Nitin Gadkari: महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतीमा गिरने पर लगातार सियासत हो रही है। पीएम मोदी से लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री तक को प्रतीमा गिरने पर राज्य की जनता से हाथ जोड़कर माफी तक मांगनी पड़ी। इस बीच केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि यदि सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा बनाने में स्टेनलेस स्टील का उपयोग किया गया होता, तो वह नहीं गिरती। उन्होंने तटीय क्षेत्रों में जंग-रोधी उत्पादों के उपयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।
प्रतीमा को लेकर क्या कहा गडकरी ने…
गडकरी ने कहा, ‘मैं पिछले तीन वर्षों से जोर दे रहा हूं कि समुद्र के करीब बनाए गए पुलों के निर्माण में स्टेनलेस स्टील का उपयोग किया जाना चाहिए। जब मैं राज्य मंत्री के रूप में मुंबई में 55 फ्लाईओवर का निर्माण करवा रहा था, तो उस दौरान एक व्यक्ति ने मुझे धोखा दिया। उसने लोहे की छड़ों पर पाउडर कोटिंग कर दी और कहा कि वे जंग-रोधी हैं। लेकिन उनमें जंग लग गई।
गठकरी ने आगे कहा, ‘अब मुझे लगता है कि समुद्र से 30 किमी के भीतर सभी सड़कों पर स्टेनलेस स्टील का उपयोग किया जाना चाहिए। अगर छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा के लिए स्टेनलेस स्टील का उपयोग किया गया होता, तो वह कभी नहीं गिरती।’। बता दें कि केंद्रीय मंत्री ने ये बातें फिक्की के एक कार्यक्रम के दौरान कहीं।
लुकआउट नोटिस जारी
मालवन के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा गिरने के बाद महाराष्ट्र सरकार एक्शन में है। सिंधुदुर्ग पुलिस ने मूर्तिकार जयदीप आप्टे के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है। बता दें कि एक हफ्ते से अधिक समय से वे लापता हैं। वहीं, पिछले हफ्ते मालवन पुलिस ने आप्टे और संरचनात्मक इंजीनियर चेतन पाटिल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की थी। जबकि पाटिल को 5 सितंबर तक पुलिस हिरासत में रखा गया है, आप्टे अभी भी फरार है।
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