Organ Transplant : अब नहीं होगा अंग प्रत्यारोपण में फर्जीवाड़ा, मामले में राज्य सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला
Organ Transplant : जयपुर। राजस्थान में अंग प्रत्यारोपण में फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार ने प्रदेश में सरकारी और निजी अस्पतालों में मानव अंग एवं उत्तक प्रत्यारोपण में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए चिकित्सा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने विशेष आदेश जारी किए।
अब बिना यूनिक आईडी अंग प्रत्यारोपण पर बैन
राज्य सरकार के चिकित्सा विभाग की ओर से जारी आदेश में स्पष्ट निर्देश है कि जिसको अंग प्रत्यारोपित किया जाना है, उसको और अंग दानदाता को यूनिक आईडी दी जाएगी। यूनिक आईडी के बिना अंग प्रत्यारोपण संभव नहीं हो सकेगा। ये यूनिक आईडी ही पहचान करेगी और फर्जीवाड़े पर पूरी तरह अंकुश लग जाएगा।
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इस फर्जीवाड़े के कारण हुई थी फजीहत
दरअसल यहां के मणिपाल अस्पताल में मानव अंगों के प्रत्यारोपण के लिए ट्रांसप्लांट आफ ह्यूमन आर्गन एक्ट के तहत पंजीकण एवं नवीनीकरण प्रमाण-पत्र जारी किए गए थे। लेकिन इसमें अस्पताल की भूमिका संदिग्ध मिली। जिसके चलते इस अस्पताल का पंजीकरण एवं नवीनीकरण प्रमाण-पत्र निलंबित कर दिया गया । चिकित्सा विभाग की प्राधिकृत अधिकारी डा. रश्मि गुप्ता ने ये जानकारी दी।
ऐसे जनरेट होगी यूनिक आईडी
यूनिक आईडी के लिए अधिकृत सरकारी और निजी अस्पतालों को नोटो की वेबसाइट पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना होगा। जिसके बाद यूनिक आईडी जनरेट होगी। अंग प्रत्यारोपण ऑपरेशन के 48 घंटों के भीतर ये यूनिक आईडी जनरेट करनी अनिवार्य होगी।
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एक कर्मचारी की भूमिका संदिग्ध
फोर्टिस अस्पताल में भी पिछले दिनों फर्जी एनओसी का मामला सामने आने के बाद इस अस्पताल के एक कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया। जांच में सामने आया कि ये कर्मचारी पहले मणिपाल अस्पताल में काम करता था। फिलहाल इस कर्मचारी से पूरे मामले में जानकारी जुटाई जा रही है कि अब तक कितना फर्जीवाड़ा हुआ है।