Odisha MLAs: ओडिशा की राजनीति में मंगलवार रात बड़ा हंगामा देखने को मिला। कांग्रेस विधायकों ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों की जांच के लिए विशेष समिति के गठन की मांग को लेकर विधानसभा में ही रात गुजार दी। इस दौरान विधानसभा के बाहर यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी जमकर प्रदर्शन किया।
क्यों भड़का विवाद?
कांग्रेस के विधायक सरकार से पिछले आठ महीनों में महिलाओं के खिलाफ हुए अपराधों की जांच की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि महिलाओं पर हो रहे अपराधों पर कार्रवाई होनी चाहिए और एक विशेष कमेटी बनाई जाए, जो इन मामलों की निष्पक्ष जांच करे। लेकिन जब सरकार और विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी मांग नहीं मानी तो कांग्रेस विधायक सदन के अंदर ही धरने पर बैठ गए।
#WATCH | Bhubaneswar: Odisha Congress in-charge Ajay kumar Lallu says, "When did talking about women's safety become a crime in the country… More than 64000 women are missing in Odisha. Gangrapes are happening every day… If elected MLAs seek answers on these issues from the… pic.twitter.com/ljNhwI8Ml6
— ANI (@ANI) March 25, 2025
स्पीकर ने लिया सख्त एक्शन, 12 विधायक निलंबित
कांग्रेस विधायकों के इस विरोध और अनुशासनहीनता को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने कड़ा कदम उठाया। उन्होंने कांग्रेस के 12 विधायकों को सात दिनों के लिए निलंबित कर दिया। निलंबित किए गए विधायकों के नाम हैं:
- सागर चरण दास
- मंगू खिल्ला
- सत्यजीत गोमांगो
- अशोक कुमार दास
- दशरथी गमंगो
- सोफिया फिरदौस
विधायकों का ऐलान – डरेंगे नहीं, धरना जारी रहेगा
निलंबन के बाद भी कांग्रेस विधायकों का आक्रोश कम नहीं हुआ। दो विधायकों को निलंबन से छूट मिली, जिनमें ताराप्रसाद बहिनीपति भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, “हमने सदन के वेल में रात बिताने और अपनी मांग जारी रखने का फैसला किया है। सरकार चाहे तो मार्शल या पुलिस का सहारा ले, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं।”
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