अब हवाई यात्रा होगी और भी आसान, अमित शाह ने लॉन्च किया ‘फास्ट ट्रैक इमिग्रेशन’ प्रोग्राम

अभी तक एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन चेकिंग से परेशान हुए बिना कहीं भी नहीं जा सकते थे। लंबी कतारें, बोरियत और जटिल प्रक्रियाएं अक्सर यात्रियों के लिए सिरदर्द बन जाती थीं। लेकिन अब ऐसी परेशानी से राहत मिलने वाली है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में एक नई पहल शुरू की है, जिसका नाम है ‘फास्ट ट्रैक इमिग्रेशन – ट्रस्टेड ट्रैवलर प्रोग्राम’ (FTI-TTP)। इस पहल का उद्देश्य हवाई यात्रा को और भी तेज और आसान बनाना है, ताकि यात्रियों को इमिग्रेशन प्रक्रिया में झंझट न हो।

क्या है FTI-TTP और कैसे काम करेगा?

FTI-TTP एक ऐसी डिजिटल सुविधा है, जो भारतीय नागरिकों और ओसीआई (ऑवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया) कार्डधारकों के लिए उपलब्ध होगी। इसके तहत यात्रियों को इमिग्रेशन चेकिंग की लंबी प्रक्रियाओं से गुजरने की जरूरत नहीं होगी। यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी, और यात्रियों को केवल बायोमेट्रिक (फिंगरप्रिंट, आईरिस स्कैन आदि) डेटा के जरिए अपनी पहचान साबित करनी होगी।इससे इमिग्रेशन की प्रक्रिया ना सिर्फ तेज होगी, बल्कि पूरी तरह से डिजिटल भी होगी। यात्रियों को एयरपोर्ट पर चेकिंग के लिए किसी अधिकारी के पास जाने की जरूरत नहीं होगी। बस अपनी पहचान के लिए कुछ आसान स्टेप्स फॉलो करने होंगे, और फिर आपको बिना किसी परेशानी के इमिग्रेशन क्लीयरेंस मिल जाएगा।

कहाँ और कब से मिलेगा यह फायदा?

अमित शाह ने इस प्रोग्राम का उद्घाटन गुरुवार को अहमदाबाद से किया। इसके बाद यह सुविधा भारत के प्रमुख हवाई अड्डों पर शुरू हो जाएगी। शुरुआत में इसे अहमदाबाद, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोचीन जैसे बड़े एयरपोर्ट्स पर उपलब्ध कराया जाएगा। यात्रियों को अब इन एयरपोर्ट्स पर लंबी कतारों और इमिग्रेशन अधिकारियों के पास जाकर अपनी पहचान चेक कराने की जरूरत नहीं होगी। केवल बायोमेट्रिक डेटा और ऑनलाइन पंजीकरण के बाद वे आसानी से यात्रा कर पाएंगे।

 

पंजीकरण कैसे करें?

FTI-TTP का लाभ उठाने के लिए यात्रियों को पहले एक ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर पंजीकरण करना होगा। यह पोर्टल है: https://ftittp.mha.gov.in। इस पोर्टल पर आपको अपना नाम, पता, यात्रा से जुड़ी जानकारी और कुछ जरूरी दस्तावेज़ अपलोड करने होंगे। पंजीकरण के बाद, आपका बायोमेट्रिक डेटा या तो विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) में या फिर एयरपोर्ट पर रिकॉर्ड किया जाएगा।

कैसे काम करेगा इमिग्रेशन प्रोसेस?

पंजीकरण पूरा होने के बाद, जब आप एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे, तो आपको अपनी बोर्डिंग पास और पासपोर्ट को स्कैन करना होगा। इसके बाद, आपकी बायोमेट्रिक पहचान चेक की जाएगी। अगर यह पहचान सही पाई जाती है, तो एयरपोर्ट पर ई-गेट अपने आप खुल जाएगा और आपको इमिग्रेशन क्लीयरेंस मिल जाएगा। इसमें कोई जटिल प्रक्रिया नहीं होगी और आप बिना किसी दिक्कत के अपनी यात्रा जारी रख पाएंगे।

क्या है इससे होने वाले फायदे?

समय की बचत: अब आपको इमिग्रेशन के लिए घंटों तक कतार में खड़ा नहीं रहना होगा। बस कुछ सेकंड्स में ही प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
सुरक्षा: बायोमेट्रिक डेटा के जरिए आपकी पहचान को पूरी तरह से सत्यापित किया जाएगा, जिससे यात्रा के दौरान आपकी सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
सुविधा: यात्रियों को अब बिना किसी झंझट के एयरपोर्ट पर से गुजरने का अनुभव मिलेगा। यह खासतौर पर उन लोगों के लिए राहतकारी होगा जो अक्सर यात्रा करते हैं।

किसे मिलेगा इस प्रोग्राम का लाभ?

इस सुविधा का सबसे पहला लाभ भारतीय नागरिकों और ओसीआई कार्डधारकों को मिलेगा। शुरूआत में यह पूरी तरह से मुफ्त होगी, ताकि अधिक से अधिक लोग इस प्रोग्राम का लाभ उठा सकें। आने वाले समय में इस सुविधा को और एयरपोर्ट्स पर भी लागू किया जाएगा।

देशभर में कब से मिलेगा यह फायदा?

इस योजना को देशभर के 21 प्रमुख हवाई अड्डों पर लागू किया जाएगा। यानी, आने वाले कुछ महीनों में भारत के और भी बड़े एयरपोर्ट्स पर यात्रियों को इस सुविधा का लाभ मिलेगा। इससे एयरपोर्ट पर भीड़ कम होगी और यात्रियों का अनुभव बेहतर होगा।

 क्यों है यह कदम इतना महत्वपूर्ण?

भारत सरकार की यह पहल देश को विकसित भारत बनाने की दिशा में एक अहम कदम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से डिजिटल इंडिया को प्रमोट किया है, यह प्रोग्राम उसी दिशा में एक और मील का पत्थर साबित हो सकता है। जहां पहले हवाई यात्रा की प्रक्रिया लंबी और थकाने वाली होती थी, अब यह तेज, सुरक्षित और डिजिटल होगी। भारत के लिए यह एक बड़ा कदम है, क्योंकि इससे अंतरराष्ट्रीय यात्रा में न केवल गति आएगी, बल्कि सुरक्षा भी बढ़ेगी। यह कदम देश को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए एक अहम पहल है, जो आने वाले समय में और भी बेहतर हो सकती है।

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