसटी ही मानी जाती है। करीब 4 लाख 50 हज़ार एससी मतदाता हैं। विधानसभा सीट पर देखा जाए तो 6 में से 4 सीट पर वर्तमान में भाजपा काबिज है। मुस्लिम आबादी भी यहाँ 2 लाख के लगभग है और 2 लाख ही एसटी वोटर हैं।
गडकरी की हैट्रिक पक्की
स्थानीय चुनाव माहौल को देखा जाए तो भाजपा 400 पार का टार्गेट पूरा करने में लगी हुई है। राजनैतिक विद्वानों की मानें तो इस सीट पर गडकरी के सामने काँग्रेस का कोई कैंडिडैट भी आ जाए, जीत इकतरफा गडकरी (NITIN GADKARI NAGPUR LokSabha2024) की ही मानी जा रही है। इसके पीछे आधार है गडकरी की लोकप्रियता और देशभर में सड़कों और ईवी गाड़ियों का विकास और प्रचार। गडकरी ने पिछले साल तब चौंका दिया था जब राजनीति छोड़ने की बात की थी। परंतु ऐसा हुआ नहीं। नागपुर मूल के होने का फायदा भी गडकरी को मिलेगा ही।
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