उत्तर-प्रदेश में अवैध तरीके से मकान गिराने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। दरअसल उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले के हमीदनगर मोहल्ले में प्रशासन ने मनोज टिबडेवाल के घर को बिना नोटिस दिए ही बीते 13 सितंबर 2019 को तोड़ दिया था। जिसके बाद मकान मालिक मनोज टिबडेवाल ने सुप्रीम कोर्ट को 2019 में ही चिट्ठी भेजकर इस घटना की जानकारी दी थी।
क्या है मामला
स्थानीय मीडिया के मुताबिक महाराजगंज जिले के हमीदनगर मोहल्ले में प्रशासन ने बीते 13 सितंबर 2019 को मनोज टिबडेवाल के घर को बिना नोटिस दिए ही गिरा था। इस घटना के बाद मनोज टिबडेवाल ने सुप्रीम कोर्ट को 2019 में एक पत्र लिखा था। इस पत्र में मनोज टिबडेवाल ने बताया था कि उनके घर को प्रशासन द्वारा गिराया गया है। उन्होंने बताया कि 13 सितंबर को नेशनल हाईवे निर्माण के दौरान उनका पुश्तैनी मकान गिरा दिया गया था। लेकिन इससे पहले ना तो जमीन का अधिग्रहण हुआ था और ना ही उन्हें अतिक्रमण को लेकर कोई नोटिस दिया गया था। प्रशासन ने अचानक मकान तोड़ दिया था। उन्होंने ये भी बताया कि घर में रखा सामान हटाने तक का मौका नहीं दिया गया था। बता दें कि उस समय महराजगंज के डीएम अररनाथ उपाध्याय थे।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया 25 लाख मुआवजे का आदेश
बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को आदेश दिया था कि उस व्यक्ति को 25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाना चाहिए। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस मामले में तत्कालीन डीएम अमरनाथ उपाध्याय, एडीएम कुंज बिहारी समेत 27 अधिकारियों के खिलाफ सदर कोतवाली में केस दर्ज हुआ है।
हाईवे निर्माण के दौरान टूटे 123 लोगों के मकान
उत्तर प्रदेश के महराजगंज में वर्ष 2019 में हाईवे निर्माण के दौरान 123 लोगों का मकान तोड़ा गया था। इस मामले को लेकर मनोज टिबडेवाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिसके बाद मनोज की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ये ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अन्य पीड़ितों को मुआवजा मिलने की आस जगी है।
आज तक नहीं हुआ सड़क निर्माण
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिस सड़क निर्माण के लिए बुलडोजर से 123 मकान तोड़े थे। वो अभी भी अधूरे हैं। वहीं इस मामले में पुलिस अधीक्षक सोमेंद्र मीणा ने बताया कि तत्कालीन डीएम समेत 27 अधिकारियों पर केस दर्ज हुआ है, वहीं मामले की विवेचना की जा रही है।
इन अधिकारियों पर दर्ज हुआ केस
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कई अधिकारियों पर केस दर्ज हुआ है। जिसमें तत्कालीन जिलाधिकारी, महराजगंज वर्तमान में निलंबित अमरनाथ उपाध्याय, अपर जिलाधिकारी कुंज बिहारी अग्रवाल, तत्कालीन अधिशासी अधिकारी राजेश जायसवाल समेत कई बड़े अधिकारियों का नाम शामिल है।
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